खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: प्रवासी मजदूरों को काम न मिलने से हुए बेरोज़गार

चित्रकूट: प्रवासी मजदूरों को काम न मिलने से हुए बेरोज़गार

जिला चित्रकूट ब्लॉक मऊ गांव कलचिहा मजरा सुचेता कॉलोनी में लगभग तीस लोग प्रदेश से वापस आये हैं। जब से वह आये हैं, बेरोज़गार हैं। गाँव में उन्हें मनरेगा का काम भी नहीं मिल रहा। उन्हें खाली बैठे लभगभ पांच महीने हो गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर उन्हें गाँव में मनरेगा का काम मिल जाता तो पति-पत्नी दोनों ही काम कर लेते हैं। कुछ पैसे मिल जातें।

migrant workers image by khabar lahariyaवह कहते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन में मनरेगा का काम चला था। लेकिन इस साल उन्हें कोई काम नहीं मिला। प्रधान से कहा तो उनका कहना था कि चुनाव के बाद काम चलेगा पर कुछ नहीं हुआ। वह कहते हैं कि वह थोड़ा बहुत ईंट आदि का काम कर लेते हैं। लोगों का कहना है कि अगर गाँव में मनरेगा का काम चालू हो जाए तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

विपिन द्विवेदी, एडीओ, ब्लॉक मऊ से फोन पर की गयी बातचीत इनका कहना है कि वह लोग प्रदेश से आये मज़दूरों का सर्वे कर रहे हैं। वह कहते हैं कि उन्हें रोजगार दिया जायेगा। मनरेगा का काम सरकार के तरफ से चल रहा है। कुछ गांव अभी बाकी है। वह हर गांव में जाएंगे और लोगों की पूरी तरह से मदद की जायेगी।

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