खबर लहरिया ताजा खबरें “प्लीज़ हमें बचा लें यहाँ के हालात सही नहीं हैं”-विद्यार्थी, द कविता शो

“प्लीज़ हमें बचा लें यहाँ के हालात सही नहीं हैं”-विद्यार्थी, द कविता शो

रूस ने यूक्रेन देश के ऊपर 25 फरवरी को हमला बोल दिया है। रूस ने अपनी सेना के जरिये गोलाबारी,बमबारी करना शुरू कर दिया है। वहां की जनता अब पूरी तरह से तबाह हो गई है। भारत के बहुत सारे छात्र भी इस देश में फंसे हुए है। अब तक दो भारतीय छात्र की मौत भी हो चुकी है। यूक्रेन का बहुत ज़्यादा नुकसान भी हो रहा है। वहां की तस्वीरे जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं वो दिल को दहला देने वाली है।

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई की वजह नाटो यानी उत्तरी अटलाण्टिक सन्धि संगठन को माना जा रहा है। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है लेकिन रूस ऐसा नहीं चाहता। 1991 में यूक्रेन, सोवियत संघ से अलग हो गया था। अलग होने के बाद भी यूक्रेन में रूस का काफ़ी ज़्यादा असर देखा गया। साल 2014 में यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के खिलाफ़ यूक्रेन की सरकार में विद्रोह होने लगा था। वहीं यह पाया गया कि राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच का रूस की ओर काफ़ी झुकाव था। रूस ने इस विरोध का फायदा उठाते हुए क्रीमिया प्रायद्वीप पर अपना कब्ज़ा कर लिया।

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यूक्रेन में आंदोलनों की वजह से राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को अपना पद छोड़ना पड़ा। तब तक रूस क्रीमिया को अपने कब्ज़े में कर चुका था। इस घटना के बाद से ही यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के साथ अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश में लग गया। यही वजह है कि यूक्रेन, रूस और देशों की खींचतान के बीच फंसा हुआ है। लेकिन इस तरह के बुरे हालात बने हुए हैं उस पर चर्चा करना वेहद जरूरी है।

भारत देश के बहुत सारे युवा यूक्रेन में पढ़ाई करने जाते हैं क्योकि वहां पर मेडिकल यूनिवर्सिटी ज्यादा हैं और वहां पढ़ाई की फीस कम है। इस लिए जिन बच्चों को डाक्टरी की पढ़ाई करना है वो ज्यादातर यूक्रेन जाते हैं। भारत के लगभग 15 0000 छात्र छात्राएं फंसे हैं। हर दिन सोसल मीडिया में ये लोग अपनी वीडियो बना कर पोस्ट करते हैं। अपनी व्यथा सुनाते हैं। चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं की भारत सरकार हमको यहाँ से निकाल लो। हमको बहुत डर लग रहा है कब क्या हो जाए पता नहीं है। बहुत खतरा लग रहा है। छात्रों के वीडियो देख कर सुनकर दिल रोता है।

ऐसी मुसीबत में हवाई जहाज का किराया बढ़ा दिया गया है। हवाई-जहाज की टिकट 10 हजार 15 की पहले बुक होती थी वो इस समय 70 हजार की है क्यों ? ये समय आपदा में अवसर ढूढने का तो नहीं है न तो फिर आप ऐसा क्यों कर रहें हैं। अभी दो दिन से थोड़ा असर देखने को मिल रहा है। हमारी सरकार ने रूस की सरकार से बातचीत करना शुरू कर दी है और छात्रों को वहां से निकालने की कोशिस कर रही है तो थोड़ा भरोसा होने लगा है।

दोस्तों आपको क्या लगता है इस मुद्दे पर क्या आपके पास भी कुछ सवाल है आप मुझे ज़रूर से बताये। अगर मेरे शो की चर्चा आपको पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर से शेयर करिए। इस बार के शो में इतना ही। अगले एपिशोड में फिर मिलूंगी कुछ करारी बातों के साथ तब तक के लिए दीजिये इज़ाज़त नमस्कार।

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