खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए फिसड्डी निकली लव आज कल 2: फिल्म रिव्यू

फिसड्डी निकली लव आज कल 2: फिल्म रिव्यू

हैल्लो दोस्तों मैं हूँ लक्ष्मी शर्मा और एक बार फिर हाज़िर हूँ कुछ फ़िल्मी गपशप के साथ तो चलिए थोड़ा फ़िल्मी हो जाते है आज हम बात करेंगे वेन्टाइन डे यानी 14 फरवरी को रिलीज़ हुई फिल्म लव आज कल 2 की. जी हाँ इससे पहले लव आज कल 2009 रिलीज़ हुई थी. इन दोनों फिल्मों का निर्देशन बॉलीवुड के नए ‘लव गुरु’ यानी इम्तियाज अली ने किया है.हैरत की बात तो ये है की दोनों ही फिल्मों में कोई खास फर्क नहीं है.

इसमें सैफ की जगह कार्तिक हैं। दीपिका की जगह सारा ऋषि कपूर की जगह रणदीप हुड्डा हैं और गिजेली की जगह आरुषि शर्मा। लोकेशन पिछली फिल्म में लंदन और भारत दोनों थे इस बार सिर्फ भारत में ही है। फिल्म की शुरुआत होती है वीर यानी कार्तिक आर्यन और जोइ यानी सारा अली खान पहली नजर में एक दूसरे से आकर्षित हो जाते हैं। दोनों में नजदीकियां बढ़ती हैं।

लेकिन जहां वीर के लिए प्यार एक खूबसूरत अहसास है, वहीं जोइ करियर और प्यार में नाप तोल कर आगे बढ़ना चाहती है। उसके पास आने वाले 5 सालों का प्लान है कि.. उसे अपनी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को एक मुकाम पर ले जाना है और फिर किसी गंभीर रिलेशनशिप में जाना है। उसने अपनी मां को कहते सुना है कि करियर सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिंदगी में सिर्फ आप अपना साथ देते हो, और कोई नहीं।बाँदा के हीरो शिवा सूर्यवंशी अपनी फिल्म में दिखाएंगे मैला ढोने की हकीकत

ये है प्रेम कहानी 2020 की। इसके साथ ही दूसरी प्रेम कहानी चलती है- जिसमे रघु यानी कार्तिक और लीना यानी आरुषि की, जो 1990 के समय की है। यहां दोनों के बीच अथाह प्रेम है। दोनों परिवार, करियर को दांव पर लगाकर भी एक दूसरे का साथ चाहते हैं। एक समय पर दोनों कहानियां आपस में टकराती हैं और किरदारों को भावनात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। क्या रघु- लीना और वीर- जोइ को एक दूसरे का साथ मिल पाता है?

ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। वैसे ये पूरी फिल्म इसी के इर्द गिर्द घूमती है। तो अच्छा है आप इंतज़ार करें टीवी पर जब आएगी तब देख लेना। कहानी की अगर बात करें तो इसमें आपको देखने को मिलेगा के प्यार कितना मुश्किल होता है और वो परफेक्ट नहीं हो सकता। फिल्म में इमोशनल ड्रामा कुछ ज्यादा ही हाई है। 2 घंटे 22 मिनट की फिल्म एक हद के बाद खलने लगती है। स्क्रीनप्ले भी काफी कमजोर है। ऐक्टिंग की बात करें तो छोटे शहर के स्टूडेंट रघु के रूप में कार्तिक आर्यन खूब जंचे हैं।

सीधे-सादे लड़के से रंगीले रतन के रूप में उनका ट्रांसफॉर्मेशन दमदार है, मगर वीर के रूप में उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला है। जोई के रूप में सारा बहुत ही खूबसूरत और आत्मविश्वासी लगी हैं, मगर अपने किरदार में वो घुल नहीं पाई जो काफी बनावटी लग रहा था। आरुषि शर्मा ने लीना के रूप में हर तरह से परफेक्ट रही हैं। रणदीप हुड्डा की अगर बात करें तो उनके पास फिल्म में कुछ खास करने को नहीं था। इस फिल्म को हमारी तरफ से 5 में से 2 स्टार तो मिलते है अगले एपिसोड में एक नई फिल्म के साथ तो तब तक दीजिये इज़ाज़त नमस्कार