खबर लहरिया National पीरियड और गर्भावस्था में योगा कितना फायदेमंद हैं? जानिए योगा टीचर सुमोना से

पीरियड और गर्भावस्था में योगा कितना फायदेमंद हैं? जानिए योगा टीचर सुमोना से

नमस्कार, मैं मीरा देवी, खबर लहरिया की प्रबन्ध सम्पादक, अपने शो राजनीति रस राय में आपका बहुत बहुत स्वागत करती हूं। दोस्तों आज सब लोग योगा करते दिख रहे हैं चाहे वह ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन। सोशल मीडिया में मैसेज, फ़ोटो, वीडियो की भरमार है और इत्तेफाक है कि मेरे इस शो का दिन भी मैच कर गया। तो क्यों न आज के शो भी इसी मुद्दे पर क्यों न किया जाय।

वैसे योगा करना तो सबके लिए बहुत जरूरी है लेकिन इसका महत्व समझना और टाइम निकालना सबके लिए मुश्किल भी है। मेरे दादा और नाना के समय मैंने देखा कि जो पहलवान हुआ करते थे या फिर जो फोर्स में जाने की तैयारी करते थे वही योग पर ध्यान देते थे। हमने भी अपने स्कूल टाइम पर खूब खेल खेले हैं। स्पेषल टीचर होते थे और खेल का टर्न हर रोज लगता था। हम तो इंटरवल में भी जल्दी खाना खत्म करके खेलने भीग जाते। खैर अब तो बहुत सारे स्कूलों से खेल के मैदान भी गायब हैं।

ओह्ह मैं भी न, अपने बचपन में चली गई। आइए आज के दौर की बात करें तो फैशन, रोजगार और गरीबी अमीरी ने हर क्षेत्र में अपने पैर पसार लिए। और तो और इधर करीब 8 सालों से योगा ने राजनीति का रूप ले लिया। 21 जून को योगा दिवस का रूप ले लिया और सब चल पड़े इस आंधी में। लेकिन सुनिए मैं इस राजनीतिक आंधी की नहीं बल्कि योगा क्यों जरूरी है इस भागदौड़ भरी जिंदगी में उसकी बात करूंगी।

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आज इस शो में मैं लेकर आई हूं बहुत ही खास मेहमान सुमोना जी को जो कि वह दिल्ली की रहने वाली हैं। वह योगा स्पर्ट और टीचर हैं। योगा के क्षेत्र में उनका लम्बा अनुभव है। आज इस खास मौके पर हम जानेंगे कि योगा सबके लिए कितना जरूरी है।

1 क्योंकि आप योगा विशेषज्ञ और टीचर भी हैं तो योगा करना कितना ज़रूरी है।

2 खुद की दिनचर्या जो योगा सीखने और सीखाने वाली है क्या आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। उससे आपकी जिंदगी में किस तरह का फर्क पड़ता है

3 भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं के लिए समय निकाल पाना मुश्किल होता है और वह जरूरी भी नहीं समझती हैं तो आपकी क्या राय है उनके लिए

4 महिलाएं जब मुश्किल दौर से गुजरती हैं चाहे वह पीरियड का दर्द हो, गर्भवस्था हो तो योगा करना कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।

5 योगा मतलब जिम शौक में और रोजगार व गरीबी अमीरी में बदलता जा रहा है। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे।

6 आपके लंबे अनुभव से मैं कह सकती हूं कि योगा की जरूरत तो हर रोज है तो एक दिवस के रूप में मनाना कितना ठीक है और उससे कोई फर्क पड़ेगा चाहे वह योगा के प्रति जागरूकता हो या जिम्मेदारी।

बहुत बहुत धन्यवाद सुमोना जी, अपना अनुभव शेयर करने के लिए। साथ ही यह एहसास दिलाने के लिए कि योगा सबके लिए कितना जरूरी और महत्वपूर्ण है।

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