खबर लहरिया खेती मौसम का मिजाज देख सदमे में किसान, बढीं मुश्किलें

मौसम का मिजाज देख सदमे में किसान, बढीं मुश्किलें

जिला वाराणासी 8 जनवरी 2020 को अचानक मौसम मे हुए बदलाव से किसानों की मुश्किले बढ़ गई हैं|
किसान पारुसराम मौर्य बरियासन गांव, दिनापुर के गुलाब ,गौराकला के अक्षय का कहना हैं की सुबह से शुरु हुई बूँदाबादी बारिश किसानों की परेशानी का सबसे बडा कारण बन गई है| कृषि विशेषज्ञों की माने तो इस समय की बारिश किसानों के लिए फायदेमंद नही बहुत ही नुखसान देहे है| बारिश से किसानों को लाभ कम है और नुकसान ज्यादा|दिसम्बर के अंतिम सप्ताह मे बोये गेहूँ का जमाव नही हो सकेगा| जिससे किसानों का नुकसान होना तय माना जा रहा है| क्योंकि अब गेहूँ की बुआई का समय भी समाप्त हो गया है| जिससे बढ़ेगा झुलसा रोग का प्रकोप| इसके कारण किसानों की फसले पुरी तरह खराब हो जाएगी और किसान अपना बीज तक वापस लाने की कगार में नहीं रहे गा| पहले तो इस साल समय से अच्छी बारिश हुई थी| जिससे आने वाली फसल को लेकर किसान बहुत ही उम्मीद लगाए था| लेकिन इस बे मौसम बरिश ने किसानों को बुरी तरह तवाह कर दिया है|
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा एन के सिंह ने बताया कि इस समय हो रही बरसात टमाटर फूलगोभी व आलू उत्पादक किसानों की मुश्किलें बढ़ाने वाली है। क्योंकि आलू व टमाटर की फसल मे झुलसा रोग का प्रकोप बढ़ेगा| क्योंकि इस रोग को फैलने मे ऐसा नम मौसम खराब होता है और हल्की बूंदाबांदी बारिश होते ही रोग फैलाने वाले सक्रिय बढ जाते हैं। इसलिए अब इन फसलों को नुकसान है|
1-टमाटर व आलू की फसल मे फैलेगा अगेती झुलसा रोग।
2-फूलगोभी के फूल मे बनेंगे धब्बे कलर भी होगा खराब।
3-पिछले सप्ताह तक बिलम्ब से बोई गई गेहूँ का जमाव प्रभावित होगा ।
ऐसे होगा बचाव

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कृषि विशेषज्ञ देवमणि त्रिपाठी व प्रदीप सिंह ने बताया कि आलू व टमाटर की फसल को अगेती झुलसा रोग से बचाने के लिए मौसम साफ होते ही फफूँदनाशी दवाओं का एक सुरक्षात्मक छिड़काव करना जरूरी है। इसके लिए डाईथेन एम-45 मेंकोजेब और डाईथेन जेड-78 जिनेब मे से किसी एक दवा को दो से तीन ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर से घोलकर फसलों पर छिड़काव करें।ताकी फसलों का बचाव हो सके।