खबर लहरिया छतरपुर पुरषों ने साड़ी प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा देखें छतरपुर से

पुरषों ने साड़ी प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा देखें छतरपुर से

Chhatarpur News, Sari Competition

छतरपुर जिला चौरसिया समाज छतरपुर म.प्र. की महिला समिति द्वारा भारतीय नववर्ष महोत्सव इस बार धूमधाम से मनाया गया। इसमें पुरषों ने साड़ी प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर लिया हिस्सा

इस आयोजन की विशेषता यह रहा कि सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन महिलाशक्ति ने किया है। इसमें आरकेस्ट्रा, युगल गीत, गायन,नृत्य, पुरुष साड़ी प्रतियोगिता, निशानेबाजी, एवं अन्य प्रतियोगिता के साथ-साथ पुरुषकार वितरण पश्चात सभीबका आभार् व्यक्त किया गया।

हिन्दू धर्म में नववर्ष का आरंभ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से माना जाता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी इसलिए इस दिन से नए साल का आरंभ भी होता है।

भारतीय नववर्ष का पहला दिन अर्थात सृष्टि का आरम्भ दिवस, युगाब्द और विक्रम संवत् जैसे प्राचीन संवत का प्रथम दिन, श्रीराम एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक दिवस, मां दुर्गा की साधना चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिवस, आर्य समाज का स्थापना दिवस होता है।

भारतीय नववर्ष की काल गणना बड़ी प्रचीन है। सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 113 वर्ष बीत चुके हैं। यह गणना ज्योतिष विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी सृष्टि की उत्‍पत्‍ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बताते हैं।

इस ही दिन युगों में प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ हुआ था, मर्यादा पुरूषोत्ततम श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था, मां दुर्गा के नवरात्र व्रत भी इस ही दिन आरम्भ होते हैं, उज्जयिनी सम्राट विक्रामादित्य द्वारा विक्रमी संवत् भी इस ही दिन आरम्भ हुआ था, महर्षि दयानंद सरस्वती ने भी इस ही दिन आर्य समाज की स्थापना थी।

किसानों के लिए भी यह नव वर्ष के प्रारम्भ का शुभ दिन माना जाता है। इस तरह हम यह देखते हैं कि चैत्र प्रतिपदा का यह पहला दिन कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है। और हमे इसको हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए।

भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अनुसार इस दिन किसी नए कार्य को आरम्भ करना भी शुभ माना गया है।

विक्रमी संवत या नव संवत्सर भी कहा जाता है। संवत्सर पांच तरह का होता है जिसमें सूर्य, चंद्र, नक्षत्र, सावन और अधिमास आते हैं। यह सब विक्रम संवत में शामिल रहते हैं।

नववर्ष के अवसर पर छतरपुर चौरासिया समाज की महिलाशक्ति ने हम सबको एक सांचे में संजोने का प्रयत्न किया है, हमे ये संकल्प लेना चाहिए हम एक हो, “बंद मुठ्ठी लाख की, खुल जाए सो खाक की” इस ही विश्वास के साथ आप सभी को भारतीय नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ! यह वाला वर्ष हम सबके लिए खुशहाली और समृद्धि लेकर आए। ईश्वर हम सब का जीवन शांति और खुशहाली से भरपूर करे।