खबर लहरिया छतरपुर छतरपुर: आदिवासी परिवार से खाली कराया जा रहा है जमींन, एसडीएम को दिया ज्ञापन

छतरपुर: आदिवासी परिवार से खाली कराया जा रहा है जमींन, एसडीएम को दिया ज्ञापन

आज 19 नवम्बर 2019 को जनसुनवाई के दिन लोगों ने दिया ज्ञापन जिला छतरपुर ब्लॉक बक्सवाहा ग्राम तेलाई मैं खसरा नंबर 14 में से राजस्व की बंजर जमीन का रकबा 17 एकड़ भूमि वहां पर खाली पड़ी हुई है एवं उसी जमीन पर हनुमान मंदिर मरघट  तालाब बना हुआ है या कि 2018 में वन विभाग द्वारा नर्सरी लगाई जा रही थी |

जिस पर समस्त ग्राम वासियों के द्वारा इसका विरोध किया गया जिस पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं माननीय तहसीलदार द्वारा बताया गया कि यह भूमि राजस्व की है इस भूमि में हम सभी लोगों के पट्टे हैं एक बस्ती बसी हुई है जिस कारण बन विभाग की  जमीन गांव के पीछे हिरदेपुर रोड पर है|

जिस भूमि पर हनुमान मंदिर बना हुआ है हम लोगों की आस्था का प्रतीक है जिसको वन विभाग द्वारा मंविश्व धरोहर सप्ताह पर ख़ास- बदौसा में महेवा बाबा का “चंदेल कालीन मंदिर”दिर तोड़ने की धमकी दी जा रही है इसका कोई विरोध  किया गया तो उसके ऊपर एफ आई आर दर्ज करा दी जाएगी |

यह   एक खेल का मैदान है जो दबंगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है जिससे बच्चे खेल नहीं पा रहे हैं ग्रामीणों का कहना है कि अगर कुछ नहीं हुआ तो हम लोग उग्र आंदोलन कर लेंगे और सड़क पर उतर आएंगे क्योंकि हमारे वहां पर सिर्फ एक ही खेल का मैदान है और उसी मैदान के अंदर यह मंदिर है अगर मंदिर टूटा या फिर खेल का मैदान छीना गया तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे |

ऐसा ही दूसरा मामला है जिला ललितपुर ब्लाक महरौनी महरौनी का मोहल्ला सोजना यहां के आज 5 लोग आए हैं संपूर्ण समाधान दिवस में ज्ञापन देने के लिए यह लोग अन्ना जानवर से बहुत ही परेशान हैं इनके मोहल्ला में करीब डेढ़ सौ अन्ना जानवर है जो फसल नष्ट कर रहे हैं |

इन लोगों का कहना है कि अन्ना जानवर फसल को नष्ट कर रहे हैं हम लोग इसके बारे में चार पांच बार ज्ञापन दे चुके हैं एसडीम के यहां पर कोई सुनवाई नहीं हुई है आज लोग यहां मंगल दिवस पर भी आए हुए हैं पूरा मोहल्ला परेशान हैं |

उनका कहना है हम लोग 15 दिन से बराबर भाग रहे हैं हम लोग ही जो अन्ना जानवर हैं उनको गौशाला छोड़ आते हैं गौशाला वाले लोग दिनभर अन्ना जानवर को रखे रहते हैं और शाम को निकाल देते हैं हम लोग दिन और रात जग कर अपनी फसल बचा  रहे हैं |

हमारी दोनों फसल नष्ट अन्ना जानवर के कारण नष्ट  हो जाती हैं  हम लोगों का ₹1000 खर्च हो गया है शिकायतें करते करते

हम जरा सी भी नींद में होते हैं तो तब तक अन्ना जानवर खेतों में घुस जाते हैं अन्ना जानवर के लिए सरकार ने इतनी गौशाला है बनाई फिर भी आज हम लोग परेशान हैं हम लोगों की कोई नहीं सुनता क्योंकि हम किसान हैं अगर हमारी ये वाली  फसल नष्ट हो गई तो हम साल भर क्या खाएंगे पिएंगे और बच्चों को भी क्या खिलाएंगे हम लोग तो कहीं जाना पड़ेगा या कुछ करना पड़ेगा |

हम लोग यही चाहते हैं कि कार्रवाई की जाए और अन्ना जानवरों को गौशाला पहुंचाया जाए बल्कि हम लोग एक दो बार महरौनी की गौशाला में अन्ना जानवर कर आए हैं तो वह निकाल देते हैं कहते हैं कि यहां अन्ना जानवर पर्याप्त है अब नहीं रखे जा सकते हम लोग कहां जाएं |