खबर लहरिया राजनीति अमेरिका में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, लिया पहले ही दिन तकरारी फैसला

अमेरिका में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, लिया पहले ही दिन तकरारी फैसला

साभार: विकिपीडिया

नवम्बर 2016 को हुए अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीतने वाले डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह अमरीका के 45वें राष्ट्रपति बन गये हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर 8 साल के बाद रिपब्लिकन पार्टी अमेरिका के सत्ता में वापस आई है।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए ट्रम्प की टीम ने नौ करोड़ डॉलर जुटाए, जो अमेरिकी इतिहास में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के लिए जुटाई गई सबसे ज्यादा रकम है। एक और ऐतिहासिक घटना इस शपत में यह हुई कि कई जगहों पर ट्रम्प के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए। चुनाव अभियान के दौरान अल्पसंख्यकों, महिलाओं और आप्रवासियों के ख़िलाफ़ उनके बयानों को एक बड़ा तबका भुला नहीं पा रहा है इसलिए बड़े पैमाने पर ट्रंप का विरोध किया जा रहा है। नामी-गिरामी हस्तियों ने जश्न में शामिल होने से इंकार कर दिया और विर्दोह में जुड़ गए, जैसे मशहूर गायिका मेडोना। उप-राष्ट्रपति की कमान संभालने को तैयार हो रहे माइक पेंस के घर के बाहर समलैंगिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। ट्रम्प के विरोध में महिलाओं की रैली तो सिर्फ राजधानी वाशिंगटन में ही नहीं पर पूरे देश भर में आयोजित हुई थी।
अपने कार्यभार को सम्भालते हुए ट्रंप ने सबसे पहले ‘ओबामाकेयर’ को निरस्त किया। इसके बाद व्हाइट हाउस की वेबसाइट से तुरंत ही सभी पॉलिसी से सम्बंधित जानकारी और कागजात हटा दिए गये। ओबामाकेयर एक निति है जिसके तहत 2 करोड़ अमेरिकी लोग स्वास्थय बीमा की सेवा उठा रहे थे। हालांकि, इसके आलोचकों और रिपब्लिकन पार्टी का मानना है कि ओबामाकेयर से स्वास्थ्य कंपनियों के साथ नौकरी देने वाली सरकारी और निजी कंपनियों के लिए अमेरिका में व्यापार करने की लागत में बढ़ोतरी हुई है। वहीँ ट्रम्प के आलोचकों का मानना है कि ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि अमीर लोगों पर कर का भार कम रहे।