खबर लहरिया Blog IWMF द्वारा 2021 करेज इन जर्नलिज्म अवार्ड के विजेताओं की घोषणा  

IWMF द्वारा 2021 करेज इन जर्नलिज्म अवार्ड के विजेताओं की घोषणा  

बेलारूस, भारत, पेरू, एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित पत्रकारों एवं न्यूजरूम के लिए एक वार्षिक सम्मान shyamkali image of khabar lahariya

[जून 10 , 2021 – वॉशिंगटन, डी.सी.] International Women’s Media Foundation (इंटरनेशनल वुमेन्स मीडिया फाउंडेशन) (IWMF) ने आज अपने 31वे Courage in Journalism Awards (करेज इन जर्नलिज्म अवारर्ड्स) के विजेताओं की घोषणा की है। अपने-अपने समुदायों से रिपोर्ट करने वालीं – इस साल की सभी विजेताओं – में शामिल हैं – भारतीय समाचार आउटलेट खबर लहरिया का रिपोर्टिंग एवं संपादन कर्मचारी-वर्ग जिसमें दलित, मुस्लमान और आदिवासी महिलाएं हैं; पाओला उगाज़, एक पेरूवियाई प्रिंट एवं प्रसारण पत्रकार; फ्रीलांस अमेरिकी फोटो पत्रकार वैनेसा शार्लट; एवं बेलारूस में कैद पत्रकार कत्सरीना एंड्रीवा (बखवालावा) एवं दरिया चुल्ट्सोवा।  

साल 2021 के करेज (साहस) अवार्ड्स की घोषणा एक ऐसे समय पर आई है जब दुनिया भर में राष्ट्रवाद, सामाजिक अशांति, लैंगिक हमले, एवं स्वतंत्र पत्रकारिता का उत्पीड़न चौकाने वाली चरम सीमा पर है। अपने 31वे साल में, इन पुरस्कारों का उद्देश्य है साहस को सभी रूप में सम्मानित करना, एवं साथ ही उन अलग-अलग पत्रकारों को भी सम्मानित करना जो असामान्य शक्ति का उपयोग करके उन कहानियों को सामने लाते हैं जो वैश्विक बातचीत की दिशा ही बदल देता है। 

IWMF की कार्यकारी निदेशक Elisa Lees Muñoz  (एलिसा लीस मुनोज़) ने कहा कि “इस साल के करेज अवार्ड के विजेता अपने सामने आने वाली अविश्वसनीय चुनौतियों के बावजूद भी अपने रास्ते पर कायम रहे, जिसके चलते उन्हें सेंसरशिप (अभिवेचन) एवं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही जगह धमकियों का भी सामना करना पड़ा।” “हमें सूचित रखने के उद्देश्य के प्रति उनकी निष्ठा एवं पक्के इरादे के कारण दरिया, कत्सरीना, पाओला, वैनेसा एवं खबर लहरिया के दल को सम्मानित करना खुद हमारे लिए एक सम्मान की बात है। इन महिलाओं के लिए, और अनगिनत अन्य लोगों के लिए, सार्वजनिक बातचीत में हिस्सा लेना ख़तरनाक एवं दर्दनाक है – हम उन्हें सलाम करते हैं एवं उनके अदम्य (काबिले तारीफ़) साहस को शाबाशी देते हैं।”

कत्सरीना एंड्रीवा (बखवालावा) एवं दरिया चुल्ट्सोवा को बेलारूस में उनके रिपोर्टिंग के काम के चलते अपनी स्वतंत्रता की कुर्बानी देनी पड़ी। राजनीतिक दबाव के सार्वजनिक विरोध की घटना को प्रसारित करने के कारण दोनों पत्रकारों को साल २०२० के नवंबर में गिरफ़्तार करके कैद किया गया; वे अब भी कैद में हैं और उन्हें दो साल की सज़ा मिलने की संभावना है। स्पैनिश अखबार ABC की संवाददाता – पाओला उगाज़ – ने अपना पूरा करियर अन्याय की जांच करने में गुज़ारा है। कैथोलिक चर्च में मौजूद शोषण के विषय पर उगाज़ की पत्रकारिता के कारण उन्हें सालों से असहनीय कानूनी एवं शारीरिक धमकियों का सामना करना पड़ा है।

स्वतंत्र, हाइपर-लोकल समाचार आउटलेट खबर लहरिया पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में एक नारीवादी आवाज़ है। यह प्रकाशन सदियों से चली आ रही यथास्थिति को बाधित करता है एवं उनसे सवाल पूछता है, और वह भी एक ऐसे माहौल में जहाँ सालों से समाचार निर्माता पुरुष ही रहे हैं जो कि ऊपरी जाति के हैं एवं जिनके मज़बूत राजनीतिक संबंध हैं।

वैनेसा शार्लट, एक फ्रीलांस अमेरिकी फोटो पत्रकार हैं, जिन्होंने कोविड-१९ के आरंभ में जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु की घटना के प्रति प्रतिक्रिया के तौर पर शुरू हुए ब्लैक लाइव्ज मैटर को रिकॉर्ड किया। उत्पीड़क नज़रों की लगातार निगरानी के अधीन, शार्लट, सत्ताधिकारियों से जवाब मांगती हैं जबकि उन्हें खुद अपने समुदाय पर किए जाने वाले निरंतर दर्दनाक हमलों को सहना पड़ता है।

चुल्ट्सोवा की माँ, नाताल्या तेरेबिलेनको ने कहा कि, “इस पुरस्कार को प्राप्त करके, दरिया बेलारूस एवं दुनिया भर की हर महिला पत्रकार का प्रतीक है जो जोखिमों के बावजूद, कैद में सज़ा भुगत रही हैं”। उगाज़ ने कहा “सच को प्रकाशित करना मैं अपना कर्तव्य मानती हूँ,” आगे उन्होंने और कहा कि, “यह सम्मान दुनिया की अन्य महिला पत्रकारों की मदद करेगा ताकि वे महसूस कर सकें कि वे अकेली नहीं हैं।“ शार्लट ने कहा, “यह सम्मान मेरे काम की मान्यता है, इस काम को करने का मौका पाकर मैं धन्य महसूस करती हूँ और साथ ही वह लोग भी महत्वपूर्ण हैं जिनकी आवाज़ों की मदद से हम अपनी कहानियों को बयान कर पाते हैं।”

खबर लहरिया ने साझा किया की, “ग्रामीण दलित महिलाएं होने के नाते, हम इस बात को ध्यानपूर्वक मद्देनज़र रखती हैं कि हम सालों से चली आ रही रीत से कुछ अलग कर रहे हैं और अन्य महिलाओं का पथ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन साथ ही हमें ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो समय के साथ-साथ और भी तीव्र रूप धारण करती चली जा रही हैं। इस सम्मान से हम उत्साहित एवं विनम्र महसूस कर रहे हैं और हम आशा करते हैं कि इससे उस काम को वैश्विक पहचान मिलेगी जिसे केवल उन महिलाओं के द्वारा ही किया जा सकता है जिन्हें बहुत लंबे समय तक एक दीवार के पीछे दबा कर रखने की कोशिश की गई है।”

इंटरनेशनल वुमेन्स मीडिया फाउंडेशन के बारे में 

साल 1989 में स्थापित, International Women’s Media Foundation (इंटरनेशनल वुमेन्स मीडिया फाउंडेशन) (IWMF) एकमात्र वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जो ख़ास तौर पर महिला पत्रकारों के लिए आपात सहायता, सुरक्षा प्रशिक्षण, अनुदान, कौशल निर्माण एवं रिपोर्टिंग के अवसर प्रदान करता है। हम और भी अधिक तादाद में महिलाओं द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टिंग को संभव बनाने की कोशिश कर रहे हैं एवं दुनिया भर के समाचार उद्योग में विविध आवाज़ों को उभर कर सामने लाने और उन्हें बुलंद बनाने के लिए निरंतर अथक प्रयास कर रहे हैं। 

आप IWMF को Twitter (ट्विटर) @IWMF पर, Facebook (फ़ेसबुक) @IWMFPage पर एवं Instagram (इंस्टाग्राम) @TheIWMF पर फॉलो कर सकते हैं। 

पूरा प्रेस रिलीज़ पढ़ने के लिए IWMF की वेबसाइट पर जाएं या srishti@chambalmedia.com को ईमेल करें। 

इंग्लिश में यह प्रेस विज्ञप्ति पढ़ने के लिए (यहां) क्लिक करें।