खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: बरहा प्राथमिक विद्यालय से बोतल में बाहर पानी लेने जाते बच्चे

चित्रकूट: बरहा प्राथमिक विद्यालय से बोतल में बाहर पानी लेने जाते बच्चे

पानी की दिक्कत(Water problem)   :  रिपोर्टिंग की चित्रकूट जिले के प्राथमिक विद्यालय बरहा की जहाँ पाया कि मासूम बच्चों के लिए पीने के पानी की दिक्कत  है। विद्यालय परिसर में एक हैंडपम्प लगा है जो पिछले पांच सालों से बिगड़ा पड़ा है। बच्चे घर से पानी लेकर आते हैं लेकिन एक बोतल पानी कब तक चलेगा। बच्चे घरों से बोतल में पानी भरकर ले जाते हैं। कुछ समय बाद ही प्लास्टिक का बोतल इतना गर्म हो जाता है कि उसे पी नहीं सकते विद्यालय से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बच्चे भोजन कर थाली धुलने और पानी पीने जाते हैं तो सुरक्षा की चिंता सताती है।

पीने के पानी की समस्या के चलते बच्चे पढ़ाई में रूचि नहीं दिखा रहे हैं जिससे एक्सीडेंट का भी खतरा बना रहता है।

सरकारी स्कूलों में बच्चों के बेहतर पोषण के लिए सरकार ने मिड डे मील के बाद दूध वितरण योजना तो शुरू कर दी है, लेकिन चित्रकूट के प्राथमिक विद्यालय बरहा में अभी भी ऐसी स्थिति है जिनमें बच्चों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है।

हालत ये है कि बच्चों को अपने पीने के लिए घर से बोतलों में पानी लाना पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को दूध तो दिया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में उन्हें पीने का मीठा पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। बच्चों की पेयजल सुविधा के लिए विद्यालय परिसर में लगा हैंडपंप खराब हालत में है। जिन्हें शिकायतों के बाद भी ठीक नहीं किया जा रहा है। स्कूलों में पेयजल व्यवस्था न होने से स्कूल में अध्ययनरत लगभग 60 छात्र, छात्राएं पीने के पानी की व्यवस्था न होने से परेशान हो  रहे है।

विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक निखिल कुमार पांडे ने बताया की मैं भी अपने घर से पीने के पानी की बोतल लाता हूँ लेकिन एक बोतल पूरे दिन नहीं चलता। इस संबंध में प्रधान सहित शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करवाया गया है। लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका है। बरहा गाँव के प्रधान जग्गनाथ ने बताया कि मैंने कई बार मिस्त्री को बुलाना चाहा लेकिन खाते में बजट नहीं है जिसकी वजह से नहीं हो पा रहा है लेकिन मैं पानी की टंकी की व्यवस्था कर रहा हूँ थोड़ा टाइम लगेगा। सोचने वाली बात है कि क्या इन पांच सालों में प्रधान के खाते में बजट नहीं आया की विद्यालय का हैंडपम्प ठीक कराया जा सके। एक तरफ बच्चे पानी पीने के लिए सड़क पार कर जाते हैं जहाँ कभी भी कुछ भी हो सकता है। पर इस बात को लेकर जब “जिला बेशिक शिक्षा विभाग से बात की गई तो उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। आश्वाशन दिया है की जल्द पानी की दिक्कत ख़तम  कराई जायेगी”