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यू पी की हलचल – मंदिर, मस्जिद और म्यूज़ियम

खबर लहरिया न्यूज़ नेटवर्क महिला पत्रकारों का एक समूह है। इस हफ्ते यू.पी. की राजनीतिक स्थिति का आंकलन इस नेटवर्क की एक पत्रकार द्वारा किया गया है।

(फोटो साभार - राम भट | विकिपीडिया)

(फोटो साभार – राम भट | विकिपीडिया)

पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कुछ ही दिन पहले घोषणा की कि एन.डी.ए. सरकार के राज्य के दौरान जल्द ही अयोध्या में राम के नाम पर एक म्यूजि़्ायम यानि संग्रहालय बनाया जाएगा। मंत्री जी की मानें तो इस इमारत का निर्माण 2017 तक पूरा हो जाएगा। ‘इस संग्रहालय का रामजन्म भूमि की ज़मीन से कोई लेनादेना नहीं है। ये धार्मिक पर्यटन के लिए एक अलग प्लान का हिस्सा है जिसमें राम के जीवन से जुड़े और कई स्थल, जैसे चित्रकूट, जानकीकुण्ड इत्यादि भी शामिल होंगे,’ मंत्री जी ने समझाया।

इस घोषणा पर कई सवाल उठते हैं। मंत्री जी ने इस मुद्दे को धर्म नहीं बल्कि पर्यटन से जुड़ा हुआ बताया। लेकिन आखिर शर्मा जी ने पर्यटन को भी एक ही धर्म से जोड़ा, वो भी ऐसे इलाके में जहां धर्म के नाम पर कब दंगे और हिंसा भड़क जाएं – यह कहा नहीं जा सकता है। तो क्या यह वाकई में सिर्फ पर्यटन से जुड़ा हुआ मुद्दा है?

दूसरी बात यह है कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का मसला अभी सुलझा नहीं है। विवाद और तनाव बना हुआ है। ऐसे में यह घोषणा करना कि राम की जि़्ान्दगी से जुड़े हुए इलाकों में निर्माण होगा – यह एक उलझे हुए मुद्दे को और पेंचीदा बना रहा है। क्या मंदिर-मस्जिद वाले मुद्दे का यही हल है?

तीसरी बात यह है कि मंत्री जी के अनुसार संग्रहालय का निर्माण 2017 तक पूरा हो जाएगा। यह साल होगा उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव का। ऐसे में राम संग्रहालय का निर्माण पूरा करना क्या मंत्री जी अ©र उनकी पार्टी के लिए वोट बटोरने का तरीका नहीं होगा?

अब म्यूजि़्ायम बनाने का ये फैसला उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों का पहलू है या एक दो धारी तलवार जिससे भाजपा ने अपने लिए दोनों तरफ के वोटों का समर्थन कुछ समय के लिए जीत लिया है, ये आने वाले महीनों में पता चलेगा।