खबर लहरिया Blog यूपी गौशाला योजना के बाद भी अन्ना जानवर कर रहें किसानों की फसलें बर्बाद, कौन ज़िम्मेदार?

यूपी गौशाला योजना के बाद भी अन्ना जानवर कर रहें किसानों की फसलें बर्बाद, कौन ज़िम्मेदार?

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी गौशाला योजना शुरू करते समय कहा गया था कि इस योजना से किसानों का फायदा होगा। वह इसके ज़रिये जानवरों की देख-रेख पर पाएंगे। वहीं योजना के लागू होने के बाद भी किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है। गौशाला न होने की वजह से अन्ना जानवर आये दिन किसानों की लाखों की फसलें नष्ट कर देते हैं।

यूपी सरकार द्वारा शुरू की गयी उत्तर प्रदेश गौशाला योजना और उसका बजट कागज़ पर बहुत ही अच्छी तरह से चल रहे है। प्रशासन में नाम के माने जाने वाले ज़िम्मेदार अधिकारी योजना को कागज़ पर सफलतापूर्वक चलाने के बाद योजना की बढ़ाई करते नहीं थकते। प्रेसवर्ता में अपनी बनाई हुई झूठी बातों को चाशनी की तरह बोलते हैं जिसे सुनकर कुछ लोग उनकी तरफ खींचे चले आते हैं और फिर उनकी पकड़ और उनके झूठ से बाहर तक नहीं निकल पाते।

कृषि प्रधान देश में किसानों की दशा कभी भी बेहतर नहीं हुई। कभी अकाल, कभी सूखा, कभी फसलों के बर्बाद होने पर क़र्ज़ और इस समय कृषि कानून। इन चीज़ों ने कभी किसानों को चैन की नींद ही नहीं लेने दी। इसके अलावा आज किसानों की एक और बड़ी समस्या है और वो है अन्ना जानवरों द्वारा उनकी फसलों को बर्बाद कर देना। ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए क्यूंकि उन आवारा जानवरों के पास न तो रहने के लिए गौशाला है और न ही कोई उनके खान-पान का ध्यान रखने वाला है। यूपी सरकार गाय को माँ का दर्जा देकर उस पर राजनीति करने से नहीं थकती। कहती है कि उनकी तस्करी करने वालों को नहीं बक्शा जाएगा तो क्या उन्हें बेघर छोड़ देना गुनाह नहीं है? अब इसमें किसानों का क्या दोष? वह तो हर तरह से पिस रहा है।

हमने गौशाला न होने की वजह से किसानों को होने वाली परेशानियों के बारे में जानने की कोशिश की। पढ़िए हमारी पूरी रिपोर्ट:

ये भी देखें- वाराणसी :अधूरी पड़ी गौशाला,अन्ना जानवरों से नष्ट हो रही फसलें

गौशाला न होने से किसानों को होती परेशानियां

जिला चित्रकूट ब्लॉक मानिकपुर गांव गढ़चपा‌ हनुवा‌ पतेरिया‌ और ब्लॉक मऊ गाँव कोपा में गौशाला न होने की वजह हज़ारों किसान अन्ना जानवरों से परेशान हैं। यहां के रहने वाले शिवलाल,‌ कल्लू‌, मुन्ना, उषा आदि किसानों ने बताया कि वह लोग तकरीबन एक साल पहले तक तार रुंधवा कर उसमें जानवरों को इकठ्ठा करके रख देते थे। वहीं पर उनके लिए चारे-पानी की भी व्यस्था कर देते थे। इस साल उसे भी हटा दिया गया है।

वह बताते हैं कि इस ग्राम पंचायत में कहीं भी गौशाला नहीं बनी है। गाँव का हर किसान रात-दिन जागकर अपने खेतों की रखवाली करता है फिर भी जानवर पूरा खेत चर जाते हैं। जानवरों ने उनके धान और बाजरे की खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। वह कहते हैं कि जब खेत में कुछ बचेगा नहीं तो वह घर का खर्चा कैसे चलेगा। अगर इसी तरह से जानवरों का आतंक रहा तो आधे से ज़्यादा किसान भूखे मर जाएंगे।

अन्ना जानवरों की वजह से छोड़ी किसानी

गांव‌ गढचपा ‌हनुवा‌ पतेरिया‌ के अनमोल‌, दसुवा‌, सुनीता‌ कल्ली‌, सुआकली‌ आदि किसान कहते हैं कि अगर गौशाला होती तो ठीक रहता। जानवरों की वजह से आधे से ज़्यादा किसानों ने खेती करना ही छोड़ दिया है क्यूंकि जानवर ही पूरा खेत चर जाते हैं। डीज़ल भी महंगा है। बार-बार खेत की जुताई में हज़ार रूपये तक लग जाते हैं तो क्या फायदा। जब मेहनत करने के बाद भी सारी फसल जानवर खा जाए तो वह लोग क्या ही करें।

किसान प्रधान को कहते हैं तो प्रधान का यही जवाब आता है बन जाएगा, बनवा देंगे, इस ज़मीन या दूसरी ज़मीन पर व्यवस्था कर देंगे। किसान भी इंतज़ार करते हैं। ठंड हो या गर्मी, दिन-रात खेतों की रखवाली करते हैं। वहीं अगर गाँव में गौशाला बनी होती तो वह अपने कोई अन्य काम भी कर पाते। किसानों का कहना है कि गांव और गाँव में किसानों की क्या समस्या है इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं देता।

गढचपा गाँव की प्रधान ननकी‌ देवी‌ कहती हैं कि फ़िलहाल जानवरों को जंगल में तार रुंधवा रखा गया है। उनकी कोशिश है कि जल्द ही गौशाला भी बनवाई जाए। ‌

क्या कहते हैं मऊ और मानिकपुर के बीडीओ

खबर लहरिया ने गौशाला न होने की वजह से किसानों को होने वाली परेशानियों को लेकर मऊ और मानिकपुर ब्लॉक के बीडीओ से बात की। मऊ ब्लॉक के बीडीओ आशाराम‌ का कहना‌ है‌ कि कोपा‌ मे‌ ज़मीन नहीं है इसी वजह से गौशाला नहीं बन पायी है। ज़मीन मिल जाए तो गौशाला भी बनवा दी जायेगी। ब्लॉक में 56 ग्राम पंचायत है और अभी तक 46 गौशालाएं बनाई जा चुकी हैं। वहीं मानिकपुर के बीडीओ सुनील का भी यही कहना है कि ज़मीन न होने की वजह से गौशाला नहीं बनाई है। वह कोशिश करेंगे की गौशाला जल्द बन जाए।

ज़मीन नहीं है, कभी बजट नहीं आया, कभी समस्या के बारे में ही नहीं पता। आखिर कब तक ये ज़िम्मेदार कहे जाने वाले अधिकारी यही बहाने बनाते रहेंगे? अन्ना जानवरों की वजह से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई है क्या अधिकारी उनकी ज़िम्मेदारी ले सकते हैं? क्या वह उन्हें मुआवज़ा दिला सकते हैं? अगर नहीं तो किसान किस भरोसे इंतज़ार करें जब उन्हें पता है कि बाद में भी उनका नुकसान ही होना है।

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है। 

ये भी देखें :

चित्रकूट: खबर का असर, गाँव में बन गया गौशाला, अब किसानों की फसल नहीं होगी बर्बाद

 

(हैलो दोस्तों! हमारे  Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)