खबर लहरिया कोरोना वायरस बाँदा के नरैनी कस्बा में बाजार रेट से ज्यादा दाम वसूल रहे दुकानदार

बाँदा के नरैनी कस्बा में बाजार रेट से ज्यादा दाम वसूल रहे दुकानदार

जिला बाँदा के नरैनी कस्बा में बाजार रेट से ज्यादा दाम वसूल रहे दुकानदार :लॉकडाउन चलते खाद्य सामग्री और सब्जियों में काफी बढ़ोतरी हो गई है जिसके चलते लोग बहुत ही कम खरीद पा रहे हैं| लोगों का कहना है कि वह मेहनत मजदूरी करने वाले लोग हैं और इस समय काम धंधे भी ठप चल रहे हैं साथ ही खाद्य सामग्री दुकानदार ने  काफी बढ़ा  दिया   है जिससे वह सब्जी और आटा चावल तक के लिए उतना नहीं जुटा पा रहे हैं जिस तरह से पहले खरीदते थे उसकी अपेक्षा काफी कम मात्रा में खरीद पा रहे हैं या फिर कभी नमक रोटी कभी आलू रोटी ही खा कर अपना गुजर कर रहे हैं| क्योंकि इस समय लोग मार्केट कर नहीं पाते हैं और ना ही काम धंधा कर पाते हैं कि उनके पास इतना पैसा हो जो चीजें बाहर से आती थी वहा भी नहीं पा रही हैं जिससे दाम बढ़ते जा रहे हैं| दुकानदार लोगों  का कहना है कि खाद्य सामग्री में कुछ चीजों में बढ़ोतरी हुई है जैसे कि चीनी है आटा है दाल है नमक है तेल है इन चीजों में एक-दो ₹2 की बढ़ोतरी हुई है और यह मानक तय हुआ है हर जिलों के लिए अलग-अलग उसी हिसाब से बांदा जिले में भी है और उसी हिसाब से लोग देते हैं लेकिन माल ऊपर से ना आने के कारण दुकानदारों को भी दिक्कत हो रही है और ग्राहकों को भी दिक्कत हो रही है क्योंकि माल नहीं मिल रहा तो और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है और जो ग्राहक है वह भटक रहा है कहीं ना कहीं क्योंकि दुकान में भी 6 से 9 ही खुलती हैं और उस समय जो लोग खरीद पाते हैं तो ठीक है वरना फिर भटकते रहते हैं तू यह समस्या खासकर गांव स्तर पर होती है क्योंकि गांव स्तर के लोगों को आने में थोड़ा समय लगता है और गांव के लोगों का कहना है कि जो अगर बाजार से लोग यहां लेकर आते हैं तो और भी औने पौने दाम में देते हैं जैसे 10 की चीज है तो ₹12 की देते हैं ₹15 की देते हैं लेकिन मजबूरी में उनको खरीदना पड़ता है क्योंकि कहीं ना कहीं पेट तो भरना ही है वही आलू जो पहले ₹60 ₹70 में बिका करता था आज वह ₹120 1:30 ₹ का 5 किलो बिक रहा है तो कुछ चीज है जो पहले की अपेक्षा ही हैं लेकिन कुछ चीजों में बढ़ोतरी हुई है जिनको लेना भी बहुत ही जरूरी होता है और अगर लॉक डाउन नहीं होता तो लोग आराम से कमाते थे मजदूरी करते थे और जो रेट मिलता था तो खाते थे|