खबर लहरिया जिला क्या अपने हक़ की बात करना राजनीति है? देखिये राजनीति रस राय

क्या अपने हक़ की बात करना राजनीति है? देखिये राजनीति रस राय

नमस्कार, मैं मीरा देवी, खबर लहरिया की प्रबन्ध संपादक अपने शो राजनीति, रस, राय में आप सबका बहुत-बहुत स्वागत करती हूं। विभगों से कार्यवाही किए जाने की उम्मीद करना या कार्यवाही विभाग को करनी ही पड़े तो क्या है राजनीति करना है? नहीं न, क्योंकि नागरिक होने के नाते प्रशासन काम करे इसकी मांग तो कर ही सकते हैं न। यह भी जनता का अधिकार ही है कि समस्या का हल जल्दी हो और तब और जल्दी हो जब मौत का खतरा मंडरा रहा हो?

ये भी देखें – वाराणसी: इको-फ्रेंडली पानी का मटका बुझाएगा पक्षियों की प्यास

ये कोई वैकल्पिक विचार नहीं है जबकि सच्ची घटना की बात कर रही हूं। बिसंडा ब्लाक का गांव भदेहदू जहां 11 हजार पावर की हाई बोल्टेज वाली तार 4 फिट नीचे लटक रही थी। जिसमें 17 अप्रैल 2022 को एक व्यक्ति को करंट लग गया। विभाग को बताया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। तब तक में दो व्यक्ति बुरी तरह झुलस गए। जानवर तो आय दिन मर रहे थे। इस केस पर लोगों ने बिलजी विभाग को लिखित, मौखिक और फोन पर सूचना दी लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हो रहा था। लोगों ने विभाग की नियति को जानते हुए सड़क जाम करने की सोची। पावर हाउस में ताला भी लगा दिया। तब विभाग सख्ते में आया।

उसी दिन हम भी पहुंचे थे कवरेज में। मैंने देखा कि कवरेज करते समय विभाग के लोग आए तो लेकिन उल्टे पांव भाग चले। गांव के ही एक मेम्बर से लगातार फोन से बात किए जा रहे थे और बोले राजनीति करोगे तो कार्यवाही कहां से हो पाएगी। ये कोई अकेले एक घटना नहीं है। बस यही तो मैं पूंछना चाहती हूं कि क्या यही होती है राजनीति? ये माहौल क्यों बनाया जाता है कि दोनों पक्ष चाहे वह ग्रामीण हों या विभाग सबको यह कहते न चूकना पड़े कि यह राजनीति हो रही है। क्या आप मेरे साथ इस चर्चा में शामिल होंगे? अगर आपका जवाब हां में है तो मुझे लिख भेजिए।

ये भी देखें – प्रयागराज: आवास योजना में मनरेगा की मज़दूरी की क़िस्त न मिलने से गुस्साए ग्रामीण

ये हैं मेरे सवाल और विचार और इस मुद्दे पर आपके क्या विचार हैं मुझे कमेंट बॉक्स में लिख भेजिए। अगर अब तक हमारा चैनल सब्सक्राइब नहीं किया या पहली बार आएं हैं तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लें। बेल आइकॉन दबाना बिलकल न भूलिएगा। हमारे फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और ट्विटर अकाउंट में जाकर ये हमारी खास खबरें जो आपके लिए ही बनाई गई हैं तो जरूर देखें। अभी के लिए बस इतना ही। अगली बार फिर आऊंगी किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए नमस्कार।

ये भी देखें – महोबा: नन्हीं बच्चियां बन गयीं आल्हा गायन की बुलंद आवाज़ की पहचान

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें
If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke