खबर लहरिया छतरपुर कमाल की कला: कंघी को Mouth Organ बना निकाली बेहतरीन धुन

कमाल की कला: कंघी को Mouth Organ बना निकाली बेहतरीन धुन

छतरपुर जिले के जाने माने शायर प्रमोद सारस्वत है जो अपनी शायरी के लिए काफी फेमस हैं। आपको यह भी बता दूं कि यह एक टीचर हैं और इन्हें शायरी लिखने और पढ़ने का काफी शौक है। छतरपुर के अलावा यह काफी सारे जिलों में भी जाने जाते हैं। मंचों पर अपने नए-नए रंग बिखेरते रहते हैं।

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प्रमोद जी की कलाओं की बात की जाए तो इनके अंदर इतने गॉड गिफ्ट भरे पड़े हुए हैं जिनको पाने के लिए लोग काफी प्रयास करते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ जब यह 10 साल के थे तभी इन्होंने मंच पर जाना शुरू कर दिया था। पहली बार जब अपने चाचा जी के साथ एक प्रोग्राम में गए हुए थे और माइक पर इनके चाचा का बार-बार नाम बुलाया जाने पर उस टाइम चाचा वहां मौजूद नहीं थे तो उनकी जगह प्रमोद जी का कहना है कि उन लोगों ने मंच पर मुझे ही खड़ा कर दिया। उस समय मैंने अपनी पुस्तक की जो कविता थी वही पहली बार मंच पर बोलना स्टार्ट किया। मेरे जीवन का पहला अनुभव था और बहुत शानदार था उसके बाद से यह सिलसिला ज़ारी है।

प्रमोद जी लिखते -पढ़ते और गाते तो बहुत ही अच्छा है उसके साथ साथ हारमोनियम, बांसुरी, माउथ ऑर्गन, और कबाड़ से जुगाड़ एक कंघी और पन्नी दोनों चीजों का यह संगम करके बहुत ही अच्छी किसी भी गाने की धुन निकाल लेते हैं। इन कलाओं के अलावा भी है निरंतर किसी न किसी प्रयास में लगे ही रहते हैं।

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