खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए समलैंगिगता की मज़ेदार कहानी फिल्म बधाई दो : आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाएँ

समलैंगिगता की मज़ेदार कहानी फिल्म बधाई दो : आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाएँ

कहते हैं जोड़ियां आसमान में बनती हैं… लेकिन उन जोड़ियों का क्या जो मजबूरी में एक दूसरे के साथ हों? जिनमें आपको अपनी असलियत को कोम्प्रोमाईज करना पड़े और हर पल यह सोचकर डरना पड़े कि कहीं मेरी सच्चाई सबके सामने ना आ जाए. अब ऐसी शादी को क्या कहेंगे कुछ ऐसी ही कहानी है फिल्म बधाई दो की तो चलिए थोड़ा फ़िल्मी हो जाते है।

बधाई दो की कहानी उत्तराखंड के शार्दुल ठाकुर यानी राजकुमार राव और सुमन सिंह यानी भूमि पेडनेकर के बारे में है। शार्दुल गे कम्युनिटी का हिस्सा है और सुमन उर्फ सुमी लेस्बियन है। दोनों अपने-अपने स्ट्रगल्स के साथ अपनी जिंदगी को दुनिया की नजरों से छुपाकर जी रहे हैं। इतना ही नहीं उनका परिवार उनके बारे में नहीं जानता कि वे समलैंगिक हैं. सुमि बतौर पीटी टीचर काम करती है तो वहीं शार्दुल एक हट्टा कट्टा नौजवान है जो पुलिस में भर्ती है। अब कहानी में मोड़ तब आता है जब इनका परिवार इनकी शादी के बारे में सोचता है। परिवार दोनों पर ही शादी का प्रेशर बनाता है। ऐसे में शार्दुल को जो लड़की दिखाई जाती है उसके बारे में उसे पता चलता है कि वह उसके जैसी है और उसे समझेगी। वह सुमि से बात करता है और अपनी हकीकत भी बयां करता है।

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ऐसे में दोनों के बीच एक समझौता होता है, जिसके बाद दोनों की शादी हो जाती है। अब सारी दिक्कतें यहीं से शुरू होती हैं। असल में दोनों को लगता था कि शादी सामाजिक रूप से उनके लिए एक सुरक्षा कवच का काम करेगा, वहीं उन्हें मान्यता मिलेगी औऱ दोनों के बीच एडजस्टमेंट और अंडरस्टैंडिंग भी होगी। लेकिन मामला यहां पलट जाता है। शादी के चक्कर में फंसने के बाद अब परिवार उनपर बच्चा पैदा करने का प्रेशर बनाता है। अब ये दोनों मिलकर कैसे सुलझाएंगे ये परेशानी, क्या शार्दुल और सुमि की हकीकत सबके सामने आ जाएगी? क्या सब साफ होने के बाद परिवार उन्हें उस रूप में स्वीकार करेगा ये जानना बहुत इंट्रस्टिंग होने वाला है और इसे जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

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वैसे एलजीबीटी के मुद्दों से जुड़ी कई बॉलीवुड फिल्में और वेब सीरीज आ चुकी है। लेकिन, बधाई दो जहां एक तरफ समाज के रूढ़िवाद को तोड़ती है। वहीं, हंसते और हंसाते हुए इस मुद्दे को एक नया नजरिया भी देती है। इसके अलावा ये समलैंगिकता को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश करती है।

अभिनय की बात करें तो, राजकुमार राव एक बेहतरीन ऐक्टर है इसमें तो कोई शक नहीं । उनकी कॉमिक टाइमिंग जबरदस्त है । वहीँ भूमि पेडनेकर भी अपना बेस्ट शॉट देती हैं जो दिल को छु जाती हैं। फिल्म के सपोर्टिंग कैरेक्टर ने भी अपने अपने रोल के साथ बखूबी न्याय किया है। लगता है मैंने आपका बहुत टाइम ले लिया तो फिलहाल मुझे दीजिये इज़ाज़त, मिलते है अगले एपिसोड में तब तक के लिए नमस्कार!!

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