खबर लहरिया Blog वाराणसी : अग्निपथ योजना से यातायत प्रभावित, राजस्व में हुआ लाखों का नुकसान

वाराणसी : अग्निपथ योजना से यातायत प्रभावित, राजस्व में हुआ लाखों का नुकसान

अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन और  बसों व ट्रेनों के रद्द होने की वजह से राजस्व में बहुत ज़्यादा घाटा देखा गया है।

अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे प्रदर्शन की वजह से पूरे भारत में तनाव का माहौल बना हुआ है। जगह-जगह बसें व ट्रेनें जलाई जा रहीं हैं, जिससे यातायात बहुत प्रभावित हुआ है। अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे लगातार प्रदर्शन के बाद 20 जून को भारत बंद की घोषणा की गयी थी। इससे पहले यूपी, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों में योजना को लेकर हिंसा भी देखने को मिली। इसका परिणाम यह हुआ है कि बसों को रोक दिया गया। ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। यहाँ तक कि आने-जाने वाले यात्रियों के टिकट को भी निरस्त किये जा रहें हैं।

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अग्निपथ योजना हिंसा के बाद जनता की राय

यूपी के वाराणसी जिले में भी 17 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रर्शनकारियों द्वारा धरना दिया गया था जिसने हिंसा का धारण कर लिया। आशापुर चौराहे में रहने वाले पवन का कहना है कि बच्चे जिस तरह से तैयारी करते हैं, उन्हें काफी समय लग जाता है तैयारी करने और नौकरी मिलने में। अब 4 साल की नौकरी पाकर बच्चे क्या करें? क्या उन्हें सरकार पेंशन देगी? क्या उन्हें आगे चलकर जॉब मिलेगी ?

आगे कहा, अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के चलते जो बसे गाजीपुर और मऊ से आने वाली थी, उनको रोक दिया गया है। इस वजह से यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर वह लोग आशापुर से मैदागिन तक बस लेते है तो उन्हें ₹30 देना पड़ता है,और आगे गाड़ी भी जल्दी नहीं मिल पाती।

वह सरकार से यही कहना चाहते हैं कि इन बच्चों की जो मांगे हैं वह शांतिपूर्वक पूरी की जाए। जैसे पहले नौकरी मिलती थी वैसे उन्हें नौकरी दी जाए ताकि उनकी मेहनत बेकार ना जाए। इन बच्चों को यही लग रहा है कि 4 साल नौकरी करके फिर वह कहाँ जाएंगे। दोबारा जॉब के लिए भटकना पड़ेगा, सैलरी का भी मालूम नहीं कैसी मिलेगी।

प्रदर्शन के चलते बसें बंद, देना पड़ रहा दुगना किराया

बस स्टेशन कैंट के यात्री सुनील का कहना है कि वह आज मऊ जाने वाले थे लेकिन 2 घंटे से वह यहां पर भटक रहे हैं। उन्हें  साधन नहीं मिल रहा है। आखिर यह कब तक चलेगा? ऐसे यात्री कब तक भटकते रहेंगे? जिसको जहां जाना है वह तो जा ही रहे हैं लेकिन कैसे जाएंगे  यह पता नहीं है।

कैंट स्टेशन से गाजीपुर, बलिया, मऊ, जौनपुर, इलाहाबाद, बीजापुर जाने के लिए यहां से सारी बसें मिलती है जो कि इस प्रदर्शन के चलते बंद कर दी गयी हैं।

यहाँ जो यात्री आते हैं उन्हें पता होता है कब कौन सी बस कितने बजे जाएगी। आज हम लोग भटक रहे हैं, दो-दो तीन-तीन घंटे से इंतज़ार कर रहे हैं कि कब बस आएगी। अगर यह बवाल नहीं होता तो शायद यह परेशानी यात्रियों को नहीं झेलनी पड़ती। ज्यादा भाड़ा देने के बाद भी बसें नहीं मिल रही है। दूसरे शहर जाने के लिए इक्का-दुक्का बस जो चल भी रही है ,वह एकदम भरी हुई रहती है और जहां यात्री जाना चाहता है वह दूर तक का सफर नहीं कर पा रहा है।

17 तारीख  से यह मुश्किल बरक़रार हैं। ऐसे में यात्री करें तो करें क्या।

मड़वाडीह स्टेशन के संदीप का कहना है कि,’मैं अपना टिकट निरस्त करवा रहा हूँ। जब ट्रेन नहीं चल रही है तो क्या करें।’

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कई ट्रेनें हुई रद्द

वाराणसी सिटी से कई ट्रेनें रद्द हो चुकी है। पवन एक्सप्रेस, बरैनी, ग्लोरिया, जयनगर, नई दिल्ली, सीतामढ़ी, आनंद विहार, रक्सौल , दानापुर, सिकंदराबाद, छपरा, चेन्नई सेंटर, आनंद विहार एक्सप्रेस ट्रेने नहीं चलाई गई है। आज 21 जून 2022 को भी ट्रेनें रद्द रहेंगी। टिकट का भी निरस्तीकरण ज़ारी है।

प्रयागराज, रामबाग, मऊ, राची विशेष गाड़ी, आजमगढ़, वाराणसी सिटी, भदैनी- वाराणसी सिटी, छपरा ,बलिया अनारक्षित गाड़ियां 21 जून को नहीं चलेगी।

युवा देश का सोचें – निर्भय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष

निर्भय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेशनल रेलवे कंसल्टेटिव काउंसलिंग के सदस्य, सतीश मिश्रा बाबा का कहना है कि वह कैंट स्टेशन की पूरी तरह से निरक्षण कर रहे हैं। निर्भय सेना भी इस काम में अच्छे से लगी हुई हैं। उनकी युवाओं से आग्रह हैं कि वह ऐसे देश को न जलाएं बल्कि शांति से इस योजना का प्रदर्शन करें। यह युवा पीढ़ी ही हमारा भविष्य है। अगर यह लोग ही अपने देश का ऐसा हाल करेंगे तो ये आगे इसकी रक्षा कैसे करेंगे। उन्होंने यह भी कहा हैं की सरकार को इस योजना पर विचार-विमर्श करना चाहिए और फिलहाल इसको वापिस ले लेना चाहिए।

कई उपद्रवी हुए गिरफ़्तार

परिवहन विभाग के आकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक इस मामले में 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। वहीं इस हिंसा में 36 बसों को जलाया गया है। इसकी वजह से लगभग 12 लाख की संपत्ति का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में हिंसक और तोड़-फोड़ गतिविधि में लिप्त और पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से हुए सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई की जाएगी।

हिंसा की वजह से लाखों का हुआ नुकसान

अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध की वजह से यातायात को काफी नुकसान हो रहा है। आर.एस.के तिवारी का कहना है कि 6 घंटे तक बसें न चलने से 10 से 12 लाख राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। आम दिनों में जहाँ बसे सुबह 7:30 बजे से चलना शुरू हो जाती थी, वहाँ आजकल दोपहर 2 बजे तक किसी भी बस का संचालन नहीं हो पा रहा है। निजी बसें भी सामान्य दिनों की तुलना में कम चल रही हैं। ऐसे में यात्रियों को काफ़ी परेशानी हो रही है।

अग्निवीर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन ज़ारी

अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के बीच ही भारतीय सेना ने एक ज़रूरी नोटिफिकेशन जारी किया हैं।  इसका रजिस्ट्रेशन जुलाई से शुरू हो जाएगा। बता दें, 8वीं और 10वीं  के छात्र भी अग्निवीर के लिए अप्लाई कर सकेंगे। इस नोटिफिकेशन में फिजिकल टेस्ट, वेतन, बिमा और भी अन्य चीज़ो के बारे में बताया गया हैं। इसमें यह भी कहा गया है की अगले 4 साल के लिए ही वह अग्निवीर रहेंगे। साथ ही रिटायर होने के बाद उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगा और उन्हें सिर्फ 30 छुट्टियां ही मिलेंगी।

उन्हें कोई अलाउंस भी नहीं मिलेगा। उन्हें एक बार में 48 लाख का बिमा दिया जायेगा। सर्विस के चार साल पूरे होने के बाद हर बैच के 25 फीसदी अग्निवीरों को भारतीय सेना में भर्ती कर लिया जाएगा। ये 25 फीसदी अग्निवीर भारतीय सेना में 25 साल और भारतीय सेना में नौकरी कर सकेंगे।

जहाँ अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, वहाँ भारतीय सेना ने नयी खबर लाकर और तनाव बढ़ा दिया हैं। इस नोटिफिकेशन के आने से आगे क्या होने वाला है ये तो आने वाला समय ही बताएगा। यह भी सवाल रहेगा कि आखिर कितने युवा इस अग्निवीर परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं।

इस खबर को आमरा आमिर द्वारा लिखा गया है। 

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