खबर लहरिया कोरोना वायरस बाँदा: लखनऊ से आये 25 लोग लॉकडाउन में फसे, भर पेट खाना तक नसीब नही

बाँदा: लखनऊ से आये 25 लोग लॉकडाउन में फसे, भर पेट खाना तक नसीब नही

बाँदा: लखनऊ से आये 25 लोग लॉकडाउन में फसे, भर पेट खाना तक नसीब नही :जिला बांदा| नरैनी कस्बे के मछली मंडी में लखनऊ से आए बारी का काम करने वाले 25 लोग इस लॉक डाउन के चलते फंस गए हैं| अब उन लोगों को लॉकडाउन में चलते काम भी नहीं मिला जिससे वह परेशान है और खाने-पीने की दिखते हो रही है| इस लिए उन्होंने एसडीएम से मांग की है कि उनको उनके घर भिजवाने की व्यवस्था की जाए| उन लोगों का कहना है कि वह होली के तुरंत बाद यहां पर काम के लिए आ गए थे और उन्हें 10 मितियां भी मिल गई थी बारी का काम करने के लिए जो दोना पत्तल उठाने का काम होता है| लेकिन अब इस लॉक डाउन के चलते वह मितीयां भी कैंसिल हो गई और अचानक से यह स्थिति हो गई इस लिए वह वापस घर नहीं जा पाए और उनको खाने की दिक्कत पड़ने लगी| उन लोगों का कहना है कि नरैनी चेयरमैन ने 15 दिन के खाने के लिए उनको आटा और चावल दिया था अब वह खत्म हो गया है इसलिए 15 दिन से उनके खाने के लाले पड़े हैं और वह काफी परेशान है| उन लोगों ने एसडीएम को दरखास दी है कि उनको उनके घर भेजा जाए ताकि वहां पर उनके पास राशन कार्ड भी है जिससे वह गल्ला ले सकते हैं और सुना है उन्होंने कि मोदी सरकार लोगों के खाते में कुछ पैसे भी भेज रही है तो वह भी वहां से निकाल सकते हैं, लेकिन यहां पर तो उनके पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे वह अपने घर जाने की मांग कर रहे हैं| उनका कहना है कि तहसील में खाना मिलता है तो उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं खाना दोपहर में मिलता है दूसरी बात इतने लोगों के बीच में थोड़ा खाना मिलता है बच्चे सुबह से खाने के लिए रोने लगते हैं इस लिए उतने खाने में उनका पुर नहीं पड़ता और वह बच्चों का पेट कहां से भरे कहां तक वह इधर उधर से मांग मांग कर लाए| नरैनी एसडीएम वन्दिता श्रीवास्तव का कहना है कि वह लोग अपने घर जाने के लिए बहाने बना रहे हैं लेकिन वह वापस नहीं जाएंगे अगर जाते हैं तो मुसीबत में पड़ जाएंगे और जेल भी जा सकते हैं| यहां पर उनको खाने पीने की व्यवस्था दी जा रही है उन्होंने खुद एक कुंटल गला दिलवाया है और चेयरमैन और विधायक ने भी मदद की है और राशन दिया है| पर वह लोग बहाने बना रहे हैं घर जाने के लिए आज के डेट में कोई किसी भी गांव में भूखा नहीं है क्योंकि इतना काम चल रहा है और लोग भी मदद कर रहे हैं| किसी भी गांव में जा कर खेतों की कटाई बिनाई का काम कर सकते हैं काम के लिए कोई मना नहीं है| पर वह लोग अभी घर नहीं जा सकते|