खबर लहरिया खाना खज़ाना बिहार राज्य के टॉप 5 खाने, जो बिहार के कल्चर को दर्शाते हैं

बिहार राज्य के टॉप 5 खाने, जो बिहार के कल्चर को दर्शाते हैं

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब? आशा है,आप सभी ठीक होंगे। जैसा की हम जानते हैं कि देश में कोरोना एक बार फिर से हावी हो गया है। इसके साथ-साथ ओमीक्रॉन वैरियंट जो की कोरोना से भी ज़्यादा खतरनाक बताया जा रहा है, यह भी देश में तेज़ी से फ़ैल रहा है। जिसे देखते हुए सरकार ने नाईट कर्फ्यू भी लगा दिया है। यहाँ तक की लॉकडाउन लगने की भी संभावना बढ़ गयी है। खैर कोरोना और ओमीक्रॉन वैरियंट से बचने के लिए खुद को सुरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है और दिए गए नियमों का पालन करना भी। आप भी इस महामारी को अपने ऊपर हावी न होने दे और सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए इससे लड़े।

यह सब तो ठीक है लेकिन इसके साथ ही आज हम आपको बिहार राज्य के कुछ चटपटे-मसालेदार ज़ायकेदार खाने से रूबरू कराने वाले हैं जिनके नाम उनके स्वाद की तरह ही मज़ेदार हैं। हम अपने शो में बताने जा रहे हैं बिहार राज्य के टॉप 5 खाने, जो बिहार के कल्चर को दर्शाते हैं और लोगों में भी बहुत मशहूर हैं। जानिए हमारे शो में कि आखिर कौन-सी हैं वह डिशें और उन्हें कैसे बनाया जाता है।

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5. पुआ : यह नाम सुनते ही आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसा होता है? अगर आप रोज़ के वही दाल, चावल, रोटी, सब्ज़ी खाकर ऊब चुके हैं तो आप ये ट्राय कर सकते हैं। बिहार का फेमस पुआ। जिसे बनाने का तरीका भी बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए सबसे ज़्यादा मैदे का इस्तेमाल होता है। इसमें डालते है दूध, केला, कसा हुआ नारियल, काजू, किशमिश, चीनी, पानी और हरी इलायची। इसके बाद इन सभी चीज़ों को मैदें में मिलाया जाता है और मिलाने के बाद इसे घी में तला जाता है। तलने के बाद इसका रंग कुछ सुनहरा सा आता है। पुआ, खासतौर पर होली के त्यौहार पर बनाया जाता है।

4. खाजा : बिहार का एक और स्वादिष्ट खाना है “खाजा”, यह देखने में क्रिस्पी होता है। इसे बनाने के लिए मैदा, चीनी और मेवे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद इसे गहरे तेल में तल दिया जाता है। यह खाने ने बेहद ख़स्ता होता है। इसकी ख़ास बात यह है कि इसे शादियों में बनाया जाता है। काफ़ी दिनों तक इसे खाया जा सकता है और यह जल्दी खराब भी नहीं होता।

आपको बता दें, बिहार शरीफ़ से लगभग 15 किलोमीटर और राजगीर से 8 किलोमीटर दूर एक गाँव है सीलाओ। यहां खाजा बनाने के लिए प्राचीन परंपरा का इस्तेमाल किया जाता है।

3. सत्तू : यह भुने हुए बेसन से बनता है जिसे सत्तू कहते हैं। सत्तू एक ऐसी चीज़ है जिससे कई चीज़ें बनाई जा सकती हैं। इसे लिट्टी, रोटी में भरकर भी बनाया जाता है। इसके अलावा हम इसका घोल बनाकर भी पी सकते हैं। इसे बनाने का तरीका भी बहुत आसान है। सबसे पहले ठंडे पानी में चार से पांच चम्मच सत्तू डाल दें। उसमें स्वाद अनुसार नमक और थोड़ी-सा निम्बू का रस डाल कर उसे मिला दें। इसे सुबह खाली पेट ही पीया जाता है। इसे ख़ास कर गर्मियों के दिनों में पीया जाता है क्यूंकि यह पेट को ठंडक देता है। सत्तू का शरबत बिहार की एक लोकप्रिय ड्रिंक मानी जाती है।

2. बालूशाही : यह किसी और खाने से कम नहीं है। आपको बता दें, मुज़फ्फरनगर जिले में एक जगह है सैतपुर। यहाँ का बालूशाही बहुत ही प्रसिद्ध है। इस मिठाई को खाने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पर आते है। बालूशाही बनाने के लिए मैदे का इस्तेमाल होता है। मैदा में चीनी मिलाकर उसे गोल आकार दिया जाता है और घी में तला जाता है। इसे भी अधिकतर लोग शादी-विवाह या फिर किसी पार्टी में बनाते हैं।

1. पेरुकिया : ये बिहार के छपरा शहर में बहुत ही प्रसिद्ध है। वैसे तो इसे कई शहरों में गुजिया के नाम से भी जाना जाता है। यह हर जगह बहुत आसानी मिल भी जाती है। अधिकतर लोग इसे घरों में भी बनाते है। यह चीनी,खोया/सूजी, मैदा,पानी और घी के मिश्रण के साथ तैयार किया जाता है। पेरुकिया बनाने के लिए सबसे पहले मैदा को गूंद लिया जाता है। इसके बाद उसके अंदर भुना हुआ सूजी भरकर डिज़ाइन देकर उसे तेल में तल दिया जाता है। इसे कई दिनों तक बना कर रख भी सकते हैं। खास कर ये होली में बनाये जाते हैं और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं।

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कोरोना से बचने के लिए अपील

– दिन में कई बार साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोयें या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें l
– खांसते या छींकते समय एक टिशू पेपर या रुमाल का इस्तेमाल अवश्य करें l
– खांसी-बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं l
– भीड़- भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।
– दिए गए सभी नियमों का पालन ज़रूर करें और अपने घरों में स्वस्थ्य रहें।
– खुश रहें तभी हम कोरोना वायरस की इस जंग को जीत पाएंगे।

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