खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट यौन हिंसा जिसकी शिकायत कहीं दर्ज ही नहीं होती, देखिये जासूस या जनर्लिस्ट में

यौन हिंसा जिसकी शिकायत कहीं दर्ज ही नहीं होती, देखिये जासूस या जनर्लिस्ट में

यौन हिंसा जिसकी शिकायत कहीं दर्ज ही नहीं होती, देखिये जासूस या जनर्लिस्ट में :इस लॉक डाउन में शराबियों की तो हालत ही बिगड़ गई थी। जैसे ही शराब के ठेके खुले लोगों की लंबी कतारें दिखने लगी, पर इसमें सरकार का तो बड़ा फायदा हुआ पर जो हिंसा बढ़ी है उसका न कोई शिकायत न तो कोई अंदाजा ही नहीं है और यह हिंसा ऐसी है कि ना तो पुलिस रिकॉर्ड में है और ना ही कोई आपको बता सकता है। जी हां तो दोस्तों इस पूरे वीडियो को देखने के लिए बने रहिए मेरे साथ जासूस या जनरलिस्ट पर।

इस कोरोना महामारी के चलते सब कुछ बंद हो गया था, जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी गिरने लगी है। सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने सारे ठेके खोल दिए।वैसे तो सरकार प्रशासन बड़े बड़े दावा करती हैं कि सोशल डिस्टेंशन का पालन करो, बिना काम के बाहर ना निकले, पर ठेके पर ना तो कोई नियम लागू है और ना ही कोई कानून बना है। लोग सुबह से लेकर शाम तक ठेके की लाइन पर खड़े मिले होंगे, जितना सरकार को इससे फायदा हुआ है उतना ही महिला हिंसा के केस भी बड़े हैं। जी हां और यह केस ऐसे नहीं है जो आपको लिखा हुआ कहीं मिल जाएगा।

अब आप सोच रहे होंगे तो फिर कैसे केस है?

यह ऐसे केस है जिसके बारे में ना तो कोई बात करता है और ना ही कोई इस हिंसा के बारे में कुछ सुनना चाहता है। यह ऐसी हिंसा है जो महिलाओं को अंदर से तोड़ती है।

जी हां यौन हिंसा ।

यौन हिंसा एक ऐसी हिंसा है जिससे महिलाएं घर में रहकर सहकर घुट रही हैं इस हिंसा को लेकर जब हमने महिलाओं से बात की तो पहले तो उन्होंने शिकायत  न की कुछ भी बताने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें लगता है कि यह हिंसा उनके आपस की बात है अगर वह किसी से बताएंगे तो लोग उनका मजाक उड़ाएंगे पर जब हमने बिना पहचान दिए उनसे बात की तो निकल कर आया कि महिलाओं के साथ जो हिंसा है वो सबसे ज्यादा यौन हिंसा है। क्योंकि शराब के नशे में पुरुषों को कुछ नहीं समझ में आता है। उनके पास कोई काम नहीं है सारा दिन भर नशे के धुत ने घर में पड़े रहते हैं। जब भी उनका मन होता है तभी वह जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के जिद करते हैं। अगर हम लोग मना करते हैं तो हमारे साथ मारपीट होती है। हमें तरह-तरह के ताने दिए जाते हैं, जो यह बात ना तो हम किसी को बता सकते हैं और ना ही कुछ कह सकते हैं। क्योंकि हमारी इस बात को सुनने के लिए कोई तैयार ही नहीं होता है । पुलिस के पास भी जाओ तो वह भी हंसी मजाक बनाकर वापस लौटा देते हैं। अगर घरवालों से कुछ कहो तो लो लोग शराबी होने का बहाना बना देते हैं। पर अंदर के दर्द को कोई नहीं देखता है।

इन मामले को लेकर जब हमने पुलिस रिकॉर्ड में देखा तो यौन हिंसा से जुड़े या मारपीट से जुड़े कोई भी मामला नहीं मिला। अगर मिला तो वह है दहेज उत्पीड़न छेड़छाड़ रेप अपहरण आदि जुड़े मामले सामने रिकॉर्ड में देखने को मिले।

जब हमने इन हिंसाओं के बारे में बात की तो उन्होंने कहां की वैसे भी महिलाएं ऐसे केस लेकर हमारे पास नहीं आती हैं जब ज्यादा मारपीट होती है तभी लोग 112 नंबर पर फोन करते हैं। पुलिस मौके में पहुंचकर दोनों को समझा देते हैं, नहीं तो पति को उठाकर थाने ले आती है। 2 दिन बाद समझा-बुझाकर छोड़ दिया जाता है। अब अगर पति को जेल भेजेंगे तो पत्नी को दर्द होगा शराब के नशे में थोड़ा बहुत तो चलता है। अब यौन हिंसा के बारे में हम क्या बताएं। ये तो अंदर की बात है।

अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या शराब से ही देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी।

आख़िर समाज से ये हिंसा कब खत्म होगी।

इस हिंसा पर कोई क्यों नही बात करना चाहता, क्यों इसको मज़ाक बनाया जाता है।

शराब से बढ़ रही हिंसा के दोषी आख़िर कौन?
पुलिस प्रशासन या पुरुष सत्तावादी सोच?

यौन हिंसा को क्यों गंभीरता से नही लिया जाता है। इसका कोई शिकायत  दर्ज नहीं है और  रिकार्ड पुलिस के पास क्यों नही है।
आख़िर कब इस हिंसा पुलिस रिकार्ड में दर्ज करेगी,इसका जवाबदेही देगा कौन?

तो दोस्तो ये थी हमारी आज की जासूसी भरी कहानी, आपको अगर मेरा यह वीडियो पसंद आया हो तो चैनल को सब्सक्राइब करिये, वीडियो को लाइक करिये और हाँ वीडियो को शेयर करना न भूलिएगा।

अगर आपके पास इस हिंसा से जुड़े कुछ सवाल है तो हमे कॉमेंट बॉक्स पर जरूर बताएं, तो अभी के लिए दीजिये हमे इजाजत अगले एपिसोड में फिर मिलेंगे एक नए मुद्दे के साथ।