खबर लहरिया Blog Lumpy Skin Disease : लंपी वायरस से 67,000 मवेशियों की गयी जान, स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को आने में लगेंगे 3-4 महीने

Lumpy Skin Disease : लंपी वायरस से 67,000 मवेशियों की गयी जान, स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को आने में लगेंगे 3-4 महीने

कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर (ICAR) की दो संस्थानों द्वारा लंपी वायरस से निपटने हेतु विकसित स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को कमर्सियल तौर पर “तीन से चार महीने” में लॉन्च किया जाएगा।

Lumpy Skin Disease: 67,000 cattle dies from virus, indigenous vaccine Lumpi-ProVacInd' will take 3-4 months to launch

                                                                                                                   फोटो साभार – free press journal

जानवरों में फैलने वाले लंपी वायरस से अभी तक लगभग 67,000 मवेशियों की जान जा चुकी है। इसकी जानकारी सोमवार, 12 सितंबर को केंद्र द्वारा दी गयी थी। लंपी वायरस के अधिकांश मामले 8 राज्यों में देखे गए हैं। इसके साथ ही राज्यों में बड़े पैमाने पर मवेशियों के टीकाकरण के प्रयास किये जा रहे हैं।

इसके साथ ही ट्विटर पर गायों को बचाने के लिए #SaveCowSaveVillages हैशटैग भी काफी ट्रेंड कर रहा है।

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लंपी वायरस पर रोक हेतु सरकार कर रही काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लंपी वायरस के इलाज हेतु स्वदेशी वैक्सीन के विकसित करने की जानकारी दी है। पीएम मोदी ने यह बताया कि केंद्र व राज्य सरकार दोनों ही वायरस के प्रसार को रोकने को लेकर काम कर रही है।

इसके अलावा पीएम द्वारा मवेशियों के 100 प्रतिशत टीकाकरण होने का भी वादा किया है। साथ ही लंपी वायरस के प्रसार को नियंत्रण में रखने के लिए जनावरों की आवाजाही पर भी नज़र रखने की बात कही।

दिल्ली में 173 मवेशियों की गयी जान

ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में अभी तक लंपी वायरस से 173 मवेशियों की जान चुकी है। इसके आलावा यह वायरस ज़्यादातर गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और जम्मू-कश्मीर में देखा गया है। इसके आलावा अंडमान एंड निकोबार आइलैंड और आंध्रप्रदेश में भी इस वायरस के कुछ मामले देखे गए हैं।

‘Lumpi-ProVacInd’ वैक्सीन लॉन्च में लगेंगे महीने

बिज़नेस स्टैण्डर्ड की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पीटीआई एजेंसी से बात करते हुए पशुपालन और डेयरी विभाग सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि राज्य इस समय में मवेशियों में फैली लंपी वायरस बीमारी (LSD) के रोकथाम के लिए ‘goat pox’ वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा है।

स्वैन ने आगे कहा कि कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर (ICAR) की दो संस्थानों द्वारा लंपी वायरस से निपटने हेतु विकसित स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को कमर्सियल तौर पर “तीन से चार महीने” में लॉन्च किया जाएगा।

इस राज्य में हर दिन 600 से 700 मवेशियों की हो रही है मौत

Lumpy Skin Disease: 67,000 cattle dies from virus, indigenous vaccine Lumpi-ProVacInd' will take 3-4 months to launch

                                                     व्यक्ति द्वारा अपनी गाय का इलाज कराया जा रहा है (फोटो साभार – tribune india)

पशुपालन और डेयरी विभाग सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने बताया कि, “राजस्थान में हर दिन मरने वालों की संख्या 600 से 700 है। वहीं अन्य राज्यों में एक दिन में मरने वालों की संख्या 100 से कम है।” उनके द्वारा राज्य में टीकाकरण की प्रक्रिया में तेज़ी लाने को कहा गया है।

goat pox वैक्सीन है लंपी वायरस से लड़ने में कारगर

                                goat pox वैक्सीन ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

पशुपालन और डेयरी विभाग सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि जिन क्षेत्रों में लंपी वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, वहां बकरी पॉक्स (goat pox) के टीके की केवल 1 मिली लीटर खुराक वायरस से लड़ने में कारगर है। वहीं जहां लंपी वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है वहां मवेशियों को 3 मिली लीटर की खुराक देने को कहा गया है।

दूध उत्पादन पर पड़ा मामूली प्रभाव

Lumpy Skin Disease: 67,000 cattle dies from virus, indigenous vaccine Lumpi-ProVacInd' will take 3-4 months to launch

                                                                                                                               फोटो साभार – सोशल मीडिया

गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF) के प्रबंध निदेशक आर.एस सोधी ने कहा कि, गुजरात में दूध उत्पादन पर 0.5 प्रतिशत का मामूली प्रभाव पड़ा है। यह भी बताया कि, “अमूल सहित संगठित दूध उत्पादकों की खरीद साल भर पहले की तुलना में कम हुई है। लेकिन इसके लिए एलएसडी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। पिछले साल के विपरीत, असंगठित खिलाड़ी, मिठाई निर्माता और होटल्स द्वारा आक्रामक रूप से दूध की खरीद की जा रही है।”

जुलाई के महीने में भारत में लंपी वायरस की शुरुआत को देखा गया था और तब से लेकर अब तक लगभग 57 हज़ार मवेशियों की मौत वायरस की वजह से हो जाना, केंद्र पर सवाल खड़ा करता है। यूँ तो सरकार द्वारा फिलहाल ‘goat pox’ वैक्सीन के टीकाकरण पर तेज़ी लाने की बात कही जा रही है पर क्या इससे लंपी वायरस को पूर्णतयः हराया जा सकता है यह भी सवाल है। इसके साथ स्वदेशी वैक्सीन ‘Lumpi-ProVacInd’ को भी आने में महीने हैं, ऐसे में और भी मवेशियों के जान जाने का अंदेशा लगाया जा सकता है।

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