खबर लहरिया Blog बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस पर 28 साल बाद आया फैसला, सभी 32 आरोपी बरी

बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस पर 28 साल बाद आया फैसला, सभी 32 आरोपी बरी

अयोध्या- 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में 28 साल बाद फैसला आया। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज यानी 30 सितम्बर को सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
ढांचा गिराने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी- कोर्ट |

28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद सभी आरोपियों को बरी करने से पहले कोर्टरूम में जज एसके यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना  सुनियोजित(पहले से तय की हुई) नहीं थी। उन्होंने कहा कि नेताओं के भाषण का ऑडियो साफ नहीं है। नेताओं ने भीड़ को रोकने की कोशिश भी की। जज ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। घटना अचानक हुई। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।

जय श्रीराम के लगे नारे

ढांचा विध्वंस पर 28 साल बाद आए फैसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि स्पेशल कोर्ट का फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सब के लिए यह बहुत खुशी का दिन है। जब यह समाचार सुना तो इसका स्वागत किया। बहुत समय बाद मिला अच्छा समाचार मिला, जय श्रीराम।

क्या है बाबरी मस्जिद मामला?

सोलहवीं सदी में मुग़ल बादशाह बाबर के दौर में बनी बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों की एक भीड़ ने ढहा दिया था। इसके बाद पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया, हिंसा हुई और सैंकड़ों की संख्या में लोगों की जानें गईं। उसके बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में दो एफ़आईआर दर्ज किए गए। पहली, इसे गिराने वाले कारसेवकों के ख़िलाफ़, तो दूसरी बीजेपी, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और आरएसएस से जुड़े उन 8 लोगों के ख़िलाफ़ थी जिन्होंने रामकथा पार्क में मंच से कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था।दूसरे एफ़आईआर में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, वीएचपी के तत्कालीन महासचिव अशोक सिंघल, बजरंग दल के नेता विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, मुरली मनोहर जोशी, गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया नामज़द किए गए थे।

सीएम योगी ने कहा- सत्यमेव जयते

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फ़ैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए ट्वीट किया है -,”सत्यमेवजयते! सीबीआई की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है, तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्यसंतों, नेताओं, विहिप पदाधिकारियों, समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया, इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए

17 लोगों की हो चुकी है मौत ,आपको बता की इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था जिनमे से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से ज्यादा दस्तावेजी शाक्ष्य पेश किये हैं।  

पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट

विशेष सीबीआई कोर्ट के फैसले को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजूबत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। जिलों के पुलिस कप्तानों को सेक्टर व्यवस्था लागू करके सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है।

कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है: इकबाल अंसारी 

ढांचा विध्वंस मामले में इकबाल अंसारी का कहना है कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं। 

बाबरी मस्जिद ढांचा विध्वंस मामले में सत्य विजयी हुआ है जिससे पुरे देश में ख़ुशी की लहर है। लेकिन बड़ा सवाल है की हाथरस में बेटी के साथ जो जघन्य अपराध हुआ है उसे न्याय कब मिलेगा? लोगों को न्याय का इन्तजार है।