खबर लहरिया Blog टीकमगढ़: मानसिक स्वास्थ्य से ग्रस्त पीड़ित बुज़ुर्ग ने की आत्महत्या

टीकमगढ़: मानसिक स्वास्थ्य से ग्रस्त पीड़ित बुज़ुर्ग ने की आत्महत्या

टीमकगढ़ जिले में रहने वाले बुज़ुर्ग व्यक्ति ने मानसिक स्वास्थ्य की वजह से की आत्महत्या। आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं।

टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थाने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव बनेरा में 12 अगस्त को भगवानदास नाम के व्यक्ति द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, बुज़ुर्ग व्यक्ति की उम्र 52 साल थी और उसने बेरी के पेड़ पर फांसी लटकाकर आमहत्या की। व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त था।

मृतक के भाई ने दी घटना की जानकारी

इस बारे में हमने मृतक के परिवार वालों से बात की। मृतक के भाई मोहन लोधी का कहना है कि 12 अगस्त को उसका भाई उसे रस्ते में मिला था। उसने पूछा कि वह कहां जा रहा है तो उनका कहना था कि वह राशन वितरण हो रहा है तो वह राशन लेने जा रहे हैं। जब वह घर वापस आएं तो उसे उसका भाई घर पर नहीं मिला। जब वह खोजबीन करने लगे तो गौरखेरा गाँव में बेरी के पेड़ पर उसे उसकी भाई की फांसी से लटकी हुई लाश मिली।

मानसिक बीमारी से ग्रस्त था मृतक

घटना की जानकारी बल्देवगढ़ थाने में दी गयी। मृतक के भाई का कहना है कि पिछले चार महीनों से उसके भाई की मानसिक स्थिति सही नहीं थी। वह परेशान रहता था। इसी वजह से उसके भाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

रिपोर्ट आने के बाद होगी जाँच – थाना प्रभारी

मामले को लेकर बल्देवगढ़ थाने के प्रभारी आमित साहू ने बताया कि 12 अगस्त के दिन लगभग तीन बजे उन्हें घटना की सूचना मिली थी। वह मौके पर पुलिस बल लेकर पहुंचे और एसएफएल टीम भी पहुंची। घटना का पंचनामा बनाकर शव को बल्देवगढ़ सामुदायिक केंद्र में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।

मृतक किस वजह से मानसिक बीमारी से गुज़र रहा था, इस बात का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन आज हर व्यक्ति मानसिक बीमारी से ग्रस्त है। शहरों की बात करें तो लोग अब अपने मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने लगे हैं। उसके बारे में दूसरों से बात करते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नहीं है। वह किसी से अपने मन में चलने वाली बातों को नहीं कह पाते। अगर देखा जाए तो ग्रामीण स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य से गुज़रने वाले लोगों की कोई भी रिपोर्ट नहीं है। जो की यह दिखाने के लिए काफी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य जैसे बड़े मुद्दे को किस तरह से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। यहां तक की उसे लेकर बात भी नहीं की जाती। तो यह कैसा विकास, कैसा डिजिटलाइज़ेशन है जो यह कहता है कि वह लोगों को करीब लेकर आ रहा है?

इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है। 

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