खबर लहरिया Blog महोबा के अर्जुन बांध में इस समय दिख रही झरने-सी खूबसूरती

महोबा के अर्जुन बांध में इस समय दिख रही झरने-सी खूबसूरती

झील, तालाब, नदी किसे नहीं भाते? झील, तालाब में पैरों को डुबो सुकूं का एहसास करना। आँखों में खूबसूरती का डूबना और फिर खुद उस जगह की आबो-हवा में खो जाना। आह! आनंद ही आ गया? तो चलिए हम आपको भी इस आनंद का एहसास कराते हैं।

arjun dam of mahoba district looking like water fall after water level increased

                                                                                                              अर्जुन बांध

महोबा जिले के चरखारी ब्लॉक, गोरखा गांव के पास एक ‘अर्जुन बांध’ है जो स्थानीय लोगों में काफ़ी छाया हुआ है। बांध का नाम पढ़कर आप यह न सोचें कि बांध में देखने जैसे क्या ही होगा पर ऐसा सोचने से पहले आपको अर्जुन बांध की खूबसूरती ज़रूर से देख लेनी चाहिए।

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अर्जुन बांध के आस-पास भरे खेत और उसकी हरियाली आँखों को मग्न कर देती हैं। खेतों के साथ आँखे दूर खड़े पहाड़ का भी दीदार करती हैं। जब पहाड़ों से टकराते हुए और खेतों की फसलों को छूते हुए हवा व्यक्ति तक पहुंचती है तो उसकी खुशबू से मन भी मदहोश हो जाता है। यह बांध किसी झरने से कम नहीं है। आप यहां अपने वाहनों से घूमने आ सकते हैं।

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                                                                                       अर्जुन बांध के पास सेल्फी लेता हुआ व्यक्ति

जब भी बारिश होती है और फाटक खुलता है तो बांध पानी से लबा-लब होकर बेहद सुंदर हो जाता है। बीते 8 दिनों से अर्जुन बांध की खूबसूरती देखने योग्य बनी हुई है। अमूमन भादो (अगस्त-सितंबर) के महीने में अर्जुन बांध का यह अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। 10-15 दिनों तक यहां लोगों की हलचल, फोटों की खिंच-खिंच, आंखो में एक अलग एहसास देखने को मिलता है।

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                                                                                                          अर्जुन बांध में नहाते हुए बच्चे

अर्जुन बांध घूमने आये लोग बताते हैं कि यहां आस-पास से भी बहुत लोग घूमने के लिए आते हैं। सब झरने का मज़ा लेते हैं। अपने मायके आई रिज़वाना कहती हैं मैंने अर्जुन बांध के बारे में बहुत सुना था। अब उन्होंने अपनी आँखो से झरने की खूबसूरती देखी है। पानी में पैरों को डुबोते हुए खूब सारी सेल्फ़ी भी ली। हलकी रिमझिम बारिश और झरना देख उनके मन में ख़ुशी का एहसास है। वह खूबसूरती देख घर की सारी टेंशन भूल गयी हैं।

बाँदा के सुनील कहते हैं कि दो साल से सही से बारिश नहीं हुई थी तो अर्जुन बांध का फाटक नहीं खुल पाया था। इस साल बारिश हुई है तो नहर का सारा पानी इकठ्ठा हो रहा है और ओवरफ्लो का पानी निकाला भी जा रहा है। सुबह और शाम यहां काफ़ी ज़यादा भीड़ देखने को मिलती है।

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कई बड़े-जवान इस बाँध में नहाते हुए भी नज़र आये। जब लोगों से पूछा गया कि बांध में नहाने से डर नहीं लगता तो उनका यही कहना था कि वह पानी देखकर ही नहाते हैं। खैर, हम आपको बांध में नहाने के लिए तो नहीं कहेंगे लेकिन अगर आप इस समय जिले में मौजूद है या आस-पास हैं तो अर्जुन बांध की खूबसूरती को अपनी आँखों से ज़रूर से रूबरू करवाएं।

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रिपोर्टर – श्यामकली 

 

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