खबर लहरिया ताजा खबरें क्या किसान की किस्मत में आत्महत्या ही लिखी है?

क्या किसान की किस्मत में आत्महत्या ही लिखी है?

उल्लेखनीय है सहकारी बैंकों से बकायेदार किसानों को रिकवरी नोटिस दिए जा रहे है। बीते दिन आर्यावर्त बैंक नरैनी ने 39 किसान को भूमि नीलामी की नोटिस दी थी। इधर सावन के पहले दिन ही सदर बाँदा के ब्रह्मा डेरा गांव के एक किसान ने खुदकुशी की है। प्रकरण के सम्बंध में मिली जानकारी मुताबिक कर्ज़ के चलते एक और किसान ने बबूल के पेड़ में फाँसी लगा ली है।बैंक की नोटिस आ रही थी किसान पे 5 लाख का था कर्ज़ । 6 और सात जुलाई की बारिश के बाद मेघ शांत है लेकिन कर्ज से टूटा किसान सूखे की आहट में लगातार आत्महत्या कर रहा है।बड़ी बात है योगी सरकार का एक भी माननीय इन किसानों की देहरी नही चढ़ता और न विपक्ष का कोई वास्ता है। आज जनपद के विकास भवन में निपटा किसान दिवस अधिकारी की गैरमौजूदगी में यह दर्शा रहा था कि प्रदेश का किसान सम्रद्धि आयोग और किसान सम्मान निधि योजना के साथ योगी की कर्जमाफी ने कितना लाभ पहुंचाने का काम किया है।

 सरकारी डेटा के अनुसार 2001 से  2014 तक बुंदेलखंड के  3278 किसानो ने आत्महत्या की है.

2015 से तो सरकार ने डेटा निकालना भी बंद कर दिया.

 बुंदेलखंड के करीब 14 लाख किसानों पर सरकारी बैंकों का कर्जा करीब एक हज़ार करोड़ से ज्यादा का है

बैंको से मिली जानकारी के अनुसार अकेले बाँदा जिले में 1लाख 10 हजार किसानों ने बैंको से कर्ज लिया है, जिसमें 8 हजार किसानों के नाम आर सी जारी की गई है

16 जुलाई ( गंज ),महोबा। ‘ गांव के बड़े किसान विशाल सिंह ने बांध परियोजना में पूरा मुआवजा न मिलने से आहत होकर खुदकुशी की

16 जुलाई, तिंदवारी। मामला थाना क्षेत्र के पिपरगवां गांव का है। किसान राजेंद्र प्रसाद (38) पुत्र बदलू वर्मा    किसी काम से बाँदा गया था। वापस आया तो पत्नी चुन्नी  ने खाना परोसा इसीबीच बडी  बेटी किरन की शादी को लेकर पत्नी ने चर्चा खोल दी तो राजेंद्र मायूस हो गया,उसे बुधवार को उसे बेटी की शादी के लिए लड़का देखने जाना था। पत्नी की बात से मायूस किसान केसीने में अचानक दर्द उठा तो पत्नी चुन्नी ने देवर चंद्रशेखर को बुलाया । उसे परिजन पीएचसी ले गए जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

18 जुलाई। महोबा जनपद के कोतवाली कुलपहाड़ के ग्राम विजयपुर निवासी किसान हृयदेश द्विवेदी ( उम्र 58 वर्ष ) पुत्र बाबूलाल के नाम 12 एकड़ कृषि भूमि थी। सिंचाई की सुविधा न होनेसे खेती में उचित पैदावार नहीं होती थी। किसान पर 12 लाख रुपये का कर्ज बताया जा रहा है। मृतक किसान के भाई ने अवधेश ने बताया की इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक कुलपहाड़ से ही2.20 लाख रुपये कर्ज था।

 उधर बाँदा के ब्रह्मा डेरा निवासी किसान रामकिशोर पर 50-50 हज़ार रुपये कर्ज था। ब्याज सहित यह करीब डेढ़ लाख हो गया था। बताते चले दो सप्ताह में मंडल के अंदर महोबा के किसानकी आत्महत्या छठवीं है  जिसमें चार मृतक किसान बाँदा से है।