खबर लहरिया Blog बिहार की सोन भंडार गुफा के पीछे क्या है रहस्यमयी कहानी? आइए जानते हैं

बिहार की सोन भंडार गुफा के पीछे क्या है रहस्यमयी कहानी? आइए जानते हैं

ऐसा माना जाता है कि बिहार के राजगीर शहर में स्थित इस गुफा के अंदर कई रहस्य छुपे हुए हैं  मौर्य शासक बिंबिसार ने राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने के लिए यह गुफा बनाई थी।

credit: Bihar Tourism

वैसे तो बिहार अपनी अनोखी भाषा, पारंपरिक त्योहारों, और अनोखे रीति-रिवाज़ों के लिए देश भर में जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार में कुछ ऐसी रहस्मयी जगहें भी हैं जिनके पीछे की कहानी भी काफी रोमांचक है। बिहार की कुछ घूमने की मशहूर जगहों में से एक है बोधगया, महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, मगला गौरी तीर्थ, डुंगेश्वरी गुफा मंदिर आदि। पर आज हम आपको जिस पर्यटन स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं वो बिहार की बाकी जगहों से थोड़ी अलग है। हम बात कर रहे हैं सोन भंडार गुफा की।

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ख़ज़ाने को छिपाने के लिए हुआ था गुफा का निर्माण-

ऐसा माना जाता है कि बिहार के राजगीर शहर में स्थित इस गुफा के अंदर कई रहस्य छुपे हुए हैं। नालंदा ज़िले में मौजूद यह छोटा सा शहर प्राचीन समय में मगध कि राजधानी था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने मगध के सम्राट बिम्बिसार को यहीं पर धर्मोपदेश दिया था। और मौर्य शासक बिंबिसार ने अपने शासन काल में राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने के लिए यह गुफा बनाई थी। जिस कारण इस गुफा का नाम “सोन भंडार” पड़ गया। इतिहास के अनुसार इस गुफा को सोने को सहेजने के लिए बनवाया गया था, जिसे आजतक कोई नहीं खोल पाया है। क्या है रहस्य?

credit: Bihar Tourism

गुफा के एक कमरे में सिपाहियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती थी। वहीं, दूसरे कमरे में खजाना छुपाया जाता था। ख़ज़ाने की भनक किसी को न लगे, इसके लिए कमर को एक बड़ी चट्टान से ढंका गया था। गुफा के आसपास रह रहे लोगों द्वारा बताई गई कहानियों से यह भी सामने आया है कि जब अंग्रेज़ों ने भारत पर शासन किया था तब कई बार उन्होंने इस गुफा को तोप से उड़ा कर यहाँ मौजूद सोने को बाहर निकालने की कोशिश करी, लकिन उनकी हर कोशिश नाकाम हुई। आज भी इस गुफा पर तोपों की गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं।

गुफा की दीवारों पर अलग-अलग तरह के चित्र और एक रहस्यमयी भाषा की लिखावट भी आपको देखने को मिल जाएगी। मौर्य शासक के समय बनी इस गुफा की चट्टानों पर मौजूद इस लिखावट को शंख लिपि बताया जाता है। लोगों की मानें तो इसी शंख लिपि में सोने से भरे उस कमरे को खोलने का राज़ छिपा है।

गुफा की दीवारों पर जैन धर्म के तीर्थंकरों की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यहां पर कभी जैन धर्म के अनुयायी भी रहे थे। इस गुफा की चमक आजतक इसलिए भी बरक़रार है क्यूंकि पुराने समय में राजा-महाराजाओं ने इसकी चट्टानों पर पॉलिश करवाई थी, जो आज भी उतनी ही रौशनी से चमकती है। इस गुफा के कुछ अवशेष नालंदा म्यूजियम में भी रखे हैं। गुफा के बाहर मौजूद कुछ मूर्तियों को सरकार ने म्यूजियम में रखने का फैसला किया था।

दूर-दराज़ से घूमने आते हैं लोग-

credit: Flickr

सोन भंडार गुफा का यह रहस्य और इसकी चमकदार चट्टानें पर्यटकों को भी खूब प्रभावित करती है। बिहार के साथ-साथ दूर-दराज़ के राज्यों से भी लोग इस गुफा को देखने आते हैं। इसके साथ ही भारतीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरातत्त्वज्ञ भी इस गुफा के पीछे छिपे राज़ का पता लगाने यहाँ आते हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि आज जब साइंस और टेक्नोलॉजी इतनी उन्नति कर चुकी है, उसके बावजूद भी इस गुफा के कमरों को खोला नहीं जा सका। कुछ पौराणिक लोगों ने यह दावा भी करा है कि गुफा के अंदर मौजूद सोना इतनी भारी मात्रा में है कि उससे भारत से गरीबी और भुखमरी को मिटाया जा सकता है।

तो देखा आपने कितनी रहस्यमयी और विभिन्न धर्मों और कहानियों से भरी है सोन भंडार गुफा। तो अगली बार आप बिहार या राजगीर आइएगा तो इस गुफा और यहाँ के पीछे छिपी कहानी के साक्षी बनना मत भूलिएगा। हमारे भारत में ऐसी ही अन्य कई जगहें हैं जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं, लेकिन आप चिंता मत करिए हम आप को ऐसी अनोखी और खूबसूरत जगहों से रूबरू कराते रहेंगे। इसलिए जुड़े रहिए खबर लहरिया के साथ।

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