खबर लहरिया ताजा खबरें क्या लड़कियों को है पाठ्यक्रम चुनने की आजादी?

क्या लड़कियों को है पाठ्यक्रम चुनने की आजादी?

कानून सबको बराबरी का दर्जा बोलने पढ़ने लिखने और आगे बढ़ने का देती है। पर आज भी हमेशा की तरह ये दर्जा भी कानून तक ही सीमित है। हम बात कर रहै है पढ़ने की अपने मन के विषय चुनने की, पर हर जगह की तरह यहां भी हमारे लिए अलग से विषय रख दिये गए है। जो हमे पढ़ना है, क्योंकि ये विषय हमारे काम से जुड़ते है। जब हम लड़कियों से मिले तो ज्यादातर लड़कियां गृहविज्ञान के विषय पढ़ती है। लड़कियों ने खुद से बताया पढ़ने का कारण यही है कि वो गणित अंग्रेजी और विज्ञान इसलिए नही पढ़ सकती है क्योंकि वो कठिन होते है, उन्हें ट्यूशन की कोई सुविधा नही होती है। और लड़के इसलिए ये विषय पढ़ते हैं कि वह बाहर जाकर कोचिंग पढ़ सकते हैं उन्हें आगे चलकर इंजीनियर डीएम पुलिस ऑफिसर या कोई बड़ा डॉक्टर बन जाते हैं लड़कियां घर गृहस्ती संभालने का काम करती हैं इसलिए उन्हें गृह विज्ञान पढ़ने की सलाह भी दी जाती है क्योंकि गृह विज्ञान में सिलाई कढ़ाई बुनाई और छोटा-मोटा व्यापार के बारे में बताया जाता है जबकि लड़कों को इंजीनियर डॉक्टर और डी.एम. के बारे में बताया जाता है यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि स्कूल के टीचर खुद यह बात बोल रहे हैं