यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर महिलाओं ने कहा कि सिर्फ वोट के लिए ही उन्हें राशन दिया जाता है।
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल और बातें काफ़ी हैं। अब वो क्या बातें हैं यह जानने के लिए खबर लहरिया की रिपोर्टर निकल पड़ीं। इस समय महोबा जिले में भी नामंकन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। पार्टियों में भी कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
यूँ तो चुनावी मुद्दों पर ग्रामीण महिलाओं की राय ज़्यादा सुनने को नहीं मिलती। बस इसलिए हमने ग्रामीण महिलाओं से चुनाव को लेकर जानना चाहा कि आखिर वह क्या सोच रही हैं या चुनाव को लेकर क्या सोचती हैं। एक महिला कहतीं हैं, “बहन जी, हमारी फोटो न लीजिये क्यूंकि हम मुस्लिम समाज के हैं। अगर तुमने फोटो डाल दिया तो हमारा नाम फ़ोकस में आ जाएगा। आगे एक महिला कहतीं, “कमल के फूल पर वोट देंगे लेकिन आत्मा साइकिल पर वोट डालने को कह रही है।”
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वर्तमान सरकार को लेकर महिलाएं कहतीं, वह काम तो अच्छा कर रही है। पहले जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब भी लाल राशन कार्ड, नमक, तेल, चीनी, चावल आदि चीज़ें बांटी गयी थी। उन्हें यह लगता है कि वर्तमान सरकार को चुनाव को लेकर लालच है इसलिए उसने लोगों को तेल, नमक, चना दिया है। ऐसा उन्हें एहसास हो रहा है।
आगे कहा, कोरोना की शुरुआत में तो सरकार ने राशन दिया लेकिन जब दूसरी लहर आई तो बस कुछ दिन ही गेहूं, चावल मिला। उसके बाद बंद हो गया। अब जब चुनाव का समय आ गया है तो लॉकडाउन भी नहीं है। उन्हें बस वोट के लालच में राशन में नमक दिया जा रहा है।
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अन्य महिला ने कहा, “नमक हलाल नहीं करना चाहिए। अगर हम नमक खाते हैं तो हमें नमक (यानी जो सरकार उन्हें नमक दे रही है) को ही वोट भी देना चाहिए।”
दूसरी महिलाओं ने कहा, “अब नमक किस काम का। दो साल से कोरोना महामारी चल रही है तब तो नमक, तेल और चना नहीं बांटा गया। अब चुनाव आते ही क्यों बांटा जा रहा है। नमक के पैकेट पर मोदी और योगी की फोटो लगी हुई है। यह तो साफ़ है कि सब प्रचार के लिए हो रहा है। अगर सरकार पहले से ही तेल देती तो हमें लगता कि चीज़ों की सुविधाएँ मिल रही हैं। ”
तो कुछ ऐसी ही बातें ग्रामीण महिलाओं में चुनाव को लेकर गुपचुप हो रही है। इससे यह तो दिख रहा है कि लोगों को पता है कि उन्हें किसे वोट देना और किसकी सरकार ने उनके लिए काम किया है।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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