खबर लहरिया ताजा खबरें “क्या कभी ख़त्म होगा राममंदिर का मुद्दा?” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम खुला ख़त

“क्या कभी ख़त्म होगा राममंदिर का मुद्दा?” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम खुला ख़त

 

मेरा नाम मोहम्मद साजिद है, मैं अयोध्या जिले का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मैं पिछले 26 साल से अयोध्या में राम मंदिर बनने की बात सुनता आ रहा हूँ। पर आज तक किसी भी सरकार के प्रयास सफल नहीं हुए हैं। न ही वो इस मुद्दे से जुडी परेशानियों को कभी दूर कर पाई हैं। जबकि देखा जाए तो हिन्दू-मुस्लिम दंगा फसाद कराने में सरकार ही सबसे आगे रही है।

1992 में जब यहाँ राम मन्दिर को लेकर दंगा हुआ था तब हम लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। यहाँ तक कि मेरे माता-पिता ने मुझे ये भी बताया कि उस समय अपनी जान बचाने के लिए हमें क्या कुछ नहीं करना पड़ा। हम बस एक जगह से दूसरी जगह ही भागते रहे। क्योंकि उस समय मैं बहुत छोटा था तो मुझे अच्छे से याद भी नहीं कि उस समय यहाँ रह रहे हर परिवार को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा होगा। लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ इन दंगों को लेकर मेरे अन्दर हमेशा एक डर बना रहा कि कहीं हमे कुछ हो तो नहीं जाएगा? कहीं हमे फिर से अपनी जान बचाने के लिए अपना घर तो नहीं छोड़ना पड़ेगा? यहाँ सभी लोग इस मुद्दे को लेकर काफी डरे हुए हैं। यहाँ कब कुछ हो जाए किसी को कोई खबर नहीं। आखिर कब तक हम इस डर के माहौल में जीते रहेगें मोदी जी?

इस समय आप जहाँ भी देखेंगे, लोग अपने कारोबार और घरबार को बचाने के प्रयास में ही जुटे मिलेंगे। इन दंगों के कारण मेरी दुकान को भी कई बार तोड़ा गया है। जिस कारण इन दंगों के समय तो हमे कई लाखों रूपए का नुक्सान भी हुआ है।
मोदी जी आखिर क्यों आप इस मुद्दे पर कोई रोक नहीं लगा पा रहे हैं? इन पांच साल में एक बार भी आप अयोध्या नहीं आए, न ही कभी आप ने यहाँ की स्थिति के बारे में कुछ जानने के प्रयास किये। तो कैसे आप राममंदिर से जुड़े इस मुद्दे पर कोई बात कर सकते हैं? यहाँ के लोग तो एक दूसरे से लड़ना भी नहीं चाहते, फिर भी क्यों आपकी सरकार द्वारा इन लोगों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाया जा रहा है?

जब भी ये मुद्दे उठाया गया है मैंने तब-तब लोगों को लड़ते-झगड़ते, एक दूसरे का खून बहाते और कई बार मारते हुए भी देखा है। सच बताऊँ तो इन सबको देख मेरी रूह कांप जाती है। ये सोचकर, की आखिर ऐसा क्या गुनाह किया मैने जो मुझे ये डर भरी ज़िन्दगी बितानी पड़ रही है। मैं आप से पूछना चाहता हूँ कि क्या मैं कभी इस डर से बाहर निकल पाउँगा? या क्या यहाँ के लोग इसी तरह अपनी ज़िन्दगी घुट-घुट कर ही जीते रहेंगे? क्या कभी सरकार उनके विकास या ज़रूरतों के लिए कुछ कर पाएगी?

मोदी जी जिस दिन आप अयोध्या आएँगे उस दिन यहाँ की सचाई आपकी आँखों के सामने एकदम साफ़ दिखेगी। भले ही यूपी सरकार ने फैजाबाद जिला का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया हो। जिलों के नाम भी बदल दिए हों। पर क्या इससे वो कभी जनता की सोच बदल पायेंगें? आप क्यों इस मुद्दे को और बढ़ावा दे रहे हैं? इसे यहीं ख़त्म क्यों नहीं कर देते? ‘’ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी’’। आप सोचते हैं कि मंदिर-मस्जिद के कारण अयोध्या का नाम देशभर में और प्रसिध्द होगा, कभी नहीं। ये आपकी बहुत बड़ी गलत फ़हमी है। आप ये नहीं जानते कि यहाँ की जनता तो केवल एक अच्छी नौकरी या व्यवसाय के साथ अपने परिवार का पेट भरना चाहती है। उन्हें इस मंदिर-मस्जिद मुद्दे से तो कोई लेना-देना भी नहीं है।
मैं आपसे पूछता हूँ कि क्या से सब कभी ख़त्म हो पाएगा? क्या कभी यहाँ के लोग अपनी ज़िन्दगी अच्छे से बिता पाएँगे? इन लोगों को आपस में लड़ने के लिए आखिर आप कब तक इसी तरह मजबूर करते रहेंगे? मोदी जी क्या मेरे इन सभी सवालों के जवाब आपके पास हैं?