खबर लहरिया Blog टीकमगढ़ : 3 महीने से सचिव पद खाली, पंचायत भवन में भी लटका हुआ है ताला, ज़िम्मेदार कौन?

टीकमगढ़ : 3 महीने से सचिव पद खाली, पंचायत भवन में भी लटका हुआ है ताला, ज़िम्मेदार कौन?

टीकमगढ़ जिले के अजनौर गांव के ग्राम पंचायत भवन में तीन महीनों से ताला लगा हुआ है वहीं महीनों से सचिव पद खाली है।

टीकमगढ़, गाँव अजनौर, ग्राम पंचायत भवन

टीकमगढ़, गाँव अजनौर, ग्राम पंचायत भवन

सरकार द्वारा एमपी की हर ग्राम पंचायतों में लाखों रूपये खर्च करके पंचायत भवन बनवाये गए हैं। यह सोचकर की लोगों को इससे सुविधा होगी। अधिकारीयों से मदद हेतु वह सीधा ग्राम पंचायतों का रुख कर पाएंगे। खबर लहरिया ने टीकमगढ़ जिले के अजनौर गाँव में रिपोर्टिंग के दौरान देखा कि यहां के ग्राम पंचायत भवन में ताला लगा हुआ है। जब लोगों से पूछा गया तो पता चला कि लगभग तीन महीनों से पंचायत भवन में ताला लटका हुआ है। न यहां कोई अधिकारी आता है और न ही कभी भवन खुलता है।

अब बंद पंचायत भवन तो लोगों की समस्याओं और परेशानियों को तो नहीं सुनेगा न? बस फिर जो समस्या के समाधान के लिए बनवाया गया था, वह भी अब समस्या और परेशानी की वजह बना हुआ है यानि की बंद पंचायत भवन।

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पंचायत भवन बंद होने से ग्रामीणों को होती दिक्कतें

पंचायत भवन बंद रहने से लोगों को क्या परेशानियां हो रही हैं, यह भी हमने जानने की कोशिश की। ग्रामीण अमर सिंह लोधी कहते, 8 साल पहले बनवाया गया था पंचायत भवन। तीन महीने से नहीं खुला है। इससे पहले लगातार खुलता था। सचिव भी नहीं आते। बिना सचिव के ही पंचायत चल रही है।

यहां के सचिव दूसरी ग्राम पंचायत में चले गए हैं। अब लोग अपना काम करवाने के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। काम कराने के लिए टीकमगढ़ जाओ तो 100 रूपये भाड़ा लग जाता है। दफ़्तरों के चक्कर काटते रहो और इसके बाद भी जब काम नहीं होता तो पैसे और समय दोनों ही बर्बाद महसूस होते हैं। सरकार से वह यही मांग करते हैं कि उनके यहां साचिव की नियुक्ति कराई जाए।

हरिश्चंद्र को अपने परिवार के सदस्यों के नाम राशन कार्ड पर दर्ज़ करवाने थे। अब क्यूंकि पंचायत भवन बंद है तो उन्हें काम के लिए जिले के चक्कर लगाने पड़ेंगे। इनके पास इतने पैसे नहीं कि वह रोज़ जिले में जाकर अपना काम करवा सकें।

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घर बैठे ही कर देते हैं काम – सरपंच के पति

खबर लहरिया ने बंद पंचायत भवन के बारे में अजनौर गांव की सरपंच मान कुंवर के पति मोहन सिंह से बात की। उनके अनुसार क्यूंकि वह और रोज़गार सेवक दोनों ही ग्राम पंचायत में रहते हैं इसलिए वह घर से ही काम कर लेते हैं।

जहां तक बात रह गयी पटवारी की तो वह गाँव में आता-जाता रहता है। जिन्हें ज़रुरत होती है वह बता देते हैं और पटवारी के ज़रिये उनका काम हो जाता है। पुराने सचिव को किसी वजह से निलंबित कर दिया गया था। अभी नये सचिव की नियुक्ति नहीं हुई है। वह भी नये सचिव की मांग करते हैं।

सरपंच के पति अपने बचाव में आगे कहते हैं कि जो भी काम उनके या पटवारी के हिस्से में आता है वह काम ये लोग कर देते हैं। हाँ, सचिव के हिस्से वाले कामों के लिए लोगों को दफ़्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

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खुलवाये जाएंगे पंचायत भवन – सीईओ

टीकमगढ़, सीईओ संजीव गोस्वामी

हमने टीकमगढ़ जिले के जनपद सीईओ संजीव गोस्वामी से भी बात की। कहते, यह तो सबको पता है कि उस ग्राम पंचायत में सचिव नहीं है। जब तक सचिव की नियुक्ति नहीं होती, उनके काम का चार्ज रोज़गार सेवक को दिया जाएगा। पंचायत भवन क्यों नहीं खुल रहें वह इस बात की जांच करेंगे। पंचायत भवन जल्द ही खुलवाया जाएगा ताकि ग्रामीणों के कामों में अड़चन पैदा न हो।

पंचायत भवन का तो निर्माण ही बहुत सी समस्याओं के निजात के लिए होता है। यहां बंद पंचायत भवन ने लोगों के लिए बहु-समस्याएं खड़ी करके रखी हुई हैं। तीन महीनों से सचिव की नियुक्ति नहीं की गयी है। वहीं पंचायत भवन भी बंद है। यह कहा जा रहा है कि घर से अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो पंचायत भवन का निर्माण करवाया ही क्यों गया है? अगर लोगों के काम हो रहे हैं तो वह जिले के दफ़्तरों के चक्कर क्यों लगा रहे हैं? आखिर सचिव की नियुक्ति में और कितने महीने जाएंगे? पंचायत भवन बंद होने और सचिव का पद खाली होने की लापरवाही की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?

इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है। 

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