खबर लहरिया Blog बच्चों का दिन बाल दिवस | Happy Children’s Day

बच्चों का दिन बाल दिवस | Happy Children’s Day

चाचा नेहरू का जन्मदिन- चिल्ड्रेन डे

आज देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू या चाचा नेहरू का जन्मदिन हैयह दिन पूरे देश में चिल्ड्रेन डे  के रूप में मनाया जा रहा है। लोगों को बच्चों के अधिकार,  देखभाल और शिक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। बच्चे देश की सफलता और विकास की कुँजी है क्योंकि बड़े होकर वो ही अपने देश का नये और तकनीकी ढंग से नेतृत्व करेंगे ।

वो अनमोल मोती की तरह ही चमकदार और आकर्षक होते हैं। बच्चे माता-पिता के लिए भगवान का उपहार हैं। बच्चे हर किसी को प्यारे होते हैं। आज जगह-जगह स्कूलों में चिल्ड्रेन डे मनाया  जायेंगा । वहीँ दिल्ली में हवा में घुले जहरीले धुएं-धुंध से स्कूल बंद करा दिए गये हैंबच्चे इस खास दिन चिल्ड्रेन डे स्कूल जा ही नहीं पाए
Jawahar lal Nehru
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था, इसलिए उनके जन्मदिन को बच्चों के प्रति समर्पित कर दिया गया। और बाल दिवस के रूप में आज  का दिन देश के मनाया जाने लगा  ।

नौनिहालों में छिपी हुई प्रतिभा को तराश कर कल के बेहतर भारत की नींव डालने का है। पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनका कहना था कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। 

पानी की किल्लतजहाँ आज देश भर में बच्चों के डांस, कविता, भाषण, गाने, खेलकूद जैसे रंगारंग कार्यक्रमों का दौर दिन भर चलने वाला है। वहीँ चित्रकूट जिले से हमारे रिपोर्टर द्वारा चित्रकूट जिले के प्राथमिक विद्यालय बरहा से तस्वीर भेजी है जो दिल को झकझोर कर रख देती है। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं की बच्चे पानी का बोतल लिए हुए हैं। दरअसल इस विद्यालय में पिछले पांच सालों से हैंडपम्प नहीं है ये बच्चे घर से पानी लेकर आते है और प्लास्टिक की बोतल में पानी घंटे दो घंटे में ही गरम हो जाता है। तो रोड पार कर गाँव में पानी भरने जाते हैं।

बाल दिवस child
कहानी बताती ये तस्वीर हमारी रिपोर्टर ने बाँदा से भेजी है स्कूली ड्रेस पहने ये लड़की धान की कटाई कर रही है।
आपको बता दें कि इस समय धान की कटाई चल रही जिससे लड़कियों को बिलकुल भी टाइम नहीं मिल पाता।
स्कूल से सीधे आकर ये माँ, बाप के साथ खेतो में भी हाथ बंटाती हैं। 

बाल दिवसकागज की कश्ती थी पानी का किनारा था
खेलने की मस्ती थी ये दिल आवारा था।
कहाँ आ गये समझदारी के इस दल-दल में
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।।


बाल दिवस की बहुत-बहुत बधाई