खबर लहरिया कोरोना वायरस चित्रकूट: वैक्सीन नहीं तो राशन नहीं, गाँव की ज़मीनी हकीकत

चित्रकूट: वैक्सीन नहीं तो राशन नहीं, गाँव की ज़मीनी हकीकत

जिला चित्रकूट, ब्लॉक मानिकपुर, गांव टिकरिया मजरा जमुनिहाई यहां टीका नहीं तो राशन नहीं मतलब जो लोग वैक्सीन नहीं लगवाएं उनको कोटेदार राशन नहीं दे रहे थे। इस कारण से महिलाएं मजबूरी में वैक्सीन लगवा ली क्योंकि एक बार राशन नहीं मिला तो इस कारण से वैक्सीन लगवाई है। चुनाव के समय इस तरह का नियम आया है इससे पहले तो भी कोरोना था लॉकडाउन लगा उस समय तो गल्ला मिलता था। इस तरह का कोई दबाव नहीं था लेकिन अब जब तीसरी लहर करोना आया तब इस तरह का नियम आया है। कुछ महिलाओं का कहना है कि यदि इस तरह से ना होता तो हम टीका ना लगवाते।

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कोटेदार रामबालक यादव का लड़का आशीष यादव जो कोटेदारी का काम देखता है।उनका कहना है की जब तीसरी लहर आने वाली थी तभी यह नियम आया की टीका नहीं तो राशन नहीं इस कारण जिनके टीका नहीं लगा उनको लौटा‌ दिये थे। 1400 की आबादी में 89 अन्त्योदय राशन कार्ड है 248 पात्र गृहस्थी‌ कार्ड है। वैसे इस समय सभी के वैक्सीन लग चुका है यदि टीका न लगवाते तो हम राशन नही देते क्यों की सरकार का नारा था टीका नहीं तो राशन नहीं।

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