खबर लहरिया Blog बेला सागर तालाब के सुन्दरीकरण से क्यों डर रहा है मछुवारा समुदाय?

बेला सागर तालाब के सुन्दरीकरण से क्यों डर रहा है मछुवारा समुदाय?

बेला सागर तालाब में आजादी के पहले से ही मछुवारा समुदाय के लोग मछली पालन करके अपना-भरण पोषण करते हैं। अब विभाग ने तालाब सुन्दरीकरण का आदेश दिया है जिससे मछुवारा समुदाय को डर है कि उनकी रोटी छीन ली जायेगी।

 

 

जिला महोबा, ब्लॉक जैतपुर का बेला सागर तालाब राजस्व विभाग की तरफ से कई पीढ़ियों पहले मछुवारा समाज को मछली पालने के लिए दिया गया था जिसमें मछुवारा समुदाय मछली पालन करता था। विभाग अब उस तालाब का सुन्दरी करण करवाना चाह रही है जिससे मछुवारों को डर है कि उनका रोजगार छीन लिया जाएगा। मछुवारा समुदाय के लोगों ने सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रपाल रिछारिया बेलाताल के नेतृत्व में 13 अगस्त को जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह सेंगर को जिलाधिकारी महोबा को संबोधित ज्ञापन सौंपा और बेलासागर तालाब को निलामी से मुक्त कराने की मांग की है।

तालाब ही रोजी-रोटी का है सहारा

बबलू रैकवार, अर्जुन रैकवार और मोहन लाल रैकवार ने बताया कि शासन सत्ता के कुछ जालसाज और माफिया उन गरीबों की रोजी-रोटी छीनने के लिए बैठे हैं। ऐसे में उनके छोटे-छोटे बच्चे भूख से तड़प कर प्राण त्यागने के लिए मजबूर हो जायेंगे। और इसी बात की उन्हें चिंता है बेला सागर तालाब नीलामी से मुक्त नहीं कराया गया तो मछुआरा समुदाय के लोग घर परिवार छोड़कर सड़कों पर बैठने को मजबूर होंगे।

तुलसा रानी ने बताया है उनके पुरुखों के कोई जगह जमीन नहीं थी तालाब ही जीने का सहारा है। अगर तालाब ही नहीं रहेगा तो उनका अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा और कैसे वह लोग अपना परिवार चलाएंगे। इसीलिए लोगों ने एप्लीकेशन दिया है कि तालाब में कब्जा मछुवारा समुदाय का है और उन्हीं का ही रहना चाहिए। भू माफियाओं का नहीं। तुलसा रानी ने कहा कि वह गरीब हैं हमेशा भूमाफिया उनको दबाना चाहते हैं और मछुवारा समाज दबता चला आ रहा है। उनके ही तालाब में कुछ और लोग भी सब्जी भाजी लगा लेते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए। वह चाहती हैं कि सरकारी कागजों में ठेकेदारों को पट्टा कर दिया जाए ताकि उन्हें ठेकेदारों द्वारा मछली पालन के लिए दे दिया जाए।

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दर्जनों लोगों ने की तालाब बचाने की अपील

इंद्रपाल रिछारिया द्वारा बताया गया है कि मछुआरा समुदाय के लगभग 600 परिवार बेलासागर तालाब से सब्जी, सिंघाड़े, मुरार और मछली पालन से अपने परिवारजनों का भरण पोषण करते हैं। और उनको डर है कि उनसे अब उनकी रोजी-रोटी छीनी जा रही है। इस सम्बन्ध में दर्जनों महिलाएं और पुरुष मिलकर उनके पास आये थे। उन्होंने बताया कि इसी तालाब की वजह से पीढ़ियों से यह समुदाय रोजी-रोटी कमाकर जिन्दा है। अगर तालाव छीन लिया गया तो वह बेमौत मर जायेंगे। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।

तालाब से मछुवारा समुदाय को मिलेगा रोजगार का अवसर- भाजपा जिलाध्यक्ष

जितेंद्र सिंह सेंगर भाजपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी महोबा से बातचीत की है। बताया कि बेला सागर तालाब की नीलामी का कोई मुद्दा ही नहीं है। शासन द्वारा ऐतिहासिक बेला सागर तालाब का सुंदरीकरण कराकर उसे विकसित करना ही उनका लक्ष्य है। साथ ही मछुआ समुदाय के लोगों का रोजगार बढ़ाना उनकी प्राथमिकता है। जैतपुर बेलातालाब में पर्यटन की तमाम संभावनायें हैं जिसके तहत बेला सागर तालाब, जैतपुर किला, डेवडीमहल के सुंदरीकरण का प्रस्ताव पारित है। जिसके तहत मछुआ समुदाय के लोगों की समिति बनाकर रोजगार के अवसर दिए जायेंगे। मछुवा समुदाय और रैकवार समाज के अलावा अन्य किसी बाहरी व्यक्ति को रोजगार नहीं मिल सकेगा। और लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।

इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।

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