खबर लहरिया राजनीति कृषि प्रधान देश में कृषियों के लिए कम बजट

कृषि प्रधान देश में कृषियों के लिए कम बजट

26-02-15 Mahoba - Mahila kisaan (old photo) for webअकसर आबादी और विकास के मामलों में भारत और चीन की तुलना की जाती है। पर अगर खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र के विकास की बात करें तो भारत चीन से मीलों दूर है।
एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार इसका कारण साफ है। 2012 में भारतीय सरकार ने सिर्फ साढ़े छह प्रतिशत बजट कृषि क्षेत्र पर खर्च किया था। वहीं चीन ने पूरे बजट का साढ़े नौ प्रतिशत हिस्सा खेती से जुड़े मुद्दों के लिए रखा था। इसके पहले भी हर साल कृषि क्षेत्र में विकास पर खर्च और उसके सुधार के लिए इस क्षेत्र में लगाई जा रही राशि चीन से हमेशा कम रही है।
जब बात खाद्य सुरक्षा की हो तो अब तक भारत में नए खाद्य सुरक्षा कानून को उन्तीस में से सिर्फ पांच राज्यों में लागू किया गया है। पौष्टिक आहार की कमी और खुले में शौच जैसी समस्याओं के कारण भी भारत अपने नागरिकों को बुनियादी अधिकार भी नहीं दे पाया है।
इस रिपोर्ट का मानना है कि क्योंकि जितने खर्च की ज़्ारूरत है उतना पैसा खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र में नहीं खर्च किया जा रहे है, इसलिए भारत के विकास पर असर पड़ रहा है।