खबर लहरिया Blog चित्रकूट: नए प्रधान के आने से ग्रामीणों में जागी गाँव में विकास होने की उम्मीद

चित्रकूट: नए प्रधान के आने से ग्रामीणों में जागी गाँव में विकास होने की उम्मीद

जिला चित्रकूट के ब्लॉक मानिकपुर के गॉंव अमचुर नेरुवा के मजरा खदरा में लोग विकास न होने से परेशान हैं। इस गॉंव में पिछले कई वर्षों से एक ही प्रधान थे, जिनके कार्यकाल में न ही लोगों को किसी भी योजना का फायदा मिल पाया और न ही इस गॉंव में विकास हो पाया। अब इस साल कई पंचवर्षों के बाद गॉंव में नए प्रधान चयनित हुए हैं। गाँव के लोगों में भी अब उम्मीद जागी है कि शायद नए प्रधान के आने से ग्रामीणों को कुछ राहत मिले और यहाँ विकास हो। 

पिछले कई सालों से थे एक ही प्रधान-

इसी गॉंव की रहने वाली ननकी ,गंगा, मुन्नी लाल, शिवभजन रामकली ने हमें बताया कि उनके गाँव में पिछले कुछ सालों से प्रधान पद पर राजाभाइया ही जीत हासिल करते रहे, लेकिन उन्होंने गाँव के लोगों को कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई। न ही गाँव में आर सी सी सड़कें हैं, न ही लोगों के घरों में शौचालय है और न ही गाँव में किसी को अबतक आवास मिल पाया है। इन लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में गाँव में लगे हैंडपंप में से पानी आना भी बंद हो जाता है और कई बार तो लोगों को पानी की तलाश में मीलों पैदल चलकर जाना पड़ता है। 2 महीने पहले हुए पंचायत चुनाव में जो नयी प्रधान चयनित हुई हैं उनका नाम प्रिया द्विवेदी है। ग्रामीणों की मानें तो नयी प्रधान उनके लिए एक उम्मीद की किरण हैं, जंगल से लगे इस गाँव के लोगों का मानना है कि नयी प्रधान गाँव में विकास लाने की अपनी पूरी कोशिश करेंगी।


गाँव में अबतक नहीं हुआ कोई भी विकास कार्य-

बता दें कि इस गाँव में ज़्यादातर आदिवासी परिवार रहते हैं जो छोटा-मोटा रोज़गार कर अपना घर खर्च चलाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रदेश सरकार भी कुछ महीनों पर आदिवासों परिवारों को लेकर सर्वे तो ज़रूर करती है और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलवाने के वादे भी करती है परन्तु इन लोगों को मिलता कुछ भी नहीं है। बरसात के मौसम में यह लोग पन्नी डालकर या झोपड़ियों में रहते हैं, गॉंव के पूर्व प्रधान ने भी सालों-साल आवास दिलवाने के वादे किये लेकिन आजतक यह आदिवासी परिवार कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित हैं। 

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मजरा खदरा पुरवा की आबादी लगभग तीन सौ है और गाँव अमचुर नेरूवा में लगभग 900 वोटर हैं। तकरीबन एक हज़ार की आबादी वाले इस गॉंव में विकास का नामोनिशान नहीं है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि पिछले प्रधान ने योजनाओं को लेकर लाभार्थियों से सारे फॉर्म भरवाए लेकिन उन कागज़ों पर आगे कोई कार्यवाही ही नहीं हुई। कई लोगों ने यह भी बताया कि गॉंव में एक-दो बार कोल जाति के प्रधान चयनित किये गए लेकिन राजाभइया ने पैसे देकर प्रधान पद ले लिया और प्रधान की कुर्सी पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार ऊंची मानी जाने वाली जाति की प्रधान नियुक्त हुई हैं, इसलिए राजाभइया को पीछे हटना पड़ा।


पूर्व प्रधान राजा त्रिपाठी की प्रतिनिधि कल्ली का कहना है कि अमचुर नेरूवा गाँव में बीते सालों में उन्होंने पूरा विकास करवाने की कोशिश की है। जब गाँव में पानी की किल्लत हुई तब उन्होंने ग्रामीणों के लिए बोरवेल लगवाया, कई ग्रामीणों को आवास भी मिले। उनका कहना है कि ग्रामीण अगर उनके द्वारा किये गए विकास कार्यों से खुश नहीं हैं तो अब उन्हें उम्मीद है कि नयी प्रधान ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरी उतरेंगी। 

 

नई प्रधान ने गाँव में विकास लाने का किया है वादा-

गॉंव की नयी प्रधान प्रिया द्विवेदी ने हमें बताया कि इस गाँव में कई सालों से एक ही प्रधान नियुक्त किये जा रहे थे जिन्होंने गाँव के विकास की ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया है। प्रिया का कहना है कि अगले पांच वर्षों में वो अपनी पूरी कोशिश करेंगी कि ग्रामीणों की समस्याओं को हल कर सकें। साथ ही मजरा खदरा में भी लोगों को आवास दिलवाने की कोशिश करेंगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी लोग धैर्य रखें, वो अपना प्रयास कर सभी गरीब एवं लाभार्थी परिवारों को हर योजना का लाभ दिलवाएंगी। 

ब्लॉक मानिकपुर के बी डी ओ सुनील कुमार सिंह का कहना है अभी गाँव में नए प्रधान आये हैं। अब जैसे ही विकास का बजट आएगा, वैसे ही हर गॉंव में विकास कार्य करवाया जायेगा।

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नए प्रधान के आने से ज़ाहिर है कि ग्रामीणों में उम्मीद की किरण जाग उठी है। लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि जब भी कोई नया प्रधान चुना जाता है वो लोगों से लम्बेचौड़े वादे करता है परन्तु उन वादों पर खरा नहीं उतर पाता। ऐसे में इस गाँव की नई प्रधान अपने द्वारा किए जा रहे वादों पर खरी उतरेंगी या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।