खबर लहरिया Blog अंतराष्ट्रीय विकलांगता/ दिव्यांग दिवस 2020 : अधिकार, सम्मान और आवाज़ का एक मंच

अंतराष्ट्रीय विकलांगता/ दिव्यांग दिवस 2020 : अधिकार, सम्मान और आवाज़ का एक मंच

3 दिसंबर का दिन पूरे विश्वभर में अंतराष्ट्रीय विकलांगता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सामान्य अर्थों में कहा जाए तो विकलांगता शारीरिक एवं मानसिक अक्षमता को कहा जाता है, जिसकी वजह से कोई व्यक्ति सामान्य व्यक्तियों की तरह हर कार्य को नहीं कर पाता।

International Disability / Disability Day 2020

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरर्स  ने कहा कि, “2030 एजेंडा के मूल वादे को पूरा करने के लिए विकलांग व्यक्तियों को उनके अधिकारों के बारे में एहसास कराना जरूरी है।” 2030 का एजेंडा, “किसी को पीछे ना छोड़ना है 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतराष्ट्रीय विकलांगता दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। 

विकलांगता दिवस मनाने का उद्देश्य

????विकलांगो के अधिकारों और उनके जीवन को बेहतर बनाना। 

????समाज में उन्हें आत्मसम्मान दिलाना, लोगों द्वारा उन्हें समझना और लोगों को विकलांगता के बारे में जागरूक करना।

????समाज के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं में उन्हें भी शामिल करना। 

????विश्वभर में विकलांग लोगों के अलगअलग मुद्दों पर हमारा ध्यान केंद्रित करना।

????उनके स्वास्थ्य, सेहत,शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा पर ध्यान केंद्रित करना।

विकलांगता दिवस का इस बार का विषय 

International Disability / Disability Day 2020

इस बार अंतराष्ट्रीय विकलांगता दिवस का विषय विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना और उनका समावेश और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है साथ ही यूनेस्को इस बार विश्वभर में जागरूकता फैलाने के लिएहमारी कहानियाँ सुनाएं, अधिकारों को सक्षम करेंनाम से एक अभियान भी चलाएगी। साल 2019 का विषयविकलांग व्यक्तियों के नेतृत्व और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना”  रखा गया था। 

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरर्स का यह है कहना

एंटोनियो गुटरर्स का कहना है किहमारे सभी कामों से, हमारा लक्ष्य साफ़ है : एक ऐसी दुनिया जहां सभी को समान भागीदारी, निर्णय लेने का अवसर और सही मायने में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन का लाभ उठाने का मौका मिले। एंटोनियो ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के 13 वें सम्मेलन में कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही वह लड़ रहे हैं।

कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर  लगभग एक अरब लोगों को प्रभावित किया है। वह अपने वीडियो मैसेज में कहते हैं कि, “इस सम्मेलन में 182 पार्टियां हैं। लेकिन महामारी ने इस बार यह बात साफ़ कर दी है कि विकलांगता के मानव अधिकार मॉडल को समझने के लिए हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है 

नॉट ऑल डिसएबिलिटी इज़ विज़ीबलको दिया गया महत्व

इस बारनॉट ऑल डिसएबिलिटी इज़ विज़ीबलयानी हर विकलांगता दिखती नहीं“, विषय पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। जैसेमानसिक बीमारी, कोई पुराना   घाव,संज्ञानात्मक विकार आदि।

कोविड-19 महामारी के दौरान देखा गया कि दुनिया भर में विकलांग व्यक्ति अलगाव महसूस कर रहे थें। इस अलगाव ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी काफ़ी हद तक प्रभावित किया।

भारत में विकलांगता से जुड़े आंकड़े

विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि विश्वभर में 15 प्रतिशत लोग विकलांगता का जीवन जीते हैं। वहीं 2 से 4 प्रतिशत ऐसे भी लोग हैं जिन्हें कोई भी कार्य करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से उनका साथ नहीं दे पाता। 

2011 की जनगणना में बताया गया कि भारत की 121 करोड़ जनसंख्या यानी पूरी जनसंख्या के 2.21 प्रतिशत लोग विकलांग हैं। इसमें 56 प्रतिशत पुरूष और 44 प्रतिशत महिलाएं हैं।

69 प्रतिशत विकलांग लोगों की जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 31 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में। ( 2011 की विकलांगता जनसंख्या की रिपोर्ट के अनुसार

इन उम्र के लोगों में पायी जाती है सबसे ज़्यादा विकलांगता

???? 10 से 19 साल – 17 प्रतिशत

???? 20 से 29 साल – 16 प्रतिशत

???? 60 साल से ज़्यादा – 21 प्रतिशत

भारत में ज़्यादातर लोगों को है, इस प्रकार की विकलांगता

सेंसेस ऑफ भारत की 2011 से 2016 तक की विकलांगता जनसंख्या की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में ज़्यादातर लोगों में देखने में, चलने में, बोलने में, सुनने में और मानसिक तौर पर विकलांगता पाई जाती हैं।

  1. देखने में ( 19 %)
  2. चाल में (20 %)
  3. सुनने में (19 %)
  4. अन्य विकलांगता ( 8 %)

इस बार इन प्रतियोगिताओं का किया गया है आयोजन

साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगता शब्द की जगह लोगों कोदिव्यांगशब्द के इस्तेमाल के लिए कहा था। तब से भारत मे विकलांगता शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का उपयोग किया जाता है। 

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2020 के दिन दिव्यांग छात्रों के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, एमसीडी, एनडीएमसी और कैंट स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए हैं।

निदेशालय के मुताबिक दिव्यांग छात्रों की अक्षमता, उनके अधिकार और उनके जीवन के सभी पहलुओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाए जाने वाले इस दिवस पर इस बार स्कूल बंद रहेंगे। ऐसे में छात्र घर पर रहकर ही ऑनलाइन चित्रकला, स्लोगन लेखन, एकल नृत्य, काव्य पाठ या संगीत प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग/ विकलांगता दिवस, विश्वभर के विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए शुरू की गयी, एक अच्छी पहल है। आज जहां सभी किसी किसी चीज़ के पीछे भाग रहे हैं, ऐसे माहौल में दिव्यांग लोगों के बारे में प्रशासन भी सोचना भूल जाता है। यहां तक कि चुनाव के समय भी इनके अधिकार और सम्मान को लेकर कोई बात नहीं कि जाती। आज के समय में लोगों को विकलांग लोगों से जुड़ी परेशानियां और उनके हक के बारे में जागरूक करने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है।