खबर लहरिया कोरोना वायरस और कितना सताएगी महामारी: गंगा में बह रही लाशें उधर ब्लैक फंगस ने भी जमाए देश में पैर | द कविता शो

और कितना सताएगी महामारी: गंगा में बह रही लाशें उधर ब्लैक फंगस ने भी जमाए देश में पैर | द कविता शो

नमस्कार दोस्तों!! द कविता शो इस एपीसोड में आपका स्वागत है। दोस्तों देश में एक के बाद मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कई दिनों से मीडिया में ये खबरें तेजी बढ़ रही हैं कि नदियों में तैरती लाशे मिल रही है। जिसकी वजह से लोग दहशत में हैं। वहीं दूसरी तरफ एक और नई बीमारी जन्म ले चुकी चुकी है।जिसका नाम है ब्लैक फंगस। मैं इस एपीसोड में इन दोनों मुद्दे पर बात करूंगी।

बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी किनारे बड़ी संख्या में तैरती लाशें देखी गई हैं। ये लाशों ने लोगों के दिलों में और भी ज़्यादा डर भर रही हैं। बताया जा रहा है कि ये लाशें यूपी से बहती हुई बिहार पहुंची हैं और ये कोविड से मरे लोगों की लाशे हो सकती हैं क्योंकि शमसान घाटों में अब अजगर नहीं है और लकड़ी भी नहीं मिल रही। इलाके में फैली दुर्गंध से अन्य तरह की बीमारी जन्म ले आती है और नदी का पानी पीने से इंसानों और जानवरो के लिए घातक हो सकता है । अब देखना ये हैं कि सरकार इस नयी चुनौती से कैसे निपटेगी।

दूसरी तरफ नयी बीमारी ब्लैक फंगस ने लोगों को और चिंता में डाल दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती स्टेज में ही बीमारी पकड़ में आ जाती है तो मरीज का पूरी तरह इलाज किया जा सकता है। यदि नाक में ही फैली है और ब्रेन व फेफड़ों तक नहीं पहुंची है तो भी मरीज के बचने के चांस 50-50 हैं। यदि फेफड़ों तक फैल गई तो मरीज के बचने के चांस 25 प्रतिशत रह जाते हैं। यदि म्यूकरमायकोसिस ब्लड में फैल गई है तो मरीज के बचने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। इसलिए अलर्ट रहने के साथ ही शक होने पर नेजल एंडोस्कॉपी कराना बेहद जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) घातक इंफेक्शन होता है कि जो कि हमारे शरीर में ब्लड सप्लाई को प्रभावित करता है। जहां पर यह ब्लैक फंगस हो जाता है। वहां से आगे की ब्लड सप्लाई रुक जाती है और एक प्रकार से यह जितनी दूरी तक फैल चुका होता है। वहां के नर्व सिस्टम में ब्लड की सप्लाई को डैमेज कर देता है। सर्जरी के बाद ही उतने हिस्से से ब्लैक फंगस हटाकर मरीज को बचाया जाता है। इस समय कोरोना वाले मरीजों में नाक में मरीजों को ब्लैक फंगस हो रहा है।

ये हैं ब्लैक फंगस के लक्षण

– नेजल ड्राइनेस
– नाक बंद होना
– नाक से अजीब से कलर या काले खून का डिस्चार्ज होना
– आंख खोलने में दिक्कत होना
– अचानक से दोनों आंख या एक आंख से कम दिखाई देना, आंख में सूजन होना।

इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा भी मंडरा रहा है। जो दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक होगा। सरकार इन सारी मुसीबतों से लड़ने के लिए क्या इंतजाम करेगी । क्या लोगों की जानें बच पायेगी । यही सवाल सबके दिलों दिमाग में बैठा है।

तो दोस्तो कैसे लगा ये मेरा शो? आप जरूर से कमेंट करके बताईये और अपने दोस्तों के साथ में मेरा शो शेयर करिए। अभी के लिए इतना ही… अगले एपीसोड में फिर मिलूंगी कुछ करारी बातों के साथ नमस्कार!!

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