खबर लहरिया आवास पन्ना: आवास के इन्तजार में आदिवासी बस्ती के लोग

पन्ना: आवास के इन्तजार में आदिवासी बस्ती के लोग

दिनांक 7/2/2020 की खबर गांव महुआ टोला ग्राम पंचायत भंसुंडा ब्लॉक अजय गढ़ जिला पन्ना मध्य प्रदेश की खबर गांव महुआ टोला बताया जा रहा कि 150 वोटर हैं जिनमें से सिर्फ गिने-चुने ही आवास मिले हैं जबकि इस गांव के सभी लोगों ने आवेदन किए हैं जहाँ पर आवास के इन्तजार में हैं आदिवासी बस्ती के लोग

एवं हर मंगलवार को जनसुनवाई में ग्राम पंचायत भी पहुंचते हैं आवास की समस्या को लेकर लेकिन इन आदिवासी बस्ती के लोगों की किसी भी समस्या को सुना नहीं जा रहा यहां टोटल एरिया आदिवासियों का है इस गांव में सारे घर छप्पर जैसे बने हुए गांव के लोगों के द्वारा बताया गया कि यहां कोई भी अधिकारी नहीं आता है और ना ही हमें सरकार की किसी भी योजना का पता चल पाता है

हमें किसी के द्वारा जानकारी नहीं दी जाती है जबकि यही समस्या को लेकर जब हमने सरपंच जी से बात करनी चाहिए तो पता चला कि सरपंच जी का स्वर्गवास हो गया है तो इस ग्राम पंचायत का सारा काम सचिव जी संभाल रहे थे लेकिन अब वह सच होगी हटा दिए गए हैं नए सचिव बाय जिन से हमने बात करने की कोशिश की वह हमें नहीं मिले फिर हमने ब्लॉक अध्यक्ष भरत मिलन पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि इस ग्राम पंचायत में आवास वाली योजना जिन लोगों का लिस्ट में नाम है अवश्य ही आवास दिया जाएगा
आकड़ें में 99 प्रतिशत से ज्यादा आवास, फिर कयों है लोग उदास
और अगर सचिव के द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही की जा रही हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी भरत मिलन पांडे जी की वाइट नहीं हैउन्होंने बोला कि हमने बता दिया तो आप अपने हिसाब से खबर कर लीजिएगा और वही हमने ब्लॉक में जो आवास वाला काम संभाल रहे हैं उनसे बात की तो उन्हें भी यही बोला है कि हम चेक करेंगे की जिन लोगों के लिस्ट में नाम है उनको आवास अवश्य दिए जाएंगे 2011 के सर्वे में जिनका नाम था उनको आवास मिल चुके हैं

और जिनको नहीं मिले हैं उनको चुनाव के बाद आवाज दे दिए जाएंगे और जिसका नाम अभी लिस्ट में है उनको लिस्ट में नाम देखकर क्रम अनुसार आवास दिए जाएंगे कुछ ऐसे लोगों के नाम जिनको अभी तक आवास नहीं मिले हैं सुंदर नत्थू रामगोपाल दुर्गा राजे अशोक रमेश यह कुछ नाम है और भी गांव में लोग हैं जिनको आवाज नहीं मिला सरकार ने गरीबों को 2022 तक आवास देने का जो लक्ष्य रखा है क्या तब तक इनको लाभ मिल पायेगा? या शिकायती पत्र लेकर तहसील और जिला का चक्कर लगाते रहेंगे?