खबर लहरिया औरतें काम पर ललितपुर: नीम की निम्‍बोली बीन कर घर का खर्चा चलाती हैं ये महिलायें

ललितपुर: नीम की निम्‍बोली बीन कर घर का खर्चा चलाती हैं ये महिलायें

जिला ललितपुर ब्लॉक महरौनी गाँव पड़वा के लगभग 15 आदिवासी परिवार निम्‍बोली बीनने का काम करते हैं। गर्मी के मौसम में वह ज़्यादातर निम्‍बोली इकट्ठा करने का काम करते हैं। महिलाओं का कहना है कि एक दिन में लोग लगभग 10 किलो निम्‍बोली बीनते हैं। जिसे सुखाने के बाद सिर्फ 5 किलो ही बचती है और उसे ही लोग बेचते हैं। एक दिन में सिर्फ वह बीस से पचास रुपये कमा पाते हैं। महीने में सिर्फ हज़ार रुपए तक की ही कमाई हो पाती है। इतने कम पैसों में तेल या राशन खरीदना बहुत मुश्किल होता है। इतने में उनका गुज़ारा कर पाना मुश्किल है।

लोग निम्बोरी बीनने के लिए पढ़मा ,धवारी ,गुमची, महरौनी, सुनवाहा, बानपुर, वीर, भैरा, आदि गांवो में जाते हैं। लोग सुबह 7 बजे ही निम्‍बोली बीनने के लिए पैदल निकल जाते हैं और 8 बजे तक लौटते हैं। नीम के निम्‍बोली के कई फायदे भी होते है जैसे नीम की निम्‍बोली से आयुर्वेदिक दवाई भी बनाई जाती है जिसे कई बीमारिया में इस्तेमाल किया जाता है। जैसे इनका प्रयोग त्वचा ,पाचन क्रिया जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।

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