खबर लहरिया Blog चित्रकूट : सरकार के वादों पर लगे कीचड़ के छीटें , विकास गिरा गड्ढों में

चित्रकूट : सरकार के वादों पर लगे कीचड़ के छीटें , विकास गिरा गड्ढों में

Sludge on government promises

कहते हैं किसी गांव के विकास की पहचान उसकी पक्की सड़क को देखकर होती है। जिसका अर्थ यह माना जाता है कि उस गांव में विकास पहुँच चुका है और उसके ज़रिए अन्य सुविधाएं भी अब उन तक पहुंच सकेंगी। लेकिन वहीं अगर सड़कों पर बड़ेबड़े गड्ढे नज़र आने लगे तो इसका मतलब यह है कि विकास उन्हीं गड्ढों में कहीं दफ़न हो चुका है। यूं तो सरकार ने अपनी योजनाओं और वादों से बड़ेबड़े बदलाव करने की बात कही थी। यह कहा गया कि सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाया जाएगा। लेकिन सिर्फ और सिर्फ़ बातों में क्योंकि ज़मीनी हक़ीक़त तो नज़र ही जाती है। जिला चित्रकूट ब्लॉक मऊ की मुख्य सड़क मण्डौर पर गड्ढें होने की वजह से सिर्फ और सिर्फ़ पानी भरा हुआ है। जिससे आनेजाने वाले लोगों को काफ़ी तकलीफें हो रही हैं।

रोज़ होती है दुर्घटनाएं

सड़क से रोज़ाना हज़ारों लोगों का आनाजाना रहता है। एक तो सड़क के गड्ढें और ऊपर से सड़क पर भरा हुआ पानी, दोनों चीजों ने लोगों के लिए दोगुनी मुसीबत खड़ी कर दी है। गड्डों की वजह से आए दिन दुर्घटना होती रहती है। कभी कीचड़ की वजह से लोग वाहन के साथ कीचड़ में फिसल कर गिर जाते हैं। जिसमें कई बार लोगों को शारीरिक तौर से काफ़ी चोटें भी आती हैं। जो लोग पैदल रास्ता पार करते हैं, कीचड़ होने की वजह से दो पहियाँ और चार पहियाँ वाहन उन पर कीचड़ उछालकर चले जाते हैं। ऐसे में उनके कपड़ें तो गंदे होते ही है, उनके साथ का सामान भी कीचड़ की वजह से खराब हो जाता है। 

बरसात के मौसम में तो पानी गुठनों तक भर जाता है। ऐसे में गड्ढों से भरा रास्ता पार करना लोगों के लिए खतरों से खाली नहीं होता। साथ ही जिन लोगों की दुकान मुख्य सड़क पर है, कीचड़ होने की वजह से वह भी कुछ खासा नहीं चलती क्योंकि दुकान के सामने तो कीचड़ भरा रहता है। लोगों के खड़े रहने या दुकान तक आने के लिए जगह ही नहीं होती। इससे उनकी रोज़ाना की आमदनी पर भी काफ़ी असर पड़ता है। 

लोगों ने कहा, हो समस्याओं का निपटारा

मऊ गांव की सविता का कहना है कि सड़क के किनारे नाले नहीं बने है। जिसकी वजह से पानी निकलने का कोई स्त्रोत नहीं है। सारा पानी सड़क पर जाकर इकट्ठा हो जाता है और  गड्ढों में भी पानी लंबे समय तक भरा रहता है। अगर नाली बन जाए तो पानी का जमाव नहीं होगा और बारिश के मौसम में भी पानी नालियों में ही जमा होगा। मऊ बाज़ार जाने के लिए मण्डौर ही मुख्य सड़क है। जहां से लगभग 25 गांवो के लोग बाजार की तरफ़ जाते हैं। मुख्य सड़क होने की वजह से मज़बूरन लोगों को उसी रास्ते से जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर सड़क और नाली बन जाए तो उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है।

बजट आने पर होगा सड़कनाले का निर्माण

पी डब्लू के अधिकारी वीरेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि लोग घर से निकले पानी को सड़क पर बहा देते हैं। जिसकी वजह से सड़क जल्दी खराब हो जाती है। वह कहते हैं कि लोग सड़क पर पानी फेंकते हैं तभी सड़क एक साल में ही खराब हो गयी है। उनका कहना है कि जैसे ही सरकार नई सड़क और नाले के निर्माण के लिए बजट देगी, वह बनवा देंगे। 

कार्ययोजना पास होने के बाद बन जाएगी सड़कमानिकपुर विधायक

मऊ मानिकपुर विधायक आंनद शुक्ला का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सड़क योजना में अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए कार्ययोजना डाली थी। जैसे ही वह पास होगी, सड़क के गड्ढे भी भरवा दिए जाएंगे और पानी के निकाय के लिए नाला भी बन जाएगा। वह कहते हैं कि इससे पहले भी उन्होंने कई सड़को के गड्ढों को भरवाया है और वह बाकी के सड़कों का भी काम जल्द ही करवाएंगे।

वैसे तो योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा साल 2019 में अपने एक भाषण में गड्ढा मुक्त सड़क करने की बात कही गयी थी। लेकिन साल 2020 में भी सड़कों का हाल बेहाल ही नज़र रहा है। सवाल यह है कि आखिर सड़कें एक साल में ही कैसे खराब हो जाती हैं? क्या सड़क बनाने में सही माल का इस्तेमाल नहीं होता?