लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की हुई घर वापसी :लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को प्रदेश सरकारें लाने की दिशा में सक्रिय हो गई हैं. उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्य सरकारें बस भेजकर अपने-अपने मजदूरों को लाने की कवायद शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी शुरुआत दो दिन पहले ही कर दी है. यूपी की योगी सरकार ने हरियाणा सरकार के साथ समन्वय बनाकर करीब 10 हजार श्रमिकों को घर वापसी का काम किया है. हरियाणा सरकार ने यूपी के मजदूरों को उनके राज्य की सीमा पर लेकर छोड़ दिया था, जिसके बाद योगी सरकार अपनी बसों से उन्हें घर छोड़ रही है. इस में उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने भी हरियाणा में काम करने गए राज्य के 12000 मज़दूरों को वापस ले आई है. सभी मज़दूरों को उनके जिलों में बने क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा गया है. 14 दिन बाद वे होम क्वारंटाइन के लिए घर भेजे जाएंगे. सीएम योगी आदित्ययनाथ की पहल पर यूपी रोडवेज की बसें हरियाणा में फंसे मजदूरों को लेकर गोरखपुर पहुंची हैं. 27 अप्रैल की सुबह नौ बसें गोरखपुर पहुंचा. अभी कुल 40 बसें आनी हैं. यहां सहजनवां के मुरारी इंटर कॉलेज परिसर में बसों से उतरे मजदूरों की थर्मल स्क्रींनिंग की गई. इसके बाद मजदूरों को उनके तहसील मुख्यालयों पर भेजा जा रहा है.
आपको बतादें कि दिल्ली के आनंद विहार में जब 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे, तब हरियाणा ने 700 बसें भेजकर उत्तर प्रदेश के लोगों को उनके प्रदेश में पहुंचाने की व्यवस्था की। इसके बाद बाकी बचे कामगारों को शेल्टर होम में रखा गया। केंद्र ने अब इन कामगारों को उनके मूल प्रदेशों में भेजने का इंतजाम करने की गाइड लाइन जारी की है। हरियाणा के अधिकतर राहत शिविर अब खाली हो गए हैं। हरियाणा के 550 राहत शिविरों में 16 हजार से अधिक कामगार ठहरे हुए थे। इनमें से अधिकतर को उनके राज्य में भिजवा दिया गया है। जिसके उत्तर प्रदेश के 12000 मज़दूर भी शामिल है. अधिक दूरी वाले राज्यों जैसे गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिल नाडु और केरल के लोगों को अगले दो से तीन दिन के भीतर उनके मूल प्रदेशों में भिजवाने का इंतजाम हरियाणा सरकार करने वाली है।