ट्विटर पर कई यूज़र्स ने कहा कि वह सरकार से बेहद निराश हैं। उन्हें लगा था कि कोरोना में शायद उन्हें कुछ राहत मिल जाए पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का 2022-23 का आम बजट पेश किया है। पीएम मोदी ने भी बजट को लोगों के अनुकूल और प्रगतिशील बताया। बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे मध्यम वर्ग के लोगों को ज़रूर से मायूसी मिली है। इससे कॉर्पोरेट को काफ़ी राहत मिली है। वहीं यह भी कहा गया कि, “2 साल से टैक्स नहीं बढ़ाया, ये सबसे बड़ी राहत की बात है।”
इसके अलावा क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया है। साथ ही वर्चुअल करंसी (आभासी मुद्रा) के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स, कटौती करने वाला) भी लगेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी। साथ ही इस बजट में 16 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें, क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान। अंतर सिर्फ इतना है कि यह दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।
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जानिये क्या है टैक्स स्लैब
मौजूदा नियम के मुताबिक अलग-अलग टैक्स स्लैब (Tax Slab) पर अलग अलग टैक्स दरें तय की गई हैं। पर्सनल टैक्सपेयर्स (व्यक्तिगत करदाता) की तीन कैटेगरी यानी वर्ग तय किये गए हैं। पहली, 60 साल से कम के लोगों के लिए। दूसरी, वरिष्ठ नागरिक यानी 60 साल से 80 साल की उम्र वाले लोगों के लिए और तीसरी 80 साल से अधिक लोगों के लिए है।
नए टैक्स सिस्टम (कर प्रणाली) के बारे में जानें
नए टैक्स सिस्टम में 7 स्लैब बनाए गए हैं। इनमें 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। वहीं 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों को 10 फीसदी टैक्स देना होता है जबकि 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगता है।
10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए की सालाना आय वाले लोगों को 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। अगर किसी व्यक्ति की आय 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक की है तो उन पर 25 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। 15 लाख रुपए से ज़्यादा कमाई वालों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाता है। नए नियमों में टैक्स स्लैब की दरों में कमी लाई गई है लेकिन इसमें सेक्शन 80C के तहत और अन्य टैक्स छूटों को कम कर दिया गया है।
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जानिये क्या है जनता की राय
खबर लहरिया ने बजट 2022 को लेकर यूपी के अयोध्या, चित्रकूट और वाराणसी जिले के लोगों से बात की। कई लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोज़गारी के लिए तो कोई आम बजट पास नहीं होता और न ही उन्हें ऐसा कुछ पता है।
परमलाल कहते हैं, उन्होंने ग्रेजुएशन की है। वह एक साल से आम बजट के पास होने का इंतज़ार कर रहे हैं ताकि लोगों की बेरोज़गारी दूर हो पर उन्हें इस बारे में कुछ पता ही नहीं चल पाता।
जसोदा कहती हैं, उन्हें नहीं पता की आम बजट क्या होता है। यह सब पढ़े-लिखे लोगों की बातें हैं। वह लोग तो मज़दूर हैं। उन्हें बेशक थोड़ा-बहुत राशन मिल जाता है पर राशन से घर तो नहीं चलता न।
महोबा के एडवोकेट राजकुमार राठौर कहते हैं, आम बजट तो हर साल पास होता है। उनके अनुसार क्यूंकि देश कृष प्रधान देश है तो बजट उसी पर पास होना चाहिए। आम बजट में खाद,बीज आदि चीज़ें शामिल करनी चाहिए। स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था भी इसमें शामिल होना चाहिए।
हरगोविंद ने कहा कि आम बजट बिल में स्वास्थ्य को जोड़ा गया है। इससे मेडिकल वालों को काफी राहत मिलेगी।
टैक्स को लेकर वित्त मंत्री ने कही ये बात
वित्त मंत्री ने कहा कि, “हमने 2 साल से एक भी टैक्स नहीं लगाया है। पिछली बार प्रधानमंत्री मोदी का आदेश था कि घाटा कितना भी क्यों न हो, महामारी के दौर में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं लादना है। इस बार भी हमने पीएम का यही आदेश माना। यही वजह रही कि हमने महामारी की वजह से सरकार के सामने मौजूद मांग और चुनौतियों के बावजूद टैक्स के जरिए राहत ढूंढने की कोशिश नहीं की है।
सीतारमण ने मध्यम वर्ग द्वारा भरे जाने वाले टैक्स को कम न करने की वजह महाभारत के एक उदाहरण द्वारा दी। उन्होंने कहा :-
दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥
यानी कि, “राजा को किसी भी प्रकार की ढिलाई न करते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के योगक्षेम (कल्याण) के लिए अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए।”
सिर्फ श्लोक समझ जाने भर से अगर मध्यम वर्ग के लोगों की मुसीबतें कम हो जाती तो फिर कोई परेशानी की वजह ही नहीं थी। उच्च वर्ग के लोगों से कभी यह बात समझने के लिए नहीं कहा जाता पर हाँ, उनसे ज़रूर उम्मीद की जाती है जिन्हें सबसे ज़्यादा परेशानी होती है यानी मध्यम व गरीब वर्ग के लोगों से।
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क्रिप्टोकरंसी और इनकम टैक्स पर बने मीम्स हो रहे वायरल
वित्तमंत्री द्वारा क्रिप्टोकरंसी और इनकम टैक्स (आयकर) को लेकर जैसे ही घोषणा की गयी, ट्विटर पर इसे और बजट को लेकर काफी मीम्स बनने लगे और काफ़ी वायरल भी हो रहे हैं।
https://twitter.com/Amaaatya/status/1488413245249449984?s=20&t=r9k11OK6s5BCI_mwu4bNOA
Tax payers waiting for the good news…#Budget2022 #incometax pic.twitter.com/b7Ek3DxEZd
— सख्याहरी (@sakhyahari) February 1, 2022
बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या-क्या ऐलान किए यहां जानिए :-
बजट से यूपी को क्या-क्या मिला?
सेंट्रल टैक्स (केंद्रीय कर) से यूपी को कुल 1,46,498 करोड़ रुपये मिलेगा। वित्त आयोग से 15 हज़ार 3 करोड़ रूपये मिलेंगे। स्वच्छ भारत मिशन के लिए 1900 करोड़ मिलेंगे। जल जीवन मिशन के लिए 13 हज़ार करोड़, रोड हाइवे के लिए 16 हज़ार 300 करोड़, जल संसाधन के लिए 957 करोड़ और समग्र शिक्षा के लिए 6241 करोड़ रुपये मिलेंगे।
महिलाओं के लिए शुरू की जाएंगी योजनाएं
वित्तमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय की योजनाओं को एक बार फिर से लाया गया है। जिसके तहत महिलाओं के लिए यह योजनाएं शुरू की जाएंगी : मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य योजना और सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2 स्कीम। जानें योजनाओं के बारे में:-
क्या है सक्षम आंगनवाड़ी योजना?
यह नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी है, जिसमें पहले से अधिक प्रभावी ढांचा, श्रव्य-दृश्य विज्ञापन (सुनने और देखने वाला विज्ञापन) आदि सुविधाएं दी जा रही हैं। इस योजना के अंतर्गत दो लाख आंगनबाड़ियों को विकसित किया जाएगा।
मिशन वात्सल्य योजना क्या है?
बजट 2022 में मिशन वात्सल्य योजना को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत बच्चों के कल्याण के लिए काम किया जाएगा। मिशन वात्सल्य को मज़बूती देने के लिए सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण योजना मिलकर काम करेंगे।
पोषण 2 योजना क्या है?
इस योजना के अंतर्गत शिशुओं का पोषण बढ़ाना, बच्चों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना और बच्चों के जन्म के समय होने वाले खर्च आदि सरकार द्वारा उठाने का काम होगा। पोषण योजना 2 और सक्षम आंगनवाड़ी योजना सरकार के ‘एकीकृत बाल विकास सेवा’ (आईसीडीएस) की जगह पर शुरू किया गया है। आपको बता दें कि आईसीडीएस स्कीम (समन्वित बाल विकास योजना), आंगनवाड़ी सेवा, पोषण अभियान आदि को मिलाकर पोषण मिशन 2.0 शुरू हुआ है।
जानें क्या हुआ महंगा और सस्ता
– 1 अक्टूबर 2022 से देश में बिना इथेनॉल मिक्स वाले ईंधन पर 2 रुपये प्रति लीटर का शुल्क लगेगा।
– घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मोबाईल फोन चार्जर, मोबाइल फ़ोन कैमरा लेंस, ट्रांसफार्मर आदि सस्ते होंगे।
– चीन और विदेशों से आयात होने वाले हेडफोन और इयरफोन होंगे महंगे। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया।
– रत्नो और आभूषणों पर 5 % कर घटाया गया है।
– आर्टिफीसियल गहने होंगे महंगे।
– छतरियां होंगे महंगी। इन पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर 20 % कर दिया है। आपको बता दें, यह एक तरह का टैक्स है, जो उन सामानों पर लगता है, जो आयात या निर्यात किए जाते हैं। जब कोई सामान विदेश से भारत में आता है तो उस पर कई तरह के शुल्क वसूले जाते हैं। कस्टम ड्यूटी को देशों द्वारा अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
– स्टील कबाड़ का आयात रहेगा सस्ता
– मल्टीपल (एक से ज़्यादा) लाउडस्पीकर, स्मार्ट मीटर, सोलर सेल, सोलर मॉड्यूल, एक्सरे मशीन आदि भी हुए महंगे।
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जानें किसानों के लिए क्या है बजट में
किसानों को खेती में लागत घटाने के लिए ड्रोन के ज़रिये तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य का रिकार्ड भुगतान किया जाएगा। रसायनिक उवरर्कों पर निर्भरता को कम किया जाएगा। साथ ही राज्यों के विश्वविद्यालयों में कृषि से जुड़े पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा। केन-बेतवा परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इससे 9 लाख हेक्टेयर से अधिक हेक्टेयर रकबे को सिंचाई का पानी मिलेगा। किसानों को डिजिटल सेवायें प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत होगी।
बजट में शिक्षा-स्वास्थ्य को लेकर क्या है?
कोरोना काल में पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों का। बजट में बताया गया कि ‘एक क्लास, एक टीवी चैनल’ को 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल किया जाएगा। इसके अलावा एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना भी होगी। अगर स्वास्थ्य की बात करें तो बजट में स्वास्थ्य संरचना को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया गया है। देखभाल सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। देश के मुख्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (NIMHANS) के अंतर्गत 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र चलाए जाएंगे।
बजट में रेलवे को क्या मिला?
ट्रेन के किराये में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगले तीन साल में तेज़ गति से चलने वालीं 400 नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की गई है। भारतीय रेलवे की गति के लिए 100 गतिशक्ति कार्गो का भी प्लान है। आत्मनिर्भर भारत के तहत सुरक्षा और क्षमता में बढ़ोतरी के लिए 2,000 किमी रेल नेटवर्क को स्वदेशी तकनीक कवच के तहत लाया जाएगा। रेलवे एमएसएमईज (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) और किसानों के लिए नए प्रोडक्ट्स बनाएगा।
बजट को लेकर पार्टियों की प्रतिक्रिया
बजट को लेकर बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पीएम मोदी तारीफ़ करते हुए दिख रहे हैं तो वहीं राहुल गांधी ने कहा कि, “देश की जनता टैक्स वसूली के बोझ से परेशान हैं जबकि मोदी सरकार के लिए ये टैक्स की कमाई एक बड़ी उपलब्धि है। नज़रिये का अंतर है – उन्हें जनता का दर्द नहीं सिर्फ अपना ख़ज़ाना दिखता है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा, “इस बजट में नौकरीपेशा, मिडिल क्लास के लिए, गरीबों के लिए, बेरोजगारों के लिए, किसानों के लिए और MSMEs के लिए कुछ नहीं है।”
आम बजट से आम जनता बिलकुल भी खुश नहीं दिख रही है। सोशल मिडिया के प्लेटफॉर्म्स पर वह हैशटैग और मीम्स के ज़रिये नए बजट पर ताना कसते हुए दिख रही है। ट्विटर पर कई यूज़र्स ने कहा कि वह सरकार से बेहद निराश हैं। उन्हें लगा था कि कोरोना में शायद उन्हें कुछ राहत मिल जाए पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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