खबर लहरिया Blog Patna: नाबालिग दलित लड़की के साथ बलात्कार और फिर इलाज में देरी होने से हुई अस्पताल में मौत

Patna: नाबालिग दलित लड़की के साथ बलात्कार और फिर इलाज में देरी होने से हुई अस्पताल में मौत

मुजफ्फरपुर में एक दलित नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म के बाद PMCH (पीऐमसीएच) अस्पताल में इलाज में लापरवाही से मौत। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग।

Minor girl on bus at PMCH hospital in Patna

पटना के PMCH अस्पताल में बस पर नाबालिग लड़की (फोटो साभार: आज तक)

लेखन-रचना

देश में बलात्कार के मामले थमने के नाम ही नहीं ले रहे। बलात्कार के बाद मौतें तो अब जैसे आम बात बन गई है लेकिन बलात्कार होने के बाद इलाज के इंतजार में तड़प के मर जाना देश के स्वास्थ्य व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाता है। ऐसे ही एक खबर वर्तमान में सामने आई है जो पटना के मुजफ्फरपुर से है। घटना 26 मई 2025 की है जहां मुजफ्फरपुर स्थित कुढ़नी थाना क्षेत्र के गांव में एक 10 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया गया था और उसे शनिवार को गंभीर हालत में पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) लाया गया था। कथित तौर पर सामने आ रहा है कि अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करते हुए। छः दिन तक मौत से जूझने के बाद कल यानी 31 मई रविवार को नाबालिग लड़की की मौत हो गई। 

परिजनों का आरोप

परिजनों का आरोप है कि उसे शनिवार एसकेएमसीएच से पीऐमसीएच रेफर किया गया था। उनका यह भी आरोप है कि यहां 4 घंटे तक एंबुलेंस में इलाज के इंतजार में पड़ी रही लेकिन समय पर बेड और इलाज न मिलने के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई और चार घंटे तक एंबुलेंस में रहने के बाद उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग तक दौड़ाया गया। अंत में गाइनी विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया गया। इधर, पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ अभिजीत कुमार सिंह ने कहा कि हमारे यहां ईएनटी में आइसीयू की व्यवस्था नहीं है। इसलिए विशेषज्ञ टीम की देखरेख में गाइनी में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि मरीज का एंबुलेंस में ही इलाज शुरू कर दिया गया था। पहले उसे परिजन सेंट्रल इमरजेंसी में ले गए थे। लेकिन, पीड़िता के गले और सीने में ज्यादा जख्म था इसलिए उसे ईएनटी रेफर किया गया। वह एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भर्ती थी इसलिए फिर से उसे शिशु रोग विभाग में भेजा गया। मगर शिशु रोग विभाग ने भी फिर से ईएनटी में ही रेफर कर दिया। इसी तरह इलाज के लिए इलाज के लिए इस अस्पताल से उस अस्पताल चक्कर काटने के कारण लड़की ने दम तोड़ दिया।

शरीर में गंभीर चोट से गई जान

 एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी ने गला रेतकर उसे मारने की भी कोशिश की थी। उसकी स्वर तंत्रिका (गले में एक ऐसा अंग जो आवाज निकलने और श्वासनली की रक्षा करने में मदद करता है) क्षतिग्रस्त हो गई थी और वह बोल नहीं पा रही थी। खबरों के अनुसार नाबालिग लड़की के शरीर में और भी कई गंभीर चोट के निशान मिले। उसका गला और सीना चाकू से काटा गया था। गले से अधिक ख़ून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई।

लड़की के चाचा का का बयान 

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की के चाचा ने बताया, “जब हम शनिवार को दूसरे अस्पताल से PMCH पहुंचे, तो इमरजेंसी विभाग के स्टाफ ने कहा कि यहां जगह नहीं है। उन्होंने हमें कई वार्डों में भटकाया, लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली। अंततः हमें बाल रोग विभाग की ओर भेजा गया। बेटी घंटों एम्बुलेंस में इंतजार करती रही। केवल कुछ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद शाम लगभग 5 बजे उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन दुर्भाग्यवश, उसकी रविवार सुबह मौत हो गई।”

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का आरोप 

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि पीएमसीएच स्थानांतरित की गई दुष्कर्म पीड़िता को शनिवार को कथित तौर पर अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध न होने के कारण कई घंटे तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस नेता राजेश राम ने दावा किया कि घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जो सरकार और अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता को उजागर करता है। राजेश राम शनिवार को पार्टी के मीडिया इकाई के बिहार प्रभारी राजेश राठौर के साथ पीएमसीएच में मौजूद थे। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते लिखा है कि “मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता और उसके इलाज में हुई लापरवाही बेहद शर्मनाक है। यदि समय पर इलाज होता तो उसकी जान बच सकती थी। लेकिन डबल इंजन सरकार न सिर्फ सुरक्षा देने में नाकाम रही, बल्कि जान बचाने में भी लापरवाह साबित हुई। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक परिवार को न्याय नहीं मिलता। दोषियों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” 

राहुल गांधी ने ट्विट कर इस घटना पर निंदा जताई 

  राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस घटना की निंदा की है और कहा कि “मुजफ्फरपुर में एक दलित नाबालिग बेटी के साथ दरिंदगी और फिर इलाज में हुई लापरवाही बेहद शर्मनाक है। अगर समय पर इलाज मिला होता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी” 

अस्पताल प्रशासन ने लगे आरोपों पर दिया बयान 

 पत्रिका के रिपोर्टिंग के अनुसार पीऐमसीएच के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर ने कहा, “अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई। लड़की को शनिवार दोपहर 1:23 बजे मुजफ्फरपुर से एम्बुलेंस द्वारा लाया गया था। हमें सूचना मिलते ही इलाज शुरू किया गया। शुरुआती जांच ENT विभाग में की गई, लेकिन चोटें गंभीर थीं, इसलिए उसे गायनोकोलॉजी विभाग में स्थानांतरित किया गया।”

आरोपी को किया गया गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार 26 मई 2025 को यह दिल दहला देने वाला दुष्कर्म सामने आया। आरोपी रोहित कुमार साहनी ऊम्र 30 वर्ष ने लड़की को ‘कुरकुरे और चौकलेट’ के बहाने बहला- फुसला कर अपने घर पर बुलाया और फिर उसे अपने साथ गांव के तालाब के पास सुनसान जगह पर लड़की का बलात्कार किया। इतना ही नहीं आरोपी ने चाकू से लड़की के सिने और गले में हमला किया। लड़की तालाब के पास बेहोश पड़ी दिखी तो गांव वालों ने देखा और उसे घर लाये। उसी वक्त आरोपी को पुलिस के हवाले किया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुजफ्फरपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विद्या सागर ने बताया, “लड़की के शरीर पर कई गंभीर चोटें थीं। गले की चोट की वजह से वह बोल नहीं पा रही थी, लेकिन उसने इशारों से हमसे पूरी बात बताई। आरोपी का पिछले रिकॉर्ड खराब है और वह लड़कियों को परेशान करता रहा है।” 

 

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