खबर लहरिया Blog अलीगढ़- लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर हुआ हमला

अलीगढ़- लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर हुआ हमला

अलीगढ़- लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर हुआ हमला :उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में लॉकडाउन के दौरान सब्जी की बाजार हटवाने को लेकर सब्जी विक्रेताओं ने पुलिस पर हमला बोल दिया। पुलिस कर्मियों ने लॉकडाउन का पालन कराते हुए भागने का प्रयास किया तो पथराव कर दिया गया, इस दौरान जुनैद नाम का सिपाही घायल हुआ है। जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया है।
बता दें कि लॉकडाउन के चलते सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही बाजारों को खोलने की छूट दी जाती है, जिसमें जनता अपना जरूरत का सारा सामान खरीद सके। लेकिन आज बुधवार यानी 22 अप्रैल को सुबह 10 बजे जब पुलिस बाजार बंद करवाने गई तो सब्जी मंडी भुजपुरा पर भीड़ ने पथराव कर दिया। पूरे इलाके में हालात तनावपूर्ण हैं, जिसे देखते हुए मौके पर भारी मात्रा में फोर्स पहुंच गया है।
इस मामले में सीओ प्रथम विशाल पाण्डेय ने बताया कि भुजपुरा एरिया के पास पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की गई। समय पर दुकानें बंद करवाई जा रही थी। ठीक उसी समय सब्जी वाले आपस में लड़ पड़े पुलिस उन्हें छुड़ाने गई तो मामला बढ़ गया। उस दौरान पत्थर बाजी होने लगी जिसमें एक का कॉन्स्टेबल घायल हुए। फिलहाल स्थिति नियंत्रित है।

ये इस लॉकडाउन की पहली घटना नहीं है ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के इंदौर से सामने आई थी जिसमे कोरोना की जांच करने के लिए गई डॉक्टरों की टीम पर 1 अप्रैल, 2020 को मेडिकल टीम पर हमला हुआ था। ये हमला शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में हुआ था। इस दौरान टीम पर पथराव करने के साथ ही उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस टीम में दो महिला डॉक्टर भी मौजूद थीं। इनमें से एक डॉ जाकिया सैय्यद थीं और दूसरी डॉक्टर का नाम था डॉ. तृप्‍ति कटदरे। इन पर हुए इतने बड़े हमले के बाद भी दोनों ही डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी। ये दोनों डॉक्टर कोरोना के खिलाफ जंग में लगातार काम कर रही हैं।

अलीगढ़- लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर हुआ हमला
हलाकि बाद में इस मामले में मुस्लिम समुदाय ने वहां के प्रमुख अखबार में इस घटना की निंदा करते हुए माफीनामा का एक विज्ञापन छपवाया है। इस विज्ञापन में इस समुदाय के लोगों ने कोरोना महामारी की जांच के लिए गई टीम पर हमले की घटना पर किसी भी तरह का अल्फाज नहीं होने की बात कही थी।विज्ञापन में ये भी लिखा है कि यह अप्रिय घटना जाने अनजाने में अफवाहों के कारण हुई। साथ ही इस तरह की घटना पर दिल से माफी मांगने की बात भी कही गई थी।
एक ओर डॉक्टर्स लोगों की जान बचाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थकर्मियों पर हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे, जिसे देखते हुए देश के लाखों डॉक्टर आज यानी 23 को काला दिवस मनाएंगे. देश भर में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में आईएमए ने सभी डॉक्टरों और अस्पतालों को रात 9 बजे कैंडल जलाकर विरोध जताने को कहा है। देश के लाखों डॉक्टर इलाज के दौरान मारपीट और हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून की मांग कर रहे हैं।