खबर लहरिया Blog बुंदेलखंड : यूपी जल योजनाओं के लाभ से वंचित ग्रामीण क्षेत्र

बुंदेलखंड : यूपी जल योजनाओं के लाभ से वंचित ग्रामीण क्षेत्र

यूपी सरकार द्वारा हर घर नल योजना, जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत इस समय चलाई जा रही है। इसके बावजूद भी लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।

बुंदेलखंड में पानी की समस्या दशकों से है। पानी की व्यवस्था हो इसके लिए यूपी सरकार द्वारा हर घर नल योजना, जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत इस समय चलाई जा रही है। इससे पहले यूपी में 2016-17 में राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल योजना चलाई गयी थी। जिसका लक्ष्य यह रखा गया था कि साल 2019-20 तक ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में पाइप द्वारा शुद्ध पानी पहुँचाया जायेगा। इसके बावजूद भी यह देखा गया कि ग्रामीण इलाकों व कस्बों तक इन योजनाओं का कोई नामों निशान ही नहीं है।

अगर हम बांदा जिले की बात करें तो इस समय हर व्यक्ति पानी की तलाश में इधर-उधर भटक रहा है। खबर लहरिया ने पनगरा ग्राम पंचायत व नरैनी कस्बे के कालिंजर रोड निवासी के लोगों से पानी की होती समस्या के बारे में बात की।

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कहीं टूटी पाइपलाइन तो कहीं पहुँच से दूर पानी

पनगरा गांव पहाड़ के पास बसा हुआ है। वहां कहने के लिए पानी की टंकी तो लगी हुई है पर वह पानी सबको उपलब्ध नहीं हो पाता। पानी की कमी को लेकर लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायत पत्र लिखा। कोई जवाब नहीं आया। दूसरी तरफ, नरैनी कस्बे के कालिंजर रोड पर खुदाई हो रखी है तो वहां भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा।

लक्ष्मी बताती हैं, गाँव पहाड़ी क्षेत्र में है हैंडपंप भी नहीं लग पाते। पानी की टंकी पहाड़ के ऊपर बनी हुई है इसकी वजह से पूरे गाँव में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती। जहां पानी मिलता है वहां पानी के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ती है। कोई साइकिल, कोई बैलगाड़ी तो कोई सिर पर पानी भरकर लाते हैं।

पानी के लिए इतनी जद्दोजेहद करनी पड़ती है कि कोई काम नहीं हो पाता। जो परिवार मज़दूरी का काम करते हैं उनके लिए रोज़ पानी के लिए लंबी लाइन लगाना और पानी की तलाश करना परेशानी का सबब बना रहता है। पानी के पीछे होने वाले झगड़े तो अलग ही दिक्कत देते हैं।

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नरैनी कस्बे के कालिंजर रोड पर रहने वाले जगदीश कहते हैं, जब से खुदाई का काम शुरू हुआ पाइपलाइने धवस्त हो गयीं। इस वजह से अब घरों में पानी नहीं आ रहा है। अभी भी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा टूटी पाइपलाइन की मरमत्त नहीं की गयी है।

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पीडब्ल्यूडी विभाग की है लापरवाही- जल संस्थानकर्मी

हमने नरैनी के जल संस्थानकर्मी से टूटी पाइपलाइन के बारे में बात की। उनके अनुसार, जब से पाइपलाइन टूटी तब से लेकर आज तक पीडब्ल्यूडी विभाग ने पाइपलाइन नहीं बिछाई। बस यह कह देते कि उन्हें बजट ही नहीं दिया जा रहा है।

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जानें क्या है अधिकारीयों का कहना

नरैनी जल संस्थान के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अनुसार उन्होंने पीडब्ल्यूडी को 4 अप्रैल को एक बजट बनाकर भेजा था क्यूंकि पीडब्ल्यूडी द्वारा ही सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाइपलाइन टूटी थी।

पनगरा गाँव के प्रधान कल्लू से खबर लहरिया ने गाँव में पानी की होती समस्या के बारे में बात की। उनके अनुसार, पानी की समस्या को लेकर ऑनलाइन शिकायत की गयी थी। जब इससे कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने तीन महीने पहले कमिश्नर और डीएम से भी शिकायत की। डीएम ने अवर अभियंता को लापरवही बरतने के लिए बर्ख़ास्त कर दिया।

इसके बाद जो नये जेई अमित (महुआ ब्लॉक) आये उन्होंने 4 अप्रैल 2022 को गाँव का दौरा कर जांच की थी। उन्होंने जांच में यह पाया कि गाँव में पुरानी योजना के तहत काम हुआ था। अब आबादी बढ़ गयी है। अब दोबारा से पाइपलाइन डलवाई जायेगी लेकिन इस काम में समय लगेगा। वहीं जो ठेकेदार काम करते हैं उनका 6 महीने से भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने लोगों से एक हफ़्ते का समय माँगा है और एक हफ़्ते में पानी चालू करने की बात कही है।

पानी अब ऐसे में सवाल आता है कि देश विकास की तरफ बढ़ तो रहा है लेकिन लोग आज भी पानी जैसी मूलभूत ज़रूरतों से वंचित है। यह कैसा विकास है? यह कैसी ग्रामीण योजनायें हैं जो ग्रामीणों को ही लाभ नहीं पहुंचा पा रही हैं?

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है। 

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