खबर लहरिया Blog जब जाति के नाम पर हिंसा नहीं होती तो दलित होने पर जातिगत हिंसा व हत्यायें…..क्यों?

जब जाति के नाम पर हिंसा नहीं होती तो दलित होने पर जातिगत हिंसा व हत्यायें…..क्यों?

यूपी के अलग-अलग जिलों से पिछले कई दिनों में दलित व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या और जातिगत भेदभाव जैसे वीडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुए हैं।

यूपी के ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर के गाँव पावटी खुर्द

                                                                                                         यूपी, ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर, गाँव पावटी खुर्द ( साभार – ट्विटर )

जाति तो खत्म हो गयी फिर न जाने ये लोग जाति का नाम क्यों इस्तेमाल करते हैं? अमूमन यह बात वह लोग कहते हुए दिखते हैं जिन्होंने जातिवाद की हीन भावना की क्रूरता ज़िंदगी में कभी देखी ही नहीं। नहीं देखी तो न जाने ये लोग इतने रौब से यह कैसे कह देते हैं कि जातिगत हिंसा तो होती ही नहीं?

ये लोग कहते हैं घटना में ‘जाति’ का नाम क्यों इस्तेमाल करते हो? अब जब हिंसा ही जाति के नाम पर हो तो किसका इस्तेमाल करें? अब क्या जाति के नाम पर हुई हिंसा को भी जातिगत हिंसा न कहें?

यूपी में पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे वायरल वीडियो सामने आये जो साफ़ तौर पर जातिगत हिंसा की तरफ इशारा करते हैं।

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‘दलित ट्यूबवेल पर दिख गया तो 5 हजार रुपए जुर्माना’

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो यूपी जिले के मुज़फ्फरनगर, गाँव पावटी खुर्द का है। वीडियो में यूपी के ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर के गाँव पावटी खुर्द में खुलेआम मुनादी (घोषणा) हो रही है कि, “कोई भी ‘चमार’ उसकी डोल,समाधि,ट्यूबवेल पर दिख गया तो 5 हजार रुपए जुर्माना और 50 जूते होंगे!”

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जातिगत हिंसा के दोनों अभियुक्त गिरफ़्तार

                                मुनादी करने वाला शख़्स और गांव का प्रधान राजवीर

वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने घोषणा करने वाले शख़्स और राजवीर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने ट्वीट किया ‘पावटी खुर्द के प्रकरण में थाना चरथावल पर गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए मुनादी करने वाले व्यक्ति एवं राजवीर दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, अग्रिम आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जा रही है।’

https://twitter.com/muzafarnagarpol/status/1524233679429861376?s=20&t=7Qz2vUR1ybXRdjUG8Z-7kQ

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मुज़फ़्फ़रनगर मामले में चंद्रशेखर आज़ाद ने भी किया ट्वीट

वायरल वीडियो को काफ़ी लोगों ने ट्वीट किया और अपनी राय भी दीं। आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ट्वीट करते हुए लिखते हैं, “यूपी के ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर के गाँव पावटी खुर्द में खुलेआम मुनादी हो रही है कि “कोई भी ‘चमार’ उसकी डोल,समाधि,ट्यूबवेल पर दिख गया तो 5 हजार रुपए जुर्माना और 50 जूते होंगे! हिंदू बनने का जिनको शौक़ चढ़ा था, उन्हें अब समझ आ गया होगा। वैसे इनकी गलतफहमी दूर करने मैं जल्द पावटी जाऊंगा।”

दलित युवक की पीट-पीटकर करी हत्या

यूपी के ही जौनपुर जिले के मीरगंज थाने के अंतर्गत दलित युवक जीतलाल गौतम 8 मई 2022 को पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम है।

सूरज कुमार बौद्ध जो मृतक के भाई हैं ट्वीट करते हुए लिखते हैं, ” मैं दिन-रात जातिगत ज़ुल्म के खिलाफ लड़ता रहा हूँ। आज अपने लिए लड़ रहा हूँ। भाई जीतलाल के इंसाफ की लड़ाई हमें किसी भी कीमत पर जीतनी है। ”

“मेरे चचेरे भाई जीतलाल गौतम की कल रात में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वह शाम को घर से निकला था, रात भर गायब रहा और सुबह उसकी लाश मिली। जिला-जौनपुर, थाना-मीरगंज।”

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लापता दलित युवक को हाथ-पैर बांधकर मारते लोग

The News Beak अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो शेयर करता है। वीडियो यूपी के जिले रायबरेली की है। वीडियो में 4 दिन से लापता दलित युवक की हाथ-पैर बांधकर कुछ लोग पिटाई करते दिखे। वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी तो गिरफ़्तार हो गए लेकिन पीड़ित का कोई सुराग नहीं।

समाज में विभाजन करने वाले होंगे बेनकाब – सीएम योगी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 मई को ट्वीट करते हुए लिखते हैं, “जो लोग समाज में विभाजन पैदा करना चाहते हैं, जाति, मत-मजहब, क्षेत्र और भाषा के आधार पर बांटना चाहते हैं, हमें उन्हें बेनकाब करना होगा। जो लोग हमें गुलामी के कालखंड की ओर धकेलने की कुत्सित चेष्टा कर रहे हैं, उनसे सावधान रहना होगा।”

मुख्यमंत्री तो कह रहें हैं कि वह समाज को बांटने वालों को बेनकाब करेंगे लेकिन कब? जब दलित और जाति के नाम पर होती घटनाएं चरम सीमायें पार कर देंगी, तब ? जब दलितों पर होते अत्यचारों और उनकी हत्याओं का अंबार लग जाएगा तब?

आखिर ये लोग कौन हैं, इनमें खुद को बड़ा मानकर दूसरों को प्रताड़ित करने की हिम्मत कहां से आती हैं? अरे! कहीं ये सालों से भारत देश में चलती आ रही जातिगत हिंसा से तो नहीं जिसे आज ये खुद को उच्च जाति कहे जाने वाले लोग व खुद को ज़्यादा ही शिक्षित समझने वाले ज्ञाता नकारे जा रहें हैं?

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