बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में अचानक भगदड़ होने से 11 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं।
लेखन- सुचित्रा
यह घटना कल 4 जून 2025 दोपहर के करीब 3 बजे तब हुई, जब स्टेडियम में आईपीएल के जीतने की खुशी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए कार्यक्रम रखा गया था। स्टेडियम के गेट नंबर 7 के बाहर लाखों की तादाद में स्टेडियम के गेट बाहर भीड़ थी और भीड़ अचानक भगदड़ में बदल गई। इस तरह की भगदड़ का जिम्मेदार आखिर कौन है?
आईपीएल 2025 का फाइनल मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने 3 जून 2025 को जीता था। यह 18 साल बाद हुआ जिसका इंतजार टीम के साथ-साथ आरसीबी के प्रशंसकों (फैन) को भी था। टीम दोपहर में बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंची। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उनका स्वागत किया था। रास्ते में भारी पुलिस बल तैनात की गई थी।
आईपीएल की जीत की खुशी अगले ही दिन उदासी में बदल गई जब भगदड़ की खबर सामने आई। अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में अधिकतर युवा थे जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों थे तथा उनमें से कई छात्र भी थे। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के मुख्य वित्त अधिकारी शिवाजी लोकरे ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। कर्नाटक सरकार ने भी मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।
कर्नाटक हाईकोर्ट में भगदड़ को लेकर आज सुनवाई
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार बेंगलुरु में हुई भगदड़ को लेकर आज 5 जून 2025 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। इस मामले में कोर्ट दोपहर 2:30 बजे सुनवाई।
बेंगलुरु भगदड़ को लेकर जांच के आदेश
सीएम सिद्धारमैया ने इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है। इसके साथ ही 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
भगदड़ में हुई भीड़ का जिम्मेदार कौन?
भगदड़ क्यों हुई, कैसे हुई और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है इसकी जिम्मेदारी कोई भी आगे आकर गलती मानाने को तैयार नहीं है। हालाँकि कर्नाटक के मंत्री और उप मुख्यमंत्री ने इस भगदड़ पर चिंता जताते हुए मीडिया को जवाब दिया है।
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा,” हां, गलती हुई है। बेहतर योजना और समन्वय से इसे टाला जा सकता था। एक स्टेडियम (एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम) जिसकी क्षमता 35,000 लोगों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। हालांकि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन हम भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। सीएम ने जिम्मेदारी ली है, और हम सुधारात्मक कदम उठाएंगे।
जब रिपोर्टर ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना के बारे में सवाल किया तो उनहोंने साफ़ कहा कि “बीजेपी को हर चीज का राजनीतिकरण करना पसंद है…हर चीज का राजनीतिकरण करने की भाजपा की मंशा ठीक नहीं है।”
#WATCH बेंगलुरु भगदड़ पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा,” हां, गलती हुई है। बेहतर योजना और समन्वय से इसे टाला जा सकता था। एक स्टेडियम (एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम) जिसकी क्षमता 35,000 लोगों की है, लेकिन 2-3 लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। हालांकि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश… pic.twitter.com/rx45EJWn4F
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2025
: 400;”>कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी माफ़ी मांगते हुए कहा “ऐसा नहीं होना चाहिए था और हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता 35,000 है लेकिन वहां 3 लाख से अधिक लोग थे… (स्टेडियम के) गेट तोड़ दिए गए… हम इस घटना के लिए माफी मांगते हैं… हम तथ्य जानना चाहते हैं और एक स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं।
आईपील और बीसीसीआई का बयान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने कहा कि बेंगलुरू में जीत और सम्मान कार्यक्रम की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा “हमें बेंगलुरू में होने वाले किसी विजय परेड या किसी जश्न के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हमें नहीं पता था कि इसका आयोजन किसने किया और इतने सारे प्रशंसक वहां कैसे आए। हम मामले की जांच करेंगे लेकिन यह वाकई बहुत दुखद है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में हमें जो भी करना होगा, वह किया जाए।”
मुफ्त टिकट भी भगदड़ की वजह
मीडिया रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के लिए मुफ्त टिकट थी इसलिए अचानक भीड़ बढ़ गई और अंदर जाने के लिए धक्का मुक्की करने लगी। सोशल मीडिया पर वायरल इस भीड़ का अंदाज लगा सकतें हैं। हालाँकि इसे टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट में अफवाह बताया जा रहा है।
बेंगलुरू
का बहुत दर्दनाक वीडियो,बात बात पर कुम्भ मेले पर मोदी योगी जी का इस्तीफा मांगने वाली गैंग आखिर कौन से बिल में छुप गई है।?
बिल से बाहर निकल कर कुछ तो बोलो बेवफा सनम।#chinnaswamystadium #IPL2025#Bangalore #Bengaluru #ViratKohli𓃵#Viratpic.twitter.com/RmVNl1ewmL
— Manoj Shukla (@imshukla4bjp) June 5, 2025
भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है इससे पहले हमने हाथरस, महाकुम्भ और नई दिल्ली की खबरों में भगदड़ के दृश्य को देखा है। हर बार हादसे के बाद एक ही स्क्रिप्ट दोहराई जाती है, दुख जताना, मुआवज़ा बाँटना और जाँच बिठाना। पर क्या कभी किसी बड़े अधिकारी ने खुद इस्तीफा दिया? क्या भीड़ यूँ ही बेकाबू हो जाती है या उसे बेकाबू बनने दिया जाता है? अगर एक स्टेडियम की क्षमता 35 हज़ार है, तो आयोजकों को यह किसने सोचने से रोका कि लाखों की भीड़ में व्यवस्था चरमराएगी? जीत के जश्न को भीड़ का जनाजा बना देने वाली लापरवाहियाँ किसी एक की नहीं, पूरे सिस्टम की हैं। यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हमारी भीड़तंत्र-प्रेमी राजनीति और ‘फ्री टिकट संस्कृति’ की सामूहिक नाकामी है। दुखद यह है कि अगली बार फिर भीड़ जुटेगी, फिर हादसा होगा और फिर मुआवज़े बाँट दिए जाएंगे और हम सब इसी में चुप हो जाएंगे।
हमें भी किसी भीड़ का हिस्सा नहीं बनना है क्योंकि जहां भीड़ होती हैं वहां भगदड़ होने की सम्भावना अधिक होती है। ऐसे में ऐसी जगह जाने से बचना चाहिए। हालाँकि भगदड़ का शिकार ऐसे कई लोग हो जाते हैं जो उस भीड़ का हिस्सा भी नहीं होते फिर भी वे भगदड़ में मारे जाते हैं।
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