खबर लहरिया ताजा खबरें पलायननामा: अपनों को तलाशती ये पथराई आंखे

पलायननामा: अपनों को तलाशती ये पथराई आंखे

जिला ललितपुर। गांव साढूमल इस गांव को बुजुर्गो का गांव कह लें क्योंकि यहां रहते है साठ साल से ज्यादा उमर के बुजुर्ग लोग और सात से पन्द्रह साल के बच्चे बाकी लोग यहां से काम धंधे की तलाश में बाहर चले गये कई घरों में ताले नजर आते हैं
साठ साल के रामलाल बता रहे है कि हमारे यहां से दो हजार लोग पलायन कर गये है क्योंकि यहां गरीबी और बेरोजगारी है सिंचाई का कोई साधन नहीं है इसलिये लोग दिल्ली बम्बई और आगरा मजदूरी के लिए जाते हैं
छाछठ साल की दुलारी ने बताया कि मेरे बेटे बहु छह साल पहले दिल्ली चले गये थे कभी छह महीने में तो कभी साल भर में वापस आते है साठ साल की अवधरानी का कहना है कि बेटे बहु दिल्ली चले है और बच्चे यही रहते है यहां गुजर नहीं होती तो बाहर जाना पड़ता है इस साल दीपावली में बच्चे घर नहीं आये हैं बड़ी मुसीबत से बच्चे पाले थे अब बच्चे बाहर काम करने चले गये हैं
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बाईलाइन-राजकुमारी

Published on Oct 30, 2017