खबर लहरिया Blog MP Panchayat Election 2022 : 50% OBC आरक्षण के साथ होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

MP Panchayat Election 2022 : 50% OBC आरक्षण के साथ होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 25 जून, 1 जुलाई और 8 जुलाई को होंगे।  14 व 15 जुलाई को चुनाव परिणाम घोषित किये जाएंगे।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 18 मई 2022 को आया। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% (OBC, SC/ST को मिलाकर) से ज़्यादा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एक सप्ताह के अंदर आरक्षण नोटिफाई किया जाए जिसके बाद अगले एक सप्ताह में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन ज़ारी हो। बताया जा रहा है कि इस आधार को मानते हुए 27% आरक्षण के साथ एमपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं।

इससे पहले ट्रिपल टेस्ट का पालन करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने रिपोर्ट पेश की थी। जिसे भाजपा ने अपनी जीत बताई है, तो वहीं कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के ओबीसी लोगों की जीत बताई है।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि बारिश के कारण चुनाव पहले कराए जा रहे हैं जिसके बाद आचार संहिता भी लागू हो गई है। इससे नगर निकाय के चुनाव में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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इन दलीलों के बाद मिला ओबीसी आरक्षण

मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर 12 मई को सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने 17 मई 2022 को सुनवाई की। इस दौरान सरकार के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए ओबीसी आरक्षण देने के लिए साल 2011 की जनसंख्या के आंकड़े पेश किए थे। जिसमें राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 51% बताई गई। साथ ही अपनी बात रखते हुए वकील ने कहा था कि अगर इस आधार पर ओबीसी को आरक्षण मिलता है तो उसके साथ न्याय होगा।

इन तारीखों को होंगे तीन चरणों के चुनाव

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे। पहला 25 जून, दूसरा 1 जुलाई और तीसरा 8 जुलाई को होगा। 14 व 15 जुलाई 2022 को परिणामों की घोषणा होगी। वहीं 10 जून, दोपहर 3 बजे तक लोग अपना नाम वापिस ले सकते हैं।

इसके साथ ही मतदान का समय सुबह 7:00 से दोपहर 3:00 बजे तक बताया जा रहा है। इससे पहले यह समय सुबह सात से चार बजे तक था। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए एक घंटे समय बढ़ाया गया था लेकिन अब स्थितियां सामान्य हैं, इसलिए पुरानी व्यवस्था लागू की गई है।

 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व ग्राम पंचायतें

– पहले चरण में 115 जनपद पंचायतों के 8,702 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे।

– दूसरे चरण में 106 जनपद पंचायत के 7,661 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे।

– तीसरे चरण में 92 जनपद पंचायत के 6,649 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे।

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चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी की राय

टपरिया गांव के मनोज कुमार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव गुलगंज क्षेत्र से लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमपी में 7 सालों के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं जिसका सबको बेसब्री से इंतज़ार था।

चुनाव को लेकर सामज सेवी कर रहें जागरुक

हमने छतरपुर जिले के रहने वाले अमित भटनागर जो की एक समाज सेवी हैं उनसे बात की। वह ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को इकट्ठा करके प्रत्याशी चुनने को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं। वह आगे बताते हैं कि उनके यहां 7 सालों बाद चुनाव होने जा रहें हैं। वहां की सरकार चाहती ही नहीं थी कि चुनाव हो इसलिए कभी कोरोना का बहाना तो कभी आरक्षण का बहाना बनाकर चुनाव स्थगित कर दिए जा रहे थे जिससे काफी भ्रष्टाचार मचा हुआ था। कई काम रुक गए थे। लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही थी। कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार उनके यहां चुनाव हो रहे हैं।

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जनता की राय

निवाड़ी जिले की रजपुरा पंचायत के रहने वाले अनिल कुमार अहिरवार बताते हैं, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 3 साल की देरी से हो रहें हैं। कोरोना और फिर आरक्षण की वजह चुनाव नहीं हो पाया। उनके कामों में बाधाएं आईं जो उनके हिसाब से ठीक नहीं था।

निवाड़ी जिले के बरिया चौरा गांव के रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह का कहना है, राज्य राज्य सरकार ने उनके साथ अच्छा नहीं किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है वह उससे खुश हैं कि उनके यहां चुनाव हो रहे हैं। नहीं तो पिछले 8 सालों से सरकार और प्रशासन जनता को गुमराह कर रही थी। जबकि चुनाव का नियम होता है कि 5 साल में चुनाव हो जाना चाहिए।

राज्य में सही समय से चुनाव न होने की वजह से आम जनता की समस्याएं बढ़ गयी जैसे की लोगों ने खुद भी बताया। ऐसे में भ्रष्टाचार के मामले बढ़े, लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा क्यूंकि समस्या को सुलझाने वाला कोई प्रतिनिधि ही नहीं था। सालों से आरक्षण की मांग की वजह से चुनाव बीच में लटके हुए थे। अब आरक्षण पास होने के बाद राज्य में चुनाव हो रहें हैं। सवाल यह रहेगा कि चुनाव परिणाम के बाद कितने समय में सभी कार्य कैसे और कितनी तेज़ी से चालू होते हैं क्यूंकि चुनाव की देरी की वजह से सभी व्यवस्थाएं ठप्प पड़ी हुई है।

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है। 

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