खबर लहरिया राजनीति चौदह हज़ार चार सौ चौहत्तर लोगों को खून चढ़ाने से हुआ, एचआईवी संक्रमण

चौदह हज़ार चार सौ चौहत्तर लोगों को खून चढ़ाने से हुआ, एचआईवी संक्रमण

साभार: रॉयटर्स/रूपक दे चौधरी

साभार: रॉयटर्स/रूपक दे चौधरी

गुजरात के जूनागढ़ का रहने वाला 11 साल का एक बच्चा, जयप्रकाश, अचानक बहुत बीमार रहने लगा और एक दिन उसके मुंह और नाक से खून निकलने लगा। डॉक्टर को दिखाने पर उसके माता पिता ने उसे राजकोट के अस्पताल में भर्ती कर दिया, जहां उसकी दूसरे ही दिन मौत हो गयी।
जयप्रकाश को थैलासीमिया की बीमारी थी और एचआईवी संक्रमित खून चढ़ने के कारण उसे एचआईवी हो गया था। जयप्रकाश को एचआईवी का संक्रमण जूनागढ़ के सिविल अस्पताल में संक्रमित खून चढ़ाने से हुआ था। इस अस्पताल से 35 अन्य थैलासीमिया के पीड़ित बच्चों को एचआईवी का संक्रमण हो चुका है, जिसमें से आठ की तो मौत भी हो गई है।
इण्डियास्पेंड ने सूचना के अधिकार से पता लगाया कि पिछले सात सालों से देश में चौदह हजार चार सौ चौहतर एचआईवी के मामले संक्रमित खून चढ़ाने से हुए हैं। यहां पर ध्यान देखने की बात है कि 2015-16 में 2014-15 के आकंड़ों की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 1,424 एचआईवी के मामले थे, वे 2015-16 में बढ़कर एक हजार पांच सौ उनसठ हो गए हैं। इस बात की जानकारी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने दी है।
विकसित देशों में खून चढ़ाने से एचआईवी के मामले बहुत कम हैं। भारत में जहां हर 100वां एचआईवी पीड़ित खून चढ़ाने से एचआईवी की चपेट में आया है, वहीं संयुक्त राष्ट्र में ये आंकड़ा 3 लाख में एक का है। इससे ये पता चलता है कि भारत में खून चढ़ाने से एचआईवी संक्रमण होने का खतरा अमेरिका की तुलना में 3 हजार गुना ज्यादा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल इस मुद्दे की जानकारी नहीं होने की बात कहकर इस मामले में चुप ही रहती हैं। देश में सबसे ज्यादा संक्रमित खून से एचआईवी पीड़ित गुजरात में है, जिनकी संख्या दो हज़ार पांच सौ अठारह हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में एक हजार आठ सौ सात हैं।
हालांकि इस तरह की लापरवाही के खिलाफ जूनागढ़ सिविल अस्पताल के खिलाफ पीड़ितों ने गुजरात हाई कोर्ट में केस दर्ज किया है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।

साभार: इंडियास्पेंड